श्रीलंका के सुप्रीम कोर्ट ने महालेखा परीक्षक को आर्थिक संकट के कारणों की जांच करने को कहा

श्रीलंका के सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को देश के महालेखा परीक्षक को पूर्व राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे और उनके दो भाइयों महिंदा और बासिल राजपक्षे के खिलाफ दायर एक याचिका के जरिए मौजूदा आर्थिक संकट के कारणों की जांच करने का आदेश दिया. शिक्षाविदों और नागरिक अधिकार कार्यकर्ताओं द्वारा दायर मौलिक अधिकार याचिका के साथ आगे बढ़ने के लिए अनुमति देते हुए, पांच-न्यायाधीशों की पीठ ने महालेखा परीक्षक को आदेश दिया कि वह अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) सहायता की मांग नहीं करने के कारणों पर एक ऑडिट जांच करे. साथ ही मौजूदा सीमित विदेशी भंडार का उपयोग कर इस वर्ष जनवरी में 500 मिलियन डॉलर के सॉवरेन बांड का निपटान करने का निर्णय लिया.

श्रीलंका के सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को देश के महालेखा परीक्षक को पूर्व राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे और उनके दो भाइयों महिंदा और बासिल राजपक्षे के खिलाफ दायर एक याचिका के जरिए मौजूदा आर्थिक संकट के कारणों की जांच करने का आदेश दिया. शिक्षाविदों और नागरिक अधिकार कार्यकर्ताओं द्वारा दायर मौलिक अधिकार याचिका के साथ आगे बढ़ने के लिए अनुमति देते हुए, पांच-न्यायाधीशों की पीठ ने महालेखा परीक्षक को आदेश दिया कि वह अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) सहायता की मांग नहीं करने के कारणों पर एक ऑडिट जांच करे. साथ ही मौजूदा सीमित विदेशी भंडार का उपयोग कर इस वर्ष जनवरी में 500 मिलियन डॉलर के सॉवरेन बांड का निपटान करने का निर्णय लिया.

author-image
IANS
New Update
Sri Lankan

(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

श्रीलंका के सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को देश के महालेखा परीक्षक को पूर्व राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे और उनके दो भाइयों महिंदा और बासिल राजपक्षे के खिलाफ दायर एक याचिका के जरिए मौजूदा आर्थिक संकट के कारणों की जांच करने का आदेश दिया. शिक्षाविदों और नागरिक अधिकार कार्यकर्ताओं द्वारा दायर मौलिक अधिकार याचिका के साथ आगे बढ़ने के लिए अनुमति देते हुए, पांच-न्यायाधीशों की पीठ ने महालेखा परीक्षक को आदेश दिया कि वह अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) सहायता की मांग नहीं करने के कारणों पर एक ऑडिट जांच करे. साथ ही मौजूदा सीमित विदेशी भंडार का उपयोग कर इस वर्ष जनवरी में 500 मिलियन डॉलर के सॉवरेन बांड का निपटान करने का निर्णय लिया.

Advertisment

अदालत ने महालेखा परीक्षक को श्रीलंका के मौद्रिक बोर्ड द्वारा विनिमय दरों में कृत्रिम रूप से हेरफेर करने और अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 203 एलकेआर पर मूल्य निर्धारित करने के निर्णय की जांच करने का भी निर्देश दिया.

कोर्ट ने आगे सेंट्रल बैंक के गवर्नर को गोटाबाया, पूर्व प्रधान मंत्री महिंदा राजपक्षे, पूर्व वित्त मंत्री बासिल, मंत्रिमंडल के सदस्य, मौद्रिक बोर्ड और सेंट्रल बैंक के पूर्व गवर्नरों के बीच साझा किए गए सभी संचार और सिफारिशों की कॉपियां पेश करने का निर्देश दिया.

याचिकाकर्ताओं ने अदालत से आर्थिक संकट के कारणों का पता लगाने और इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करने का अनुरोध किया है.

74 साल पहले अंग्रेजों से आजादी के बाद से यह द्वीप राष्ट्र अपने सबसे खराब आर्थिक संकट से गुजर रहा है और बेकाबू मुद्रास्फीति और डॉलर की कमी ने भोजन, ईंधन, दवा और बिजली सहित सभी आवश्यक चीजों की कमी झेलने पर मजबूर कर दिया है.

श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने संसद को सम्बोधित करते हुए कहा कि जापान में भारत के पीएम नरेन्द्र मोदी से मुलाकात हुई और भारत जाने की इच्छा जाहिर की है. उन्होंने आगे कहा कि भारत हमेशा श्रीलंका का अच्छा मित्र रहा है और आगे भी मदद की पेशकश की है. 

Source : IANS

International News latest-news tranding IMF sl supreme court CAG Sri Lanka president Sri Lanka Cricis news nation tv Sri Lanka News
Advertisment