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भारत 'पेरिस समझौते' से आगे बढ़कर पर्यावरण के लिए काम करेगा: सुषमा स्वराज

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का कहना है कि भारत पर्यावरण के बचाव के लिए पेरिस जलवायु समझौते से आगे बढ़कर काम करेगा।

Updated on: 20 Sep 2017, 12:12 PM

नई दिल्ली:

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का कहना है कि भारत पर्यावरण के बचाव के लिए पेरिस जलवायु समझौते से आगे बढ़कर काम करेगा। यह बयान मंगलवार को न्यूयॉर्क में जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र के सेक्रेटरी जनरल एंटोनियो गुटेरेस से मुलाकात के दौरान जारी किया गया  

उन्होंने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हमेशा से पर्यावरण सुरक्षा और पृथ्वी पर हरियाली बरक़रार रखने की बात पर जोर दिया है।

सुषमा स्वराज ने कहा, 'भारत पर्यावरण को बचाने की दिशा में 'पेरिस समझौते' से आगे बढ़कर काम करेगा। हमारी प्रतिबद्धता आने वाली पीढ़ियों के लिए है। '

उन्होंने आगे कहा कि भारत इस दिशा में और खास कर अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन के लिए पूरी तरह समर्पित है और यूएन सेक्रेटरी जनरल और संबंधित संगठनों के साथ मिलकर काम करने को तैयार है।

पेरिस जलवायु समझौता, जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (यूएनएफसीसीसी) द्वारा जारी एक एग्रीमेंट है। पेरिस में यूएनएफसीसीसी के 21वें सम्मेलन में 196 पार्टियों के प्रतिनिधियों ने समझौते को बातचीत और आम सहमति से 12 दिसंबर 2015 को अपनाया था।

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इस समझौते में जो लक्ष्य तय किया गया है उसके अंतर्गत इस शताब्दी के अंत तक वैश्विक तापमान को 2 डिग्री सेल्सियस के नीचे रखने की हर संभव कोशिश की जाएगी। ऐसा इसलिए है क्योंकि 2 डिग्री से ऊपर जाने पर समुद्र का स्तर बढ़ने लगेगा, मौसम में भयकंर बदलाव देखने को मिलेगा और पानी और खाने की किल्लत भी पड़ सकती है।

हालांकि, उन लोगों की भी कमी नहीं है जो कहते हैं कि दो डिग्री के लक्ष्य से कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा। सितंबर 2017 तक 195 यूएनएफसीसीसी सदस्यों इस समझौते पर साइन कर चुके हैं।

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