जलालाबाद पर कब्जे के बाद तालिबान ने अफगानिस्तान पर पूरी तरह से कब्जा जमाने के लिए काबुल में चारों तरफ से घुसना शुरू कर दिया है. समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक गृह मंत्री शेख राशिद अहमद ने खुद इस बात को स्वीकार किया है कि तालिबान अब अफगानिस्तान पर पूर्ण कब्जे से महज एक कदम दूर है. इस बीच अमेरिका ने अपने दूतावास के कर्मियों को बाहर निकालने और संवेदनशील दस्तावेजों को नष्ट करने के लिए और सैनिक भेजे हैं. अमेरिकी हेलीकॉप्टर भी दूतावास की छत पर उतरते देखे गए हैं.
गौरतलब है कि जलालाबाद पर कब्जा करते ही तालिबान ने काबुल को पूर्वी अफगानिस्तान से पूरी तरह से काट दिया था. रविवार सुबह तालिबान ने कुछ तस्वीरें ऑनलाइन जारी कीं जिनमें उसके लड़ाके नांगरहार प्रांत की राजधानी जलालाबाद में गवर्नर के दफ्तर में देखे जा सकते है. प्रांत के सांसद अबरारुल्ला मुराद ने भी मीडियो को बताया है कि चरमपंथियों ने जलालाबाद पर कब्जा कर लिया है. स्थानीय लोगों के अनुसार अमेरिकी दूतावास के ऊपर उन्होंने लड़ाकब हेलीकॉप्टर चिनूक को भी मंडराते देखा है.
एक रिपोर्ट में तालिबान की प्रवक्ता की ओर से दावा किया गया है वह जबर्दस्ती काबुल में दाखिल नहीं होगा. सूत्र बता रहे हैं कि अफगान सरकार ने शांतिपूर्ण तरीके से तालिबान को सत्ता हस्तांतरण की गुपचुप तैयारी शुरू कर दी है. इस बीच जर्मनी ने अपने नागरिकों को निकालने के लिए सोमवार को बचाव दल को भेजने का निर्णय किया है. अमेरिका भी अपने दूतावासकर्मियों को निकालने के प्रयासों को तेज कर रहा है वहीं दूसरी ओर हजारों आम लोग काबुल में उद्यानों और खुले स्थानों में शरण लिए हुए हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक काबुल में रविवार को शांति रही, लेकिन कई एटीएम से नगदी निकासी बंद हो गई. निजी बैंकों के बाहर सैकड़ों की तादाद में जमा लोग अपनी जीवनभर की पूंजी को निकालने की आस लगाए एकत्रित हुए.
गौरतलब है कि काबुल के अलावा जलालाबाद ही ऐसा इकलौता प्रमुख शहर था जो तालिबान के कब्जे से बचा हुआ था. अब अफगानिस्तान की केंद्रीय सरकार के अधिकार में काबुल के अलावा सात अन्य प्रांतीय राजधानी बची हैं. तालिबान ने रविवार सुबह कुछ तस्वीरें ऑनलाइन जारी कीं जिनमें उसके लोगों को नांगरहार प्रांत की राजधानी जलालाबाद में गवर्नर के दफ्तर में देखा जा सकता है.
HIGHLIGHTS
- काबुल पर तालिबान का कब्जा बस चंद घंटों की बात
- अमेरिका ने अपने नागरिकों को निकालने के प्रयास किए तेज
- अफगान सरकार भी हथियार डालने के मूड में