मैरिटल रेप पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, सरकार ने रखा अपना पक्ष

नाबालिग पत्नी के साथ शारीरिक सबंध को को गैर कानूनी करार दिये जाने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई।

नाबालिग पत्नी के साथ शारीरिक सबंध को को गैर कानूनी करार दिये जाने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई।

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ruchika sharma
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मैरिटल रेप पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, सरकार ने रखा अपना पक्ष

मैरिटल रेप (फाइल फोटो)

नाबालिग पत्नी के साथ शारीरिक सबंध को को गैर कानूनी करार दिये जाने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई

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सरकार ने आज पहली बार नाबालिग पत्नी के साथ संबंध को इजाजत देने वाले आईपीसी 375 (2) को लेकर अपना पक्ष रखा सरकार ने 375 (2) के तहत दिए गए इस अपवाद का बचाव किया

सरकार की ओर से वकील राणा मुखर्जी ने कहा कि इसमें सुप्रीम कोर्ट दखल न दे, क्योंकि ये संसद के अधिकार क्षेत्र का मामला है

सरकार की ओर से वकील राणा मुखर्जी ने कहा, 'संसद ने काफी विचार के बाद इस अपवाद को बरकरार रखा है और बाल विवाह से जुड़े दूसरे संशोधन को पास करते हुए भी इसे जानबूझकर कर बरकरार रखा गया है।'

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उन्होंने कहा, 'भारत देश के सामाजिक परिवेश में बाल विवाह जैसी परम्परायें अभी भी प्रचलन में है अगर इसमे कोई संशोधन कर सकती है तो ये सिर्फसंसद के अधिकार क्षेत्र में आता है।'

सरकार ने कहा कि बाल विवाह से जुड़े मामलों में सख्त सजा का प्रावधान है लेकिन कोर्ट इस दलील से सहमत नजर नही आया है

कोर्ट का कहना है कि ये कैसा सख्त कानून है जिसमे महज 15 दिन से तीन महीने तक की सज़ा का प्रावधान है।

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Source : Arvind Singh

High Court marital rape Supreme Court
      
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