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अफगानिस्तान में विरोधी गुट दाएश को तालिबान ने बताया 'सिरदर्द', कहा-जल्द करेंगे खात्मा

अफगानिस्तान में जबरन स्थापित तालिबान राज को कई मुश्किलों क सामना करना पड़ रहा है. आर्थिक बदहाली के साथ कई गुट उसके खिलाफ खड़े हैं। गुरुवार को तालिबान के प्रवक्ता और देश के सूचना और संस्कृति उप मंत्री जबीउल्लाह मुजाहिद ने विरोधी गुट दाएश को लेकर चिंता जताई.

Updated on: 08 Oct 2021, 08:21 AM

highlights

  • सूचना और संस्कृति उप मंत्री जबीउल्लाह मुजाहिद ने विरोधी गुट दाएश को लेकर चिंता व्यक्त की.
  • मुजाहिद के अनुसार, अफगानिस्तान के लोग दाएश के समर्थक नहीं हैं. 
  • राजनीतिक विशेषज्ञों के अनुसार बिन समर्थन के दाएश लंबे समय तक लड़ने में सक्षम नहीं होगा.

नई दिल्ली:

अफगानिस्तान में जबरन स्थापित तालिबान राज को कई मुश्किलों क सामना करना पड़ रहा है. आर्थिक बदहाली के साथ कई गुट उसके खिलाफ खड़े हैं। गुरुवार को तालिबान के प्रवक्ता और देश के सूचना और संस्कृति उप मंत्री जबीउल्लाह मुजाहिद ने विरोधी गुट दाएश को लेकर चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि इस समूह को जल्द से जल्द खत्म करने की कोशिश होगी. मुजाहिद ने कहा, 'हम दाएश को खतरा नहीं मानते हैं, लेकिन हम इसे सिरदर्द कहते हैं.' यह कुछ जगहों पर हमारे लिए सिरदर्द बना हुआ है। मगर हम जल्द इससे पार पा लेंगे." मुजाहिद के अनुसार, अफगानिस्तान के लोग दाएश के समर्थक नहीं हैं. 

लड़ाई तालिबान के लिए मुश्किलें खड़ी करेगी

हालांकि, राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि दाएश अफगानिस्तान के लिए एक गंभीर समस्या है। अगर समूह का मुकाबला करने के लिए जबरदस्त प्रयास नहीं किए गए, तो यह अपनी गतिविधियों का विस्तार करेगा। राजनीतिक विश्लेषक तमीम बाहिस के अनुसार "दाएश के पास अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय समर्थन नहीं है और बिना समर्थन के दाएश लंबे समय तक लड़ने में सक्षम नहीं होगा। हालांकि, दाएश के साथ लड़ाई तालिबान के लिए मुश्किलें खड़ी करेगी।

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पाकिस्तानी पत्रकार ताहिर खान का कहना है कि “तालिबान ने खुद कहा कि उन्होंने काबुल और अन्य जगहों पर दाएश के खिलाफ अभियान शुरू किया है। इसका मतलब है दाएश तालिबान के लिए खतरा बनकर उभरा है। हालांकि नंगरहार के कुछ इलाकों में उसे नियंत्रित किया गया था। मगर अब उसकी रणनीति बदल गई है, जिसका मतलब है कि वे अब शहरों पर ध्यान देते हैं।

दाएश लड़ाकों को हिरासत में लिया गया

इस्लामिक अमीरात ने हाल ही में काबुल के पगमान जिले में दाएश से जुड़े चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है। पूर्वी प्रांत नंगरहार में दो दाएश लड़ाकों को हिरासत में लिया गया था। गौरतलब है कि 15 अगस्त को तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा जमाया था। अफगानिस्तान में तालिबान राज आने के बाद स्थितियां काफी बिगड़ चुकी हैं। यहां पर कई गुट तालिबान का विरोध कर रहे हैं। इसके साथ देश को बड़े देशों से आर्थिक सहायता मिलनी बंद हो चुकी है। तालिबान सरकार के लिए इन हालात से पार पाना कठिन हो गया है।