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चीन में आतंकवाद के खिलाफ गरजीं सुषमा स्वराज, कहा- पाकिस्तान ने नहीं उठाया कदम तो हमने लिया एक्शन

सुषमा स्वराज ने वुहान में विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान कहा कि इस तरह के कायरतापूर्ण हमले आतंकवाद के खिलाफ सभी देशों को जीरो टोलेरेंस दिखाने की जरूरत है.

Updated on: 27 Feb 2019, 09:29 AM

वुहान:

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने चीन में अपने समकक्ष विदेश मंत्री वांग ई के साथ द्विपक्षीय बैठक के दौरान जम्मू-कश्मीर के पुलवामा आत्मघाती हमले का मुद्दा उठाया. सुषमा स्वराज ने वुहान में 16वें रूस-भारत-चीन (आरआईसी) की विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान कहा कि इस तरह के कायरतापूर्ण हमले आतंकवाद के खिलाफ सभी देशों को जीरो टोलेरेंस दिखाने और इसके खिलाफ निर्णायक फैसला लेने की जरूरत को याद दिलाता है. सुषमा स्वराज ने कहा, 'पुलवामा आतंकी हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद और अन्य आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग के विपरीत, उसने हमले की जानकारी से इंकार कर दिया और जैश-ए-मोहम्मद के दावों को सिरे से खारिज कर दिया.'

तीनों विदेश मंत्रियों की बैठक के इतर चीनी विदेश मंत्री वांग ई के साथ द्विपक्षीय बैठक के दौरान सुषमा ने कहा, 'मैं ऐसे वक्त में चीन का दौरा कर रही हूं जब भारत में शोक और नाराजगी है. जम्मू-कश्मीर में हमारे सुरक्षाबलों के खिलाफ बहुत बुरा आतंकी हमला हुआ. यह हमला पाकिस्तान में स्थित और उसके द्वारा समर्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के द्वारा किया गया.'

सुषमा ने कहा, 'पाकिस्तान के लगातार इंकार करने और अपने देश में स्थित आतंकी समूहों पर कार्रवाई नहीं करने, भारत के दूसरे हिस्सों में जेईएम द्वारा हमले किए जाने की योजना की ठोस जानकारी के आधार पर भारत सरकार ने प्रीम्पटिव एक्शन लेने का निर्णय लिया और नागरिकों को नुकसान पहुंचाए बगैर कार्रवाई की.'

विदेश मंत्री ने कहा, 'यह सैन्य ऑपरेशन नहीं था, कोई सैन्य अड्डे को निशाना नहीं बनाया गया. भारत में दूसरे आतंकी हमले को रोकने के लिए जेईएम के आतंकी ठिकानों के खिलाफ कार्रवाई करना हमारा लक्ष्य था. भारत इस स्थिति को और ज्यादा खिंचता हुआ नहीं देखना चाहता है. जिम्मेदारी और सख्ती के साथ लगातार कार्रवाई होगी.'

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सुषमा स्वराज आरआईसी की विदेश मंत्रियों की मीटिंग के इतर रूस के विदेश मंत्री सर्जी लेवरोव के साथ भी द्विपक्षीय बैठक करेगी.

'मोदी और जिनपिंग के वुहान समिट से मजबूत हुए संबंध'

इसके अलावा सुषमा स्वराज ने भारत-चीन संबंधों को लेकर कहा कि वुहान में अप्रैल 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हुए अनौपचारिक बैठक के बाद हमने अपने संबंधों में काफी ठोस प्रगति की है. उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच यह एक महत्वपूर्ण संबंध है.

सुषमा ने कहा, 'हमारे नेताओं द्वारा दिए गए दिशानिर्देशों को संपूर्ण और प्रभावी तरीके से लागू करना दोनों पक्षों के लिए महत्वपूर्ण है. दोनों पक्षों ने इस संबंध में अच्छे प्रयास किए हैं और इस प्रयास को बनाकर रखना चाहिए.'