तालिबान ने गनी-सालेह को किया माफ, कहा- लौट सकते हैं अफगानिस्तान
तालिबान के वरिष्ठ नेता खलील उर रहमान हक्कानी ने कहा कि हम अपनी तरफ से सभी को माफ करते हैं. हमारे खिलाफ युद्ध लड़ने वाले जनरल से लेकर आम आदमी तक.
highlights
- मुस्लिम देशों से आपस में मेल-मिलाप की अपील
- ताजिक, बलूच, हजारा और पश्तून तालिबान के भाई
- अमेरिका के खिलाफ युद्ध भी मातृभूमि के लिए किया
काबुल:
अफगानिस्तान (Afghanistan) में एक बेहद नाटकीय घटनाक्रम में तालिबान (Taliban) ने अफगानिस्तान के अपदस्थ राष्ट्रपति अशरफ गनी (Ashraf Ghani) और स्वघोषित राष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह (Amrulla Saleh) को माफी दे दी है. तालिबान के वरिष्ठ नेता खलील उर रहमान हक्कानी ने जियो न्य़ूज से कहा है कि तालिबान अशरफ गनी, अमरुल्लाह सालेह और हमदुल्ला मोहिब को माफ करता है. तालिबान और तीनों के बीच दुश्मनी केवल धर्म के आधार पर थी. गनी और सालेह अगर चाहें तो अफगानिस्तान लौट सकते हैं. इसके साथ ही तालिबान ने मुस्लिम देशों से मेल-मिलाप की अपील भी जारी की है.
खलील हक्कानी ने किया सभी को माफ
जियो न्यूज के साथ एक विशेष साक्षात्कार में तालिबान के वरिष्ठ नेता खलील उर रहमान हक्कानी ने कहा कि हम अपनी तरफ से सभी को माफ करते हैं. हमारे खिलाफ युद्ध लड़ने वाले जनरल से लेकर आम आदमी तक. हक्कानी ने देश से भागने वाले लोगों से ऐसा नहीं करने का आग्रह किया और कहा कि दुश्मन प्रचार कर रहा था कि तालिबान उनसे बदला लेगा. उन्होंने कहा, ताजिक, बलूच, हजारा और पश्तून सभी हमारे भाई हैं. माना जा रहा है कि हक्कानी का यह बयान दुनिया को गुमराह करने के लिए है. इस तरह के बयान जारी कर तालिबान खुद को बदला हुआ पेश करना चाहता है.
अमेरिकी हथियार अल्लाह का तोहफा
हक्कानी ने कहा कि तालिबान वे नहीं थे जो अमेरिका के खिलाफ युद्ध में गए थे. यह कहते हुए कि समूह ने अमेरिका के खिलाफ हथियार उठाने का फैसला किया था जब उसने अपनी मातृभूमि पर हमला किया और अपनी संस्कृति, धर्म और देश के खिलाफ लड़ाई लड़ी. उन्होंने कहा, अमेरिकी हमारे खिलाफ, हमारी मातृभूमि पर हथियारों का इस्तेमाल कर रहे थे. अल्लाह ने तालिबान को अमेरिकी हथियार युद्ध की लूट के रूप में दिए. उन्होंने कहा कि तालिबान ने अपने दुश्मनों पर एक बड़ी जीत हासिल की है. अफगानिस्तान सेना में 350,000 सैनिक शामिल थे और उन्हें अमेरिका, नाटो और अन्य देशों का समर्थन प्राप्त था.
मुस्लिम देशों से एका की अपील भी की
हक्कानी ने कहा कि तालिबान चाहता है कि सभी मुस्लिम देश आपस में मेल-मिलाप करें. उन्होंने दुनिया भर के देशों को अपने नागरिकों को उचित अधिकार प्रदान करने की सलाह दी और कहा कि अफगानिस्तान में एक समावेशी अफगान सरकार का गठन किया जाएगा. उन्होंने कसम खाई, अत्यधिक सक्षम, शिक्षित लोग अफगानिस्तान में सरकार बनाएंगे. जनता को एकजुट करने वाले लोगों को नई सरकार में शामिल किया जाएगा. अफगानिस्तान के भीतर सभी समूहों का प्रतिनिधित्व करने वाली सरकार का वादा करते हुए, हक्कानी ने कहा कि सभी विचारधाराओं के लोग तालिबान के प्रति अपनी निष्ठा की प्रतिज्ञा कर रहे हैं.
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