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तालिबान ने नरेंद्र मोदी के 'आतंक की सत्ता' वाले बयान पर जताया ऐतराज

रेडियो पाकिस्तान को दिए इंटरव्यू में तालिबान के वरिष्ठ नेता शहाबुद्दीन दिलावर ने कहा कि भारत को जल्द ही पता चल जाएगा कि तालिबान अपनी सरकार सुचारू रूप से चला सकते हैं.

Updated on: 27 Aug 2021, 03:25 PM

highlights

  • 15 अगस्त को काबुल पर तालिबान के कब्जा करने के बाद भारत से संबंध पर ग्रहण
  • पीएम मोदी सोमनाथ में परियोजनाओं का उद्घाटन के समय आतंक की सत्ता का किया था ज़िक्र  
  • तालिबान के नेता शहाबुद्दीन दिलावर ने कहा कि पाकिस्तान उनका पड़ोसी और मित्र देश है

नई दिल्ली:

तालिबान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान पर सख्त आपत्ति जताई है.अफ़ग़ानिस्तान का नियंत्रण अपने हाथों में लेने के बाद यह पहली बार है जब तालिबान ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान पर ऐतराज जताया है. दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ दिन पहले कहा था, "आतंक के बलबूते साम्राज्य खड़ा करने वाली सोच है, वो किसी कालखंड में कुछ समय के लिए भले ही हावी हो जाए, लेकिन उसका अस्तित्व कभी स्थायी नहीं होता. वो ज़्यादा दिनों तक मानवता को दबाकर नहीं रख सकता." पीएम मोदी गुजरात के सोमनाथ में कई परियोजनाओं का उद्घाटन करते हुए आतंक की सत्ता के बारे में ज़िक्र किया था. अब तालिबान ने इसी बयान को आधार बनाकर अपनी टिप्पणी दी थी.

रेडियो पाकिस्तान को दिए इंटरव्यू में तालिबान के वरिष्ठ नेता शहाबुद्दीन दिलावर ने कहा कि भारत को जल्द ही पता चल जाएगा कि तालिबान अपनी सरकार सुचारू रूप से चला सकते हैं. 

अफगानिस्तान में तालिबान के नियंत्रण के बाद से ही भारत-अफगानिस्तान संबंध जेरे बहस है. पिछले 20 वर्षों से भारत का अफगानिस्तान से अच्छा संबंध रहा है. भारत ने अफगानिस्तान के विकास में भारी निवेश भी किया है. लेकिन 15 अगस्त को काबुल पर तालिबान के कब्जा करने के बाद से इस संबंध पर ग्रहण लगता दिख रहा है.

अफ़ग़ानिस्तान को लेकर भारत की दुविधा कई तरह की है. तालिबान को मान्यता देने के ख़तरे से लेकर सुरक्षा को लेकर चिंता और साथ-साथ बड़ी रक़म वाली परियोजनाओं के भविष्य पर कशमकश.

तालिबान पाकिस्तान का अच्छा मित्र है और पाक भारत का विरोधी. पहले भी पाकिस्तान तालिबान का उपयोग भारत के खिलाफ करता रहा है. तालिबान के नेता शहाबुद्दीन दिलावर ने ये भी कहा कि पाकिस्तान उनका पड़ोसी है और मित्र देश है.

दिलावर ने पाकिस्तान का इस बात के लिए शुक्रिया अदा किया कि उसने 30 लाख से अधिक अफ़ग़ान शरणार्थियों को अपने यहाँ पनाह दे रखी है.

शहाबुद्दीन दिलावर ने कहा कि वो शरणार्थियों के कल्याण के लिए पाकिस्तान की सेवाओं के लिए उसका धन्यवाद करते हैं. उन्होंने कहा कि वे सभी देशों के साथ पारस्परिक सम्मान पर आधारित शांतिपूर्ण संबंध चाहते हैं.

तालिबान भले दावा करे कि आने वाले दिनों में अफगानिस्तान में सुचारू रूप से शासन संचालित होगा लेकिन 26 अगस्त को जिस तरह से काबुल एयरपोर्ट पर फिदायिन हमला हुआ और सैकड़ों लोगों की जान चली गयी, उससे संदह पुख्ता होता है कि अफगानिस्तान में अब अमन-चैन का माहौल कायम होगा.