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तालिबान का एक और फरमान, अब लड़कियों को नहीं पढ़ा सकेंगे पुरुष शिक्षक

अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद वहां शरिया कानून के नाम पर अत्याचार बढ़ता जा रहा है.

Updated on: 30 Aug 2021, 03:40 PM

नई दिल्ली:

अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद वहां शरिया कानून के नाम पर अत्याचार बढ़ता जा रहा है. खासकर वहां महिलाओं को इसका दंश ज्यादा झेलना पड़ रहा है. इसकी एक सबसे बड़ी वजह यह भी है कि तालिबान ने सत्ता में आने के बाद महिला विरोधी फरमानों की झड़ी लगा दी है. सोमवार को तालिबान ने एक बार फिर महिलाओं को लेकर नया फरमान जारी किया है. दरअसल, तालिबान ने अफगानिस्तान में को-एड एजुकेशन पर बैन लगा दिया है. नए फरमान के अनुसार अब पुरुष टीचर लड़कियों को नहीं पढ़ा सकेंगे. 

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आपको बता दें कि इससे पहले तालिबान ने अफगानिस्तान में गीत संगीत और महिलाओं की आवाज वाले सभी कार्यक्रमों के प्रसारण पर रोक लगा दी थी. यही नहीं तालिबान ने मीडिया में भी महिलाओं की एंट्री बैन कर दी है. अफगानिस्तान में तालिबान लड़ाकों का जुल्म लगातार बढ़ता जा रहा है. तालिबान लड़ाके अफगान की सड़कों पर खुलेआम हथियार लेकर घूम रहे हैं, जिसकी वजह से लोगों में खौफ का माहौल है.  हालांकि अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद से ही महिलाओं पर अत्याचार हो रहे हैं. कई महिलाओं के साथ रेप और हत्या के मामलों के बाद अब तालिबान ने दावा किया है कि वह महिलाओं को पढ़ाई की छूट देगा. तालिबान के कार्यवाहक उच्च शिक्षा मंत्री अब्दुल हक्कानी ने महिलाओं को लेकर एक बड़ी घोषणा की है. अब्दुल बाकी हक्कानी ने कहा है कि तालिबान के शासन में लड़कियां यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर सकेंगी. हालांकि इस दौरान लड़के-लड़कियों की क्लासेस एक साथ नहीं चलेंगी. वहीं महिलाओं को पढ़ाई के बाद काम करने की भी इजाजत दी जा सकती है. 

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इससे पहले 1990 के शासन में तालिबान लड़कियों की शिक्षा के खिलाफ था. उसने लड़कियों के कॉलेज जाने पर रोक लगा दी थी. इस बार जब तालिबान दोबारा सत्ता में आया है तो उसने लड़कियों की शिक्षा की वकालत की है. कार्यवाहक उच्च शिक्षा मंत्री अब्दुल हक्कानी ने लड़कियों की पढ़ाई की बात की है. उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान के लोग शरिया कानून के तहत उच्च शिक्षा हासिल कर सकेंगे. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों में लड़कियों के लिए अलग क्लास चलेंगी. उन्हें लड़कों के साथ पढ़ाई करने की अनुमति नहीं होगा. इससे पहले अफगानिस्तान में तालिबान के शासन के बाद से ही महिलाओं पर जुल्म की खबरें लगातार सामने आ रही थीं.