कंगाल पाकिस्तान में ये क्या हो रहा है? आम आदमी से लेकर बिजनेसमैन तक सभी सड़कों पर
आर्थिक तंगी को दूर करने के लिए पाकिस्तान की इमरान सरकार ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से कर्ज लेने की सोची, जिसे मंजूरी भी मिल गई है. हालांकि कर्ज की शर्तों ने आम पाकिस्तानियों को बेचैन कर दिया है.
highlights
- IMF और पाकिस्तान के बीच हुई है कर्ज को लेकर डील
- कर्ज की शर्तों ने आम पाकिस्तानियों को बेचैन कर दिया है
- बंदी का सबसे बड़ा असर कराची-इस्लामाबाद में ज्यादा
नई दिल्ली:
कंगाल पाकिस्तान की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. अर्थव्यवस्था की माली हालत को देखते हुए पहले आईएमएफ (International Monetary Fund) से कर्ज नहीं मिल रहा था. अब जब यह मिलने को हुआ तो उसकी शर्तों से आम पाकिस्तानी बेचैन हो उठे हैं. लोगों का कहना है कि सरकार देश को गर्त में ले जा रही है. इसी कारण लोग विरोधस्वरूप सड़कों पर उतर आए हैं और आज शनिवार को देश के अधिकांश बड़े शहर बंद हैं. इससे इमरान खान सरकार की हालत और पतली होती नजर आ रही है. बंद को विपक्षी दलों ने भी समर्थन दे दिया है.
यह भी पढ़ें : बिजली बिल को लेकर मोदी सरकार जल्द ले सकती है बड़ा फैसला, पढ़ें यह जरूरी खबर
आर्थिक तंगी को दूर करने के लिए पाकिस्तान की इमरान सरकार ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से कर्ज लेने की सोची, जिसे मंजूरी भी मिल गई है. हालांकि कर्ज की शर्तों ने आम पाकिस्तानियों को बेचैन कर दिया है. शनिवार को इसी के खिलाफ लोग सड़कों पर उतरकर विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं.
कारोबारियों का कहना है कि IMF के इशारे पर सरकार बजट लेकर आई है, जिससे गरीबों की जिंदगी और मुश्किल हो जाएगी. उन्होंने कहा कि जब कारोबार ही नहीं बचेगा तो टैक्स कहां से आएगा. बंदी का सबसे बड़ा असर कराची और इस्लामाबाद में सबसे ज्यादा दिख रहा है. गुरुवार को कराची में प्रधानमंत्री इमरान खान से व्यापारी नेताओं की बातचीत भी हुई थी, जो बेनतीजा रही.
यह भी पढ़ें : हाय रे दिन! कांग्रेस की तिजोरी खाली, स्टाफ को वेतन देने के भी लाले पड़े
कारोबारी संगठनों का कहना है कि सरकार कर दायरे को बढ़ाना चाहती है, जो मंजूर है. लेकिन डंडे के जोर पर यह मंजूर नहीं है. उन्होंने कहा कि देश में उद्योग-धंधों का बुरा हाल है. अर्थव्यवस्था का कोई क्षेत्र ऐसा नहीं है, जो परेशानी में न हो. ऐसे में कारोबारियों के साथ जबरदस्ती मंजूर नहीं हो सकती.
कारोबारियों के संगठन ऑल पाकिस्तान मरकजी अंजुमन-ए-ताजिरान के अध्यक्ष अजमल बलोच ने कहा कि यह हड़ताल आईएमएफ के निर्देश पर बजट में किए गए 'कारोबारी विरोधी' कर प्रावधान के खिलाफ है, न कि सरकार के खिलाफ. व्यापारी नेताओं का कहना है कि पाक सरकार और IMF के बीच जो डील हुई है, उससे पाकिस्तान में रोजमर्रा की जरूरतों की वस्तुओं की कीमतें 30 फीसदी तक बढ़ सकती हैं.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Good Friday 2024: क्यों मनाया जाता है गुड फ्राइडे, जानें प्रभु यीशु के बलिदान की कहानी
-
Sheetala Ashtami 2024: कब है 2024 में शीतला अष्टमी? जानें पूजा कि विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व
-
Chaitra Navaratri 2024: भारत ही नहीं, दुनिया के इन देशों में भी है माता के शक्तिपीठ
-
Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य के अनुसार देश का शासक कैसा होना चाहिए, जानें