कंधार और हेरात में बंद पड़े भारतीय दूतावासों में घुसे थे तालिबानी, किया था ये काम
कंधार और हेरात में बंद पड़े भारतीय वाणिज्य दूतावास भी पहुंचे. वहां उन्होंने बंद पड़ी अलमारी को खोलकर तलाशी ली और दोनों दूतावासों में पार्क किए गए कार को भी उठाकर ले गए.
नई दिल्ली :
तालिबानियों के हाथ अफगानिस्तान लग चुका है. तालिबानी घर-घर की तलाशी ले रहे हैं. इतना ही नहीं वो एम्बेसी में भी घुसकर खोजबीन कर रहे हैं. मीडिया हाउस के मुताबिक तालिबान के लड़ाके बुधवार को कंधार और हेरात में बंद पड़े भारतीय वाणिज्य दूतावास भी पहुंचे. वहां उन्होंने बंद पड़ी अलमारी को खोलकर तलाशी ली और दोनों दूतावासों में पार्क किए गए कार को भी उठाकर ले गए. मीडिया हाउस की मानें तो तालिबान के लड़ाके घर-घर जाकर अफगानी सैनिकों की तलाशी ले रहे हैं. तलाशी इसलिए चला रहे हैं ताकि एनडीएस खुफिया एजेंसी के लिए काम करने वाले अफगानों की पहचान की जा सके. भारत के दूतावासों में भी तालीबानी घुसे हालांकि वो क्या-क्या वहां से ले गए उसकी रिपोर्ट फिलहाल उपलब्ध नहीं है.
तालिबान उन लोगों की भी तलाश कर रहा है, जिन्होंने नाटो और अमेरिकी बलों के लिए काम किया है और उनके साथ सहयोग किया है. गोपनीय पेपर नॉर्वेजियन सेंटर फॉर ग्लोबल एनालिसिस द्वारा तैयार किया गया है, जो संयुक्त राष्ट्र को खुफिया जानकारी प्रदान करता है. बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, तालिबान लक्षित व्यक्तियों के परिवार के सदस्यों को तब तक गिरफ्तार कर रहे हैं या उन्हें मारने या गिरफ्तार करने की धमकी दे रहे हैं, जब तक कि वे तालिबान के सामने आत्मसमर्पण नहीं कर देते. इसमें कहा गया है कि विशेष जोखिम वाले लोग सैन्य, पुलिस और जांच इकाइयों में पदों वाले लोग हैं.
रिपोर्ट में कहा गया है, तालिबान सभी प्रमुख शहरों का अधिग्रहण करने से पहले व्यक्तियों की अग्रिम मैपिंग कर रहा है. इसमें कहा गया है कि काबुल हवाई अड्डे से कुछ विदेशी कर्मियों को निकालने की अनुमति देते हुए आतंकवादी व्यक्तियों की स्क्रीनिंग कर रहे हैं, लेकिन वहां की स्थिति अराजक बनी हुई है.
रिपोर्ट के अनुसार, तालिबान नए शासन के साथ सहयोग करने के लिए नए मुखबिर नेटवर्क की भर्ती कर रहा है.
तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने मंगलवार को कहा था कि विद्रोही समूह किसी भी संघर्ष, किसी भी युद्ध को दोहराना नहीं चाहता है.
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तालिबान द्वारा अफगानिस्तान सरकार को उखाड़ फेंकने के बाद से मुजाहिद ने अपनी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था, हम संघर्ष के कारकों को खत्म करना चाहते हैं. इसलिए, इस्लामिक अमीरात की किसी के प्रति किसी भी तरह की दुश्मनी नहीं है. उसने कहा था कि सभी दुश्मनी समाप्त हो गई है.
जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, प्रवक्ता ने कहा था, हम शांति से रहना चाहते हैं. हम कोई आंतरिक दुश्मन या बाहरी दुश्मन नहीं चाहते हैं.
प्रवक्ता ने कहा था कि तालिबान पूर्व सैनिकों और पश्चिमी समर्थित सरकार के सदस्यों के खिलाफ प्रतिशोध की मांग नहीं करेगा,यह आंदोलन पूर्व अफगान सरकार के सैनिकों के साथ-साथ ठेकेदारों और अनुवादकों को माफी दे रहा है, जिन्होंने अंतर्राष्ट्रीय बलों के लिए काम किया था.
अफगानिस्तान के काबुल से जो रिपोर्ट सामने आ रही है उसकी मानें तो हक्कानी नेटवर्क के करीब 6 हजार लड़ाके अंतकवादी समूह के प्रमुख और तालिबान के उपनेता सिराजुद्दीन हक्कानी के भाई अनस हक्कानी के नेतृत्व में राजधानी को अपने नियंत्रण में ले लिया है. वहीं, अनस हक्कानी अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई समेत कई नेताओं से मुलाकात की. ऐसा कहा जा रहा है कि तालिबानी हामिद करजई समेत कई नेताओं के आने जाने पर प्रतिबंध लगाने वाला है.
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