स्वीडन के प्रधानमंत्री स्टीफन लोफवेन ने विश्वास मत हारने के बाद इस्तीफा दिया
349 सीटों वाली संसद में लोफवेन के खिलाफ 181 सांसदों ने वोट दिए, जबकि उनके समर्थन में 109 सांसदों ने वोट किया और 51 सांसद अनुपस्थित रहे
highlights
- स्वीडिश PM स्टीफन लोफवेन ने सोमवाार को इस्तीफा दे दिया
- स्टीफन लोफवेन ने संसद में अपना विश्वास मत खो दिया था
- 349 सीटों वाली संसद में लोफवेन के खिलाफ 181 सांसदों ने वोट दिए
नई दिल्ली:
स्वीडन में राजनीतिक संकट गहराता नजर आ रहा है. संसद में विश्वास मत हारने के बाद प्रधानमंत्री स्टीफन लोफवेन ने सोमवाार को इस्तीफा दे दिया है. जिसके बाद वहां की राजनीति में हलचल मच गई है. आपको बता दें कि स्वीडिश प्रधानमंत्री स्टीफन लोफवेन ने हाल ही में संसद में अपना विश्वास मत खो दिया था क्योंकि अधिकांश सांसदों ने उनके चले जाने का समर्थन किया था. सिन्हुआ समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले सोमवार को 349 सीटों वाली संसद में लोफवेन के खिलाफ 181 सांसदों ने वोट दिए, जबकि उनके समर्थन में 109 सांसदों ने वोट किया और 51 सांसद अनुपस्थित रहे.
Sweden Prime Minister Stefan Lofven resigns after losing no confidence vote: AFP News Agency
— ANI (@ANI) June 28, 2021
(File photo) pic.twitter.com/WaA5lKHtPU
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स्वीडन के इतिहास में अविश्वास मत के साथ अपदस्थ होने वाले पहले PM
इस प्रकार लोफवेन स्वीडन के इतिहास में अविश्वास मत के साथ अपदस्थ होने वाले पहले मौजूदा प्रधानमंत्री बने. लेफ्ट पार्टी ने कहा कि नवनिर्मित मकानों के लिए किराया नियंत्रण खत्म करने के प्रस्ताव के कारण लोफवेन में उसका विश्वास नहीं रहा. बता दें कि स्वीडन में किराये पर कड़ा नियंत्रण है, जिसका उद्देश्य बड़े शहरों में सस्ती दर बनाए रखना है. अब इससे भवन निमार्ताओं में किराये के बाजार के लिए नए घर बनाने में निवेश करने को लेकर कम उत्साह है. लेफ्ट पार्टी को डर है कि किराया बाजार को नियंत्रण मुक्त करने से मूल्यों में तेजी से बढ़ोतरी होगी और गरीब एवं अमीर के बीच का अंतर बढ़ेगा.
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कंजर्वेटिव पार्टियों, मॉडरेट्स और क्रिश्चियन डेमोक्रेट्स ने प्रस्ताव का समर्थन किया
चूंकि लेफ्ट पार्टी के पास इस तरह के प्रस्ताव को अपने दम पर आगे बढ़ाने के लिए आवश्यक संख्या में सांसद नहीं हैं इसलिए यह आखिरकार आप्रवास विरोधी पार्टी स्वीडन डेमोक्रेट्स द्वारा किया गया. देश में आवास की कमी को हल करने के लिए किराये में किए गए आवश्यक सुधार को देखते हुए भी कंजर्वेटिव पार्टियों, मॉडरेट्स और क्रिश्चियन डेमोक्रेट्स ने प्रस्ताव का समर्थन किया.
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