सऊदी अरब और यूएई में वर्चस्व लड़ाई, प्रिंस सलमान ने कतर जैसे परिणाम भुगतने की दी धमकी

अरब वर्ल्ड के दो ताकतवर मुल्क जो मिडिल ईस्ट के सबसे बड़े तेल उत्पादक देश हैं. सऊदी अरब और संयुक्त राज्य अमीरात(UAE)के बीच वर्चस्व की लड़ाई देखने को मिल रही है. रिजनल पावर और तेल उत्पादक संगठन ओपेक पर कब्जे को लेकर दोनों देशों के बीच रिश्तों में तल्खी दिखाई दे रही है.

अरब वर्ल्ड के दो ताकतवर मुल्क जो मिडिल ईस्ट के सबसे बड़े तेल उत्पादक देश हैं. सऊदी अरब और संयुक्त राज्य अमीरात(UAE)के बीच वर्चस्व की लड़ाई देखने को मिल रही है. रिजनल पावर और तेल उत्पादक संगठन ओपेक पर कब्जे को लेकर दोनों देशों के बीच रिश्तों में तल्खी दिखाई दे रही है.

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Vikash Gupta
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Saudi UAE Conflict

Saudi UAE Conflict( Photo Credit : news nation file)

Saudi- UAE Conflict: अरब वर्ल्ड के दो ताकतवर मुल्क जो मिडिल ईस्ट के सबसे बड़े तेल उत्पादक देश हैं. सऊदी अरब और संयुक्त राज्य अमीरात(UAE)के बीच वर्चस्व की लड़ाई देखने को मिल रही है. रिजनल पावर और तेल उत्पादक संगठन ओपेक पर कब्जे को लेकर दोनों देशों के बीच रिश्तों में तल्खी दिखाई दे रही है. इस बीच वॉल स्ट्रीट जर्नल ने खुलासा किया है कि सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने पिछले साल दिसंबर 2022 में यूएई पर बैन लगाने तक की धमकी दे दी थी. जानकारी के मुताबिक प्रिंस सलमान ने ये धमकी एक निजी बातचीत के दौरान दी थी. प्रिंस सलमान ने कहा कि अगर यूएई ने मिडिल ईस्ट में सऊदी अरब का दबदबा कम करने का प्रयास किया तो इसके परिणाम बहुत कठोर होगा और यूएई का हाल कतर से भी खराब होगा. 

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कतर पर बैन

सऊदी अरब इससे पहले भी 2017 में यूएई और बहरीन की मदद से कतर पर तीन साल से अधिक समय के लिए बैन लगा चुका है. इतनी ही नहीं सऊदी अरब और बहरीन ने कतर एयरवेज के फ्लाइट के उड़ान भरने पर भी प्रतिबंध लगा दिया था. करीब 3.5 साल बाद 2021 में सऊदी अरब के कतर के साथ रिश्ते फिर से शुरु हुए थे. 

अमेरिका की पकड़ कमजोर

वॉल स्ट्रीट जर्नल के मुताबिक गल्फ एरिया में वर्चस्व के लिए सऊदी अरब और यूएई के बीच लड़ाई हो रही है. पिछले 6 महीनों से दोनों देशों के बीच बातचीत बंद है. रिपोर्ट के अनुसार सउदी अरब का मानना है कि यूएई ने धोखा किया है. प्रिंस सलमान ने यूएई को चेतावनी देते हुए कहा है कि वो देखेंगे की मैं क्या कर सकता हूं. जब से इस क्षेत्र से अमेरिका की पकड़ कमजोर हुई है तब दोनों देश रूस और चीन के हितैशी बनना चाहते हैं. 

अमेरीका की चिंता

दोनों देशों के बीच की लड़ाई देखकर अमेरिका भी चिंतित है. अमेरिका को डर है कि अगर दोनों देश इसी तरह लड़ते रहे तो ईरान के खिलाफ संगठित सुरक्षा संगठन बनाए रखना, यमन गृह युद्ध हल करना शामिल है. अमेरिका को लगता है कि अगर ऐसा होता है तो इजरायल का मुस्लिम देशों के साथ रिश्ते ठीक करने में बहुत समस्या होगी. 

Source : News Nation Bureau

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