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तालिबान अपने वादे से मुकरा: अफगानिस्तान में लड़कों के खुले स्कूल, लड़कियों पर साधी चुप्पी

अफगानिस्तान में एक बार फिर तालिबानी राज हो गया है. तालिबान के नेतृत्व में नए शिक्षा मंत्रालय ने शनिवार से अफगानिस्तान में सभी माध्यमिक स्कूलों को खोलने के निर्देश दे दिए हैं. इस निर्देश में सिर्फ लड़कों के स्कूल खोलने का जिक्र है.

Updated on: 18 Sep 2021, 09:28 PM

नई दिल्ली:

अफगानिस्तान में एक बार फिर तालिबानी राज हो गया है. तालिबान के नेतृत्व में नए शिक्षा मंत्रालय ने शनिवार से अफगानिस्तान में सभी माध्यमिक स्कूलों को खोलने के निर्देश दे दिए हैं. इस निर्देश में सिर्फ लड़कों के स्कूल खोलने का जिक्र है. हालांकि. नए दिशा-निर्देश में कब लड़कियों के स्कूल खुलेंगे या खुलेंगे भी या नहीं, ऐसा कोई भी उल्लेख नहीं है. पिछले हफ्ते किए गए वादे से तालिबान सरकार की ओर से जारी यह निर्देश एक दमदम अलग है. इस निर्देश में सभी निजी और अमीरात यानी सरकारी माध्यमिक, उच्च विद्यालयों तथा धार्मिक छात्रों एवं शिक्षकों स्कूल आने को कहा गया है.

पिछले हफ्ते तालिबान ने कई वादों के साथ अंतरिम सरकार के गठन की घोषणा की थी. इसमें पिछले तालिबानी शासन जो वर्ष 1996 से 2001 तक रहा की नीतियों को दोहराए नहीं जाने का भरोसा दिया गया था, लेकिन मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, असल बात इससे बिल्कुल अलग है. इस दौरान अफगानिस्तान में महिलाओं की नौकरी करने पर रोक लगा दी गई है.

इसके बाद रोजगार और शिक्षा के मसले से जुड़े अधिकारों को लेकर कई महिलाओं और इनसे जुड़े संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया है. तमाम विशेषज्ञों और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने महिला शिक्षकों और छात्रों के भविष्य को लेकर चिंता जाहिर की है. तालिबानी सरकार में शिक्षा मंत्री शेख अब्दुल हक्कानी ने कहा है कि शरिया कानून के तहत शैक्षिक गतिविधियां हैं.

अफगानिस्तान में दूतावास बंद, वीजा की हो रही काला बाजारी

अब अफगानिस्तान में वीजा के लिए मारामारी चल रही है. ट्रैवल एजेंसियां वीजा के लिए लाखों रुपये कमा रही हैं. पूर्व अफगान सरकार के पतन के बाद काबुल में विदेशी दूतावासों के बंद होने पर अफगानिस्तान में वीजा मांगने वालों की संख्या बढ़ने के साथ, युद्धग्रस्त देश में वीजा के लिए कालाबाजारी का कारोबार आसमान छू रहा है. टोलो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, कई ट्रैवल एजेंसियों का कहना है कि इस समय केवल पाकिस्तान के वीजा कानूनी रूप से प्राप्त किए जा सकते हैं, लेकिन कई अन्य देशों के वीजा काले बाजार में ऊंचे दामों पर बेचे जा रहे हैं.

काबुल में एक ट्रैवल एजेंसी के निदेशक शफी समीम ने टोलो न्यूज को बताया कि लोग काला बाजार से नियमित कीमतों से दोगुना या तिगुना वीजा खरीद रहे हैं. समीम के मुताबिक, लोग पाकिस्तान से 350 डॉलर तक, ताजिकिस्तान से 400 डॉलर, उज्बेकिस्तान से 1,350 डॉलर और तुर्की से 5,000 डॉलर तक में वीजा खरीद रहे हैं.