logo-image

पंजशीर के सीमावर्ती इलाकों में पहुंचा तालिबानी लड़ाके, दोनों के बीच आमने-सामने की लड़ाई की नौबत

अफगानिस्तान के कई प्रांतों पर तालिबान कब्जा कर चुका है. लेकिन पंजशीर ही एक ऐसा प्रांत है जहां तालिबान का कब्जा नहीं है. इसी बीच पंजशीर के सीमावर्ती इलाकों में तालिबानी लड़ाकों के पहुंचने की खबर है.

Updated on: 26 Aug 2021, 02:27 PM

highlights

  • पंजशीर के सीमावर्ती इलाकों में पहुंचा तालिबानी लड़ाके
  • दोनों के बीच आमने-सामने की टक्कर की नौबत

नई दिल्ली:

अफगानिस्तान के कई प्रांतों पर तालिबान कब्जा कर चुका है. लेकिन पंजशीर ही एक ऐसा प्रांत है जहां तालिबान का कब्जा नहीं है. इसी बीच पंजशीर के सीमावर्ती इलाकों में तालिबानी लड़ाकों के पहुंचने की खबर है. मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक बगलान प्रांत के अंदराब जिले में शनिवार देर रात बड़ी तादाद में तालिबानी लड़ाकों ने हमला कर दिया. इस हमले में यहां कई लोगों के मारे जाने की खबर है. तालिबानी आंतक के डर से बगलान प्रांत के अंदराब जिले के लोगों ने पलायन करना शुरु कर दिया है. तालिबान आधुनिक हथियार के बदौलत अफगानिस्तान के 33 प्रांतो पर कब्जा कर चुका है. अब तालिबान पंजशीर को कब्जा कर अफगानिस्तान में एकल सम्राज्य स्थापित करने की दिशा में तेजी से बढ़ रह है. वहीं पंजशीर की सेना तालिबानी लड़ाकों को मुंहतोड़ जवाब दे रही है. 

यह भी पढ़ें: हिंडन एयरबेस पहुंचे अफगान सांसद ने कहा- अफगानिस्तान में पिछले 20 साल की उपलब्धियां हुई खत्म

मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक तालिबान के लड़ाके और पंजशीर के अहमद मसूद की सेनाओं के बीच आमने-सामने की लड़ाई शुरु हो गई है. पंजशीर ही अफगानिस्तान का ऐसा प्रांत है जो लंबे समय से तालिबानी हुकूमत का विरोध करता रहा है. तालिबान अफगानिस्तान के तकरीबन 33 प्रांतों पर अपना कब्जा जमा चुका है. सिर्फ पंजशीर ही एक ऐसा प्रांत है जो तालिबान की पहुंच से दूर था. हालांकि पंजशीर से 125 किलोमीटर पहले यानी काबुल तक तालिबान का कब्जा है. 

यह भी पढ़ें: तालिबान ने द्वितीय विश्वयुद्ध की प्रतिष्ठित तस्वीर के साथ अमेरिका का मजाक उड़ाया

तालिबान ने फरमान जारी कर कहा है कि पंजशीर के अहमद मसूद की सेनाएं अगर शांतिपूर्ण तरीके से सरेंडर नहीं करेंगी तो उन पर हमला किया जाएगा.  बता दें कि तालिबान पंजशीर पर आज तक आंख उठा कर नहीं देख पाया है. लेकिन आज हालात कुछ बदल गए है. पहले के मुकाबले पंजशीर की सेनाओं से ज्यादा ताकतवर तालिबानी लड़ाके हैं.  इसके पीछे की वजह साफ है. तालिबान लड़ाकों के पास आधुनिक हथियारों की फेहरिस्त लंबी है. अमेरिकी कई हथियारों को तालिबानी लड़ाकों ने लूट कर अपने काफिले में कर लिया है. वहीं पंजशीर दुनिया से मदद की आस लगाए हुए है. बहरहाल पंजशीर के अहमद मसूद की सेनाओं ने तालिबानी लड़ाकों से मुकाबला करने की हुंकार भर दी है.