आतंकी हमलों के बाद श्रीलंका में बुर्का समेत चेहरा ढकने वाली हर चीज बैन

श्रीलंका भी फ्रांस समेत चंद अन्य यूरोपीय देशों में शुमार हो गया है, जहां सार्वजनिक स्थानों पर मुस्लिम महिलाओं के बुर्का पहनने पर प्रतिबंध लगा हुआ है.

author-image
Nihar Saxena
एडिट
New Update
आतंकी हमलों के बाद श्रीलंका में बुर्का समेत चेहरा ढकने वाली हर चीज बैन

सांकेतिक चित्र

श्रीलंका भी फ्रांस समेत चंद अन्य यूरोपीय देशों में शुमार हो गया है, जहां सार्वजनिक स्थानों पर मुस्लिम महिलाओं के बुर्का पहनने पर प्रतिबंध लगा हुआ है. श्रीलंका सरकार ने यह कदम ईस्टर पर हुए श्रंखलाबद्ध आत्मघाती हमलों के बाद उठाया गया है. हालांकि बम धमाकों के बाद मुसलमानों और स्थानीय लोगों में व्याप्त तनाव इस कदम से और बढ़ गया है. बुर्के पर प्रतिबंध राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने आपात शक्तियों का प्रयोग करते हुए घोषित नए नियमों के तहत लगाया है.

Advertisment

यह भी पढ़ेंः चुपे-चाप कमल छाप, बूथ बूथ से TMC साफ, पश्चिम बंगाल में बोले PM नरेंद्र मोदी

मालूम हो कि सुरक्षा बलों की बम धमाकों के आरोपियों पर कार्रवाई में खुद को बम से उड़ाने की घटनाओं के बाद से ही चर्चे तेज हो गए थे कि सरकार नकाब पर कुछ कड़े कदम उठा सकती है. इस कड़ी में राष्ट्रपति ने रविवार को इस नए नियम की घोषणा की थी जिसके तहत चेहरे को ढंकने वाली किसी तरह की पोशाक पहनने पर रोक लगा दी गई. इस कदम से एक हफ्ते पहले श्रीलंका के 3 चर्च और 3 आलीशान होटलों में सिलसिलेवार ढंग से किए गए धमाकों में 250 से ज्यादा लोग मारे गए थे और 500 से अधिक घायल हो गए थे.

यह भी पढ़ेंः चौथा चरणः प्रचंड गर्मी में कहीं Voting चुस्‍त तो कहीं सुस्‍त, EVM में लॉक हो रहा इन VIPs का Luck

सिरिसेना के कार्यालय ने एक बयान में कहा, 'यह प्रतिबंध राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए है....किसी को अपना चेहरा ढंक कर अपनी पहचान मुश्किल नहीं बनानी चाहिए.' कोलंबो पेज की खबर के मुताबिक उन्होंने आपात नियमों के तहत यह कदम उठाया है. इसके तहत चेहरे को ढंकने वाले किसी भी तरह के पर्दे के प्रयोग को प्रतिबंधित किया गया है. किसी व्यक्ति की पहचान स्थापित करने में दिक्कत न आए और राष्ट्र एवं जन सुरक्षा के लिए कोई खतरा न पैदा हो, इसलिए यह फैसला किया गया है.

यह भी पढ़ेंः BSF से बर्खास्‍त जवान तेज बहादुर को सपा ने दिया टिकट, नरेंद्र मोदी के खिलाफ भरा पर्चा

आदेश में स्पष्ट किया गया है कि किसी व्यक्ति की पहचान स्थापित करने की महत्वपूर्ण कसौटी उसका चेहरा साफ-साफ दिखना है. इसमें कहा गया कि राष्ट्रपति ने यह फैसला शांतिपूर्ण और समन्वित समाज स्थापित करने के लिए लिया है ताकि किसी समुदाय को कोई असुविधा भी न हो और राष्ट्रीय सुरक्षा भी सुनिश्चित हो सके. गौरतलब है कि श्रीलंका में मुस्लिमों की आबादी 10 प्रतिशत है और वह हिंदुओं के बाद दूसरे सबसे बड़े अल्पसंख्यक हैं. श्रीलंका में करीब 7 प्रतिशत ईसाई हैं.

Source : News Nation Bureau

In Common Places Ban Burqa Srilanka Serial Blasts Srilanka Government Srilanka Suicide Attacks
      
Advertisment