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चीन को अब श्रीलंका ने दिया बड़ा झटका, बौखलाये ड्रैगन की चाल हुई नाकाम

श्रीलंकाई सरकार ने चीन की जैविक खाद निर्माता कंपनी किंगदाओ सीविन बायो-टेक समूह के साथ लगभग 3,700 करोड़ रुपये में 99,000 टन जैविक खाद खरीदने का समझौता किया.

Updated on: 14 Nov 2021, 07:07 AM

highlights

  • श्रीलंका ने हानिकारक बैक्टीरिया वाली चीन की जैविक खाद रोकी
  • साथ ही चीनी कंपनी को 9 मिलियन डॉलर का भुगतान भी रोका
  • बौखलाए ड्रैगन ने श्रीलंका के एक बैंक को किया ब्लैक लिस्ट

कोलंबो:

चीन (China) की आक्रामक विस्तारवादी नीतियों और कर्ज जाल में फंसाने के हथकंडों के खिलाफ अब छोटे देशों ने भी आवाज उठानी शुरू कर दी है. इस कड़ी में अब नाम जुड़ा है कि श्रीलंका (Srilanka) का, जिसने चीनी कंपनी की खराब गुणवत्ता वाली ऑर्गेनिक फर्टिलाइजर (Fertilizer) की 20 हजार टन की खेप को खारिज कर दिया. श्रीलंका के इस बोल्ड कदम के बाद दोनों देशों में दुर्लभ कूटनीतिक जंग छिड़ गई है. अपनी आक्रामकता के लिए बदनाम हो चुके ड्रगैन ने श्रीलंका के एक बैंक को ब्लैकलिस्ट कर दिया है. इधर श्रीलंकाई वैज्ञानिकों का समूह भी चीनी खाद के विरोध पर उतर आया है. साथ ही श्रीलंका सरकार ने चीनी कंपनी का 9 मिलियन डॉलर का भुगतान भी रोक दिया है. इसके बाद गुस्साए बीजिंग प्रशासन ने श्रीलंका के एक बैंक को ब्लैक लिस्ट कर दिया है. 

श्रीलंका का कहना खाद में हानिकारक बैक्टीरिया
प्राप्त जानकारी के मुताबिक श्रीलंका को दुनिया के पहले पूरी तरह से जैविक खेती वाले देश में बदलने के प्रयास में महिंदा राजपक्षे की सरकार ने रसायनिक खादों के इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी. इसके ठीक बाद श्रीलंकाई सरकार ने चीन की जैविक खाद निर्माता कंपनी किंगदाओ सीविन बायो-टेक समूह के साथ लगभग 3,700 करोड़ रुपये में 99,000 टन जैविक खाद खरीदने का समझौता किया. जानकारों के मुताबिक किगदाओ सीविन बायो-टेक समूह को समुद्री शैवाल आधारित खाद बनाने में विशेषज्ञता प्राप्त कंपनी है. सौदे के तहत चीन से हिप्पो स्पिरिट नाम का एक जहाज सितंबर में 20,000 टन जैविक खाद लेकर श्रीलंका पहुंचा. यह अलग बात है कि श्रीलंकाई सरकारी एजेंसी नेशनल प्लांट क्वारंटाइन सर्विस ने शिपमेंट को यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया कि खाद के एक नमूने में हानिकारक बैक्टीरिया पाए गए हैं. ये बैक्टीरिया श्रीलंका में जमीन के अंदर उगने वाली फसलों जैसे आलू और गाजर को नुकसान पहुंचा सकते हैं. इसके साथ ही श्रीलंकाई सरकार ने चीनी कंपनी को जैविक खाद के एवज में किए जाने वाला 9 मिलियन डॉलर का भुगतान रोकने के आदेश दे दिए. 

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ड्रैगन ने बौखलाहट में किया श्रीलंकाई बैंक ब्लैकलिस्ट
बस इसके बाद ही चीन की बौखलाहट और आक्रामकता सामने आने लगी. सबसे पहले कोलंबो स्थित चीनी दूतावास ने भुगतान नहीं करने के लिए बैंक को ब्लैकलिस्ट कर दिया. इसके बाद अक्टूबर के अंत में चीनी दूतावास के आधिकारिक ट्विटर हैंडल ने सरकारी श्रीलंकाई बैंक को ब्लैकलिस्ट करने की घोषणा करते हुए घटनाओं की एक टाइमलाइन पोस्ट की. फिर चीन की कंपनी किंगदाओ सीविन ने बयान जारी कर श्रीलंकाई मीडिया पर चीनी उद्यमों और चीनी सरकार की छवि को बदनाम करने के लिए अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया. यही नहीं, चोरी ऊपर से सीना जोरी की तर्ज पर कंपनी ने प्रतिष्ठा के नुकसान के लिए नेशनल प्लांट क्वारंटाइन सर्विस से 8 मिलियन डॉलर के मुआवजे की भी मांग कर दी. चीन के कर्जजाल में फंसे श्रीलंका का यह कदम है तो काफी सख्त, लेकिन देखने वाली बात यह होगी कि वह कब तक ड्रैगन का सामना कर सकेगा.