ब्रिटिश सरकार के वैज्ञानिकों ने टीके की दूसरी खुराक को 21 दिनों के अंदर दिए जाने की शुरुआती सलाह को संशोधित कर दिया है. इन वैज्ञानिकों ने टीके की पहली खुराक के बाद दूसरी डोज के बीच के अंतर को अब 12 हफ्ते रखने का सुझाव दिया है. समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रिटेन की सरकार के इस कदम का मकसद ज्यादा से ज्यादा लोगों को कोविड वैक्सीन की कम से कम पहली खुराक देना बताया जा रहा है.
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ब्रिटिश वैज्ञानिकों की इस नए सुझाव ने एक नई बहस को जन्म दिया है कि आखिरकार कोविड-19 टीके की दो खुराकों के बीच कितना अंतर रखा जाना चाहिए. दरअसल विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ ने कोविड-19 वैक्सीन की दो खुराक के बीच चार हफ्ते का अंतर रखने का सुझाव दिया है. विश्व स्वास्थ्य संगठन की मानें तो इस गैप को केवल अपवाद वाली परिस्थितियों में ही बढ़ा कर छह हफ्ते तक किया जा सकता है.
हालांकि ब्रिटेन की टीकाकरण एवं प्रतिरक्षण पर सरकार की संयुक्त समिति का कहना है कि अप्रकाशित आंकड़ों से मालूम पड़ता है कि ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन की दो खुराक के बीच 12 हफ्ते का अंतर रखे जाने पर भी वह कोरोना संक्रमण के खिलाफ प्रभावी यानी कारगर है.
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गौर करने वाली बात यह भी है कि अमेरिकी दवा कंपनी फाइजर का कहना है कि उसने अपने वैक्सीन की प्रभाव क्षमता की जांच दो खुराक के बीच 21 दिनों का अंतर रख कर किया था. ऐसे में यदि गैप को बढ़ाया जाता है तो टीके के प्रभाव को लेकर सवाल उठने लाजमी हैं. सनद रहे कि ब्रिटेन में प्राथमिकता वाले समूहों के लोगों को कोविड-19 के दो टीके लगाए जा रहे हैं. इनमें एक वैक्सीन फाइजर बायोएनटेक की है जबकि दूसरी ऑक्सफोर्ड/एस्ट्राजेनेका की है.
ब्रिटेन में कोरोना के 33,552 नए मामले, और 1,348 मौतें
उल्लेखनीय है कि ब्रिटेन में और 33,552 लोग कोविड-19 से संक्रमित पाए गए. जिसके साथ ही देश में कोरोना वायरस से संक्रमण के मामलों की कुल संख्या 36,17,459 हो गई है. यह आधिकारिक आंकड़ा शनिवार को जारी किया गया. हाल के 28 दिनों के भीतर 1,348 लोगों की मौत हो चुकी है. ब्रिटेन में कोरोना से मौतों की कुल संख्या अब 97,329 हजार हो गई है.
Source : News Nation Bureau