तालिबान का काबुल में महिला कर्मियों को घर पर रहने का आदेश

काबुल के अंतरिम मेयर ने कहा है कि देश के नए तालिबान शासकों ने शहर की कई महिला कर्मचारियों को घर पर ही रहने का आदेश दिया है और महिलाओं को वही काम करने की इजाजत है जो पुरुष नहीं कर सकते हैं.

author-image
Nihar Saxena
New Update
Taliban

तालिबान ने महिलाओं और लड़कियों पर लगाई सख्त पाबंदियां.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के अंतरिम मेयर ने कहा है कि देश के नए तालिबान शासकों ने शहर की कई महिला कर्मचारियों को घर पर ही रहने का आदेश दिया है और महिलाओं को वही काम करने की इजाजत है जो पुरुष नहीं कर सकते हैं. यह फैसला अधिकतर महिला कर्मचारियों को काम पर लौटने से रोकेगा और यह इस बात का एक और संकेत है कि तालिबान सार्वजनिक जीवन में महिलाओं पर पाबंदियां लगाने समेत इस्लाम की कठोर व्याख्या को लागू कर रहा है, जबकि उसने सहिष्णु और समावेशी सरकार का वादा किया था. 1990 के दशक में शासन के दौरान तालिबान ने लड़कियों और महिलाओं के स्कूल जाने तथा नौकरी करने पर रोक लगा दी थी.

Advertisment

महिलाओं और लड़कियों पर पाबंदियां
हाल के दिनों में नई तालिबान सरकार ने लड़कियों और महिलाओं के अधिकारों पर अंकुश लगाने वाले कई फरमान जारी किए हैं. उसने मिडिल और हाई स्कूल की छात्राओं से कहा कि वे फिलहाल स्कूल नहीं आएं, जबकि लड़कों के लिए इस हफ्ते के अंत से स्कूल खोल दिए गए हैं. विश्वविद्यालय की छात्राओं को सूचित किया गया है कि लड़के और लड़कियों की कक्षाएं की अलग अलग होंगी और उन्हें सख्त इस्लामी पोशाक संहिता का पालन करना होगा. अमेरिका के समर्थन वाली पिछली सरकार में अधिकतर स्थानों पर विश्वविद्यालयों में सह शिक्षा थी. तालिबान ने पिछले महीने इस सरकार को अपदस्थ कर सत्ता पर कब्जा कर लिया था.

यह भी पढ़ेंः US एक्सपर्ट का दावा - कोरोना वायरस को हराने के लिए बूस्टर शॉट जरूरी

महिलाओं ने किया घर पर रहने के आदेश पर प्रदर्शन
तालिबान ने शुक्रवार को महिला कार्य मंत्रालय को बंद कर दिया था और इसकी जगह ‘सदाचार प्रचार एवं अवगुण रोकथाम’ मंत्रालय स्थापित किया था और उसे इस्लामी कानून लागू करने का जिम्मा दिया गया है. रविवार को एक दर्जन से ज्यादा महिलाओं ने मंत्रालय के बाहर प्रदर्शन किया और उनके हाथों में तख्तियां थी जिनमें सार्वजनिक जीवन में महिलाओं की भागीदारी की मांग की गई थी. एक तख्ती पर लिखा था, जिस समाज में महिलाएं सक्रिय नहीं होती हैं, वह बेजान समाज होता है. बसीरा तवाना नाम की 30 वर्षीय प्रदर्शनकारी ने कहा, वे (तालिबान) हमारे अधिकार क्यों छीन रहे हैं? हम यहां अपने और अपनी बेटियों के हक के लिए आए हैं. प्रदर्शन करीब 10 मिनट तक चला और एक व्यक्ति से कहासुनी होने के बाद महिलाएं कार में बैंठी और चली गईं.

यह भी पढ़ेंः कैप्टन को 'क्लीन बोल्ड' करने पर भी 'हिट विकेट' होते दिख रहे सिद्धू

काबुल के अंतरिम मेयर ने की यह घोषणा
शहर में अन्य स्थान पर अंतरिम मेयर हमदुल्लाह नामोनी ने अपनी नियुक्ति के बाद पहली बार पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए रविवार को कहा कि पिछले महीने तालिबान के सत्ता पर काबिज़ होने से पहले शहर में करीब तीन हजार महिला कर्मचारी थीं और वे सभी विभागों में काम करती थी. नमोनी ने कहा कि महिला कर्मियों को अगला फैसला होने तक घरों में रहने का आदेश दिया गया है. उन्होंने कहा कि केवल उन महिलाओं को काम करने की अनुमति दी गयी है, जिनके स्थान पर पुरुष काम नहीं कर सकते. उन्होंने कहा कि इनमें डिजाइन और इंजीनियरिंग विभागों में कुशल कामगारों के अलावा महिलाओं के लिए सार्वजनिक शौचालयों की देखरेख करने वाली महिलाएं शामिल हैं. उन्होंने कहा, कुछ क्षेत्र हैं जहां पुरुष काम नहीं कर सकते हैं. हमें हमारी महिला कर्मियों से कहना पड़ा कि वे अपनी ड्यूटी निभाएं क्योंकि कोई विकल्प नहीं है.

HIGHLIGHTS

  • कई महिला कर्मचारियों को घर पर ही रहने का आदेश
  • वही काम करने की इजाजत है जो पुरुष नहीं कर सकते
  • विरोध स्वरूप महिलाओं का मंत्रालय के बाहर प्रदर्शन 
अफगानिस्तान taliban महिलाएं afghanistan तालिबान पाबंदियां women Sharia
      
Advertisment