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डाकोला विवाद के बीच नेपाल के प्रधानमंत्री देउबा से मिलीं सुषमा स्वराज

ये मुलाक़ात भारत चीन के बीच कालापानी सीमा विवाद को लेकर भी काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

Updated on: 11 Aug 2017, 12:26 AM

नई दिल्ली:

भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने गुरुवार को काठमांडू में नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा से मुलाकात की। इसी साल जून में नेपाली कांग्रेस के नेता देउबा को नेपाल का प्रधानमंत्री चुना गया और उसके बाद से दोनों देशों के नेताओं के बीच यह पहली मुलाकात है।

ये मुलाक़ात भारत चीन के बीच कालापानी सीमा विवाद को लेकर भी काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। बता दें कि कालापानी नेपाल के धारचूला जिले से 75 किलोमीटर पश्चिम में है। यहां चीन, भारत और नेपाल की सीमाएं मिलती हैं। 

भारत के साथ नेपाल की 1800 किलोमीटर लंबी सीमा है और इसके 75 जिलों में से करीब आधे में सीमा विवाद है।

भारतीय सैनिकों ने चीनी सेना को सिक्किम के डाकोला सेक्टर में एक सड़क बनाने से रोक दिया जिसके बाद इलाके में 50 दिनों से भारत और चीन के बीच गतिरोध चल रहा है।

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चीन ने विवादित डाकोला पठार से भारतीय सैनिकों को हटाने की मांग करते हुए कहा है कि वह अपनी सरजमीं के अंदर सड़क बना रहा है। भूटान का कहना है कि डाकोला उसका क्षेत्र है लेकिन चीन इस इलाके को अपना बता रहा है। उनका कहना है कि थिम्पू का बीजिंग के साथ इस मुद्दे पर कोई विवाद नहीं है।

गुरुवार को ही चीन के सरकारी अख़बार ग्लोबल टाइम्स ने भारत को चेताते हुए लिखा है कि यदि चीन उत्तराखंड के कालापानी क्षेत्र या कश्मीर में घुस जाएगा, तब नयी दिल्ली क्या करेगा। 

हाल के दिनो में चीन नेपाल के साथ नजदिकियां बढ़ने की कोशिश में जुटा है। 

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31 जुलाई को नेपाल स्थित चीनी दूतावास के सैन्य अधिकारी ल्यू श्याओक्वांग ने काठमांडू में चीनी जन मुक्ति सेना की 90वीं वर्षगांठ की खुशी मनाने के लिये एक सत्कार समारोह आयोजित किया था। इसी वर्ष मार्च महीने में चीनी स्टेट कौंसिलर, रक्षा मंत्री छांग वान न्ये ने भी नेपाल की यात्रा की थी। 

ऐसे में सुषमा स्वराज और नेपाल के प्रधानमंत्री के बीच की ये मुलाकात दोनो देशों के बीच संबंधो को बेहतर बनाने के नज़रिए से बेदह ख़ास है।

भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट किया, 'भारत और नेपाल के बीच मित्रता और समन्वय का अनूठा संबंध। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा से मुलाकात की।'

नेपाल का प्रधानमंत्री चुने जाने के बाद देउबा 23 अगस्त को अपने पहले विदेश दौरे के तहत भारत आ रहे हैं। इससे थोड़ा ही पहले सुषमा उनसे मिलने पहुंचीं हैं।

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साथ ही, सुषमा का यह नेपाल दौरा आगामी सोमवार को चीन के उप प्रधानमंत्री वांग यांग की नेपाल यात्रा से ठीक पहले हुआ है। भारत वांग यांग की नेपाल यात्रा पर करीब से निगाह रखेगा।

सुषमा के नेपाल दौरे से ठीक एक दिन पहले नेपाल के उप प्रधानमंत्री कृष्ण महारा ने कहा था कि भारत और चीन के बीच डाकोला को लेकर चल रहे सीमा विवाद में नेपाल किसी भी देश का पक्ष नहीं लेगा।

महारा नेपाल के विदेश मंत्री भी हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि नेपाल चाहता है कि भारत और चीन शांतिपूर्ण वार्ता के जरिए इस समस्या का समाधान निकालें।

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नेपाल दौरे पर सुषमा शुक्रवार को बिम्सटेक की 15वीं मंत्रीस्तरीय बैठक में हिस्सा लेंगी। बिम्सटेक शीर्ष अधिकारियों की बैठक का 18वां सत्र गुरुवार सुबह राजधानी में शुरू हुआ।

नेपाल के एक अधिकारी ने कहा कि बिम्सटेक में भारत का महत्वपूर्ण स्थान है। नेपाल, क्षेत्रीय समूह का वर्तमान अध्यक्ष है। सदस्य देश इसी साल बाद में नेपाल में ही होने वाले चौथे बिम्सटेक शिखर सम्मेलन की तारीख तय करने को लेकर चर्चा करेंगे।

बिम्सटेक बैठक के प्रमुख एजेंडे में सदस्य देशों के बीच मुक्त व्यापार समझौते को अंतिम रूप देना है। इसके अलावा सुषमा नेपाल की राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी, विपक्ष के नेता के. पी. ओली, माओवादी नेता और पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' और कुछ मधेशी नेताओं से भी मुलाकात करेंगी।

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