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सुपरकॉप अजित डोवाल का खौफ सता रहा दाऊद इब्राहिम को, सेलफोन पर बात तक नहीं कर रहा

भारत (India) के मोस्ट वांटेड डॉन दाउद इब्राहिम (Don Daud Ibrahim) की बोलती बीते तीन साल से बंद है, मतलब सतर्कता बरतते हुए वह फोन पर बात नहीं कर रहा है.

Updated on: 03 Dec 2019, 12:25 PM

नई दिल्‍ली:

भारत (India) के मोस्ट वांटेड डॉन दाउद इब्राहिम (Don Daud Ibrahim) की बोलती बीते तीन साल से बंद है, मतलब सतर्कता बरतते हुए वह फोन पर बात नहीं कर रहा है, ऐसे में खुफिया एजेंसियां (Intelligence Agencies) उसकी आवाज सुनने को तरस रही हैं. यूं कहें कि भारत के राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवाल (NSA Ajit Doval) और उनकी टीम की मुस्‍तैदी के चलते दाऊद इब्राहिम (Daud Ibrahim) और उनके खास गुर्गे सेलफोन (Cell Phone) का इस्‍तेमाल करने से बच रहे हैं. दाउद की आखिरी फोन कॉल में दिल्ली पुलिस ने नवंबर-दिसम्बर 2016 में सेंध लगाई थी. खुफिया एजेंसियों ने उसके फोन कॉल में सेंध (Intercept) लगाकर उसकी 15 मिनट की रिकार्डिग की. इसे दिल्ली पुलिस के जासूसों ने कराची (Karachi) स्थित नंबर के जरिये केंद्रीय एजेंसियों के सहयोग से रिकार्ड किया था.

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सूत्रों ने बताया कि दक्षिण एशिया के सबसे कुख्यात अपराधी गिरोह डी-कंपनी का बॉस अपने एक सहयोगी से बात कर रहा था, हालांकि इस सहयोगी की पहचान नहीं हो पाई. दिल्ली पुलिस के एक आईपीएस अधिकारी ने बताया, "बातचीत के दौरान लगा कि उसने शराब पी रखी थी क्योंकि उसकी आवाज थोड़ी लड़खड़ा रही थी. कुल मिलाकर बातचीत निजी थी और अंडरवर्ल्ड की किसी गतिविधि या योजना का जिक्र नहीं हुआ था."

उन्होंने बताया कि बाद में इस मसले को लेकर उच्चस्तरीय बातचीत हुई जिसमें इंटेलीजेंस ब्यूरो (IB) और रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) के शीर्ष अधिकारी शामिल थे. हालांकि रॉ के पास दाउद की फोन पर बातचीत में सेंधमारी करने के कई वाकये हैं जिनमें तत्कालीन दिल्ली पुलिस आयुक्त नीरज कुमार द्वारा जून 2013 में रिकॉर्ड की गई अंडरवर्ल्ड की सबसे चर्चित बातचीत है.

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दाउद की 1994 से पीछा कर रहे नीरज कुमार ने कहा, "स्पॉट फिक्सिंग मामले की जांच के दौरान हमने दाउद की आवाज सुनी थी. इस मामले में आईपीएल के कई क्रिकेटर को आरोपी बनाया गया था." नीरज कुमार ने दाउद के सहयोगी दिवंगत इकबाल मिर्ची के खिलाफ मामले की भी जांच की थी. कुमार ने आईएएनएस से कहा, "मैं दाउद की बातचीत की 2016 की रिकॉर्डिग पर टिप्पणी नहीं कर सकता लेकिन दिल्ली पुलिस की विभिन्न इकाइयां डॉन के साथ-साथ डी-कंपनी के सहयोगियों के कॉल्स में सेंधमारी करने में सक्षम हैं."

सूत्रों ने बताया कि मध्य-पूर्व और यूरोप में डी-कंपनी के घृणित कारोबार पर अंकुश लगाने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल द्वारा दिखाई गई सक्रियता के बाद दाउद और उसके भाई अनीस इब्राहिम सेलफोन का इस्तेमाल करने से बच रहे हैं. यहां तक कि दाउद के करीबी छोटा शकील द्वारा मुंबई के प्रभावशाली उद्योगपतियों को धमकाकर उगाही करने के लिए किए जाने वाले फोन कॉल्स में भी काफी कमी आई है.

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दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने बताया, "शायद वह फोन का इस्तेमाल करने से बच रहा है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि डॉन ने कराची से अपना अड्डा बदल लिया है. हमारे पास यह साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत है कि दाउद और उसके गिरोह के करीबी सदस्य अभी तक पाकिस्तान से अपनी योजना को अंजाम दे रहे हैं." इससे पहले 2014-15 में भारतीय एजेंसियों ने लगातार टेलीफोन पर दाउद की बातचीत का पता लगाया जहां वह दुबई में जमीन के सौदे के सिलसिले में अपने सहयोगी जावेद और एक अन्य जानकार से बातचीत कर रहा था.

सूत्रों ने बताया कि दाउद कराची के अपने फोन नंबर से दुबई स्थित अपने सहयोगियों से बातचीत कर रहा था. दाउद का फोन टैप करने में भारतीय एजेंसियों की मदद पश्चिमी देशों की एजेंसियों ने की थी जो बाद में मीडिया के एक वर्ग के पास लीक हो गई. इससे कयास लगाया जाने लगा कि भारत का मोस्ट वांटेड बीमार चल रहा है. कहा गया कि वह दिल की बीमारी से पीड़ित है और कराची के अस्पताल में भर्ती है, लेकिन उसके भाई अनीस इब्राहिम ने इस बात से साफ इंकार कर दिया था.

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दरअसल, अंडरवर्ल्ड डॉन रेडियो साइलेंस बनाए हुए है जिससे भारत की खुफिया एजेंसियां हैरान हैं. एजेंसियों को दाउद का पाकिस्तान के कुख्यात सी विंग आईएसआई के साथ रणनीतिक गठजोड़ की पूरी जानकारी है.