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Sri Lanka Economic Crisis( Photo Credit : News Nation)
श्रीलंका में एक बार फिर से हालात बेकाबू हो चुके हैं. देश में आर्थिक नीतियों के विरोध में अब लोगों का उग्र प्रदर्शन देखने को मिल रहा है. श्रीलंका के कोलंबो में शनिवार को राष्ट्रपति भवन में प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति भवन के अंदर घुस गए और गोटाबाया राजपक्षे के इस्तफे की मांग करने लगे. बताया जा रहा है कि राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे देश छोड़कर भाग चुके हैं. सड़कों, गलियों, मोहल्लों में राष्ट्रपति के खिलाफ बड़े प्रदर्शन हो रहे हैं.
श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानेल विक्रमासिंघे ने देश में स्थिति को देखते हुए स्पीकर से तुरंत सत्र बुलाने की अपील की है. साथ ही अपने कैबिनेट के साथ बैठक कर आगे की रणनीति पर चर्चा के लिए बैठक बुलाई है, ताकि देश में कानून व्यवस्था बेकाबू न हो जाए.
आज राष्ट्रपति भवन के सामने हुए उग्र प्रदर्शन में बड़ी संख्या में विपक्ष के साथ शिक्षकों, किसानों, चिकित्सकों, मछुआरों और सामाजिक कार्यकर्ता, राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में शामिल हुए और मांग करने लगे कि राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे इस्तीफा दें नहीं तो वहां से लोग जाने वाले नहीं हैं. लोगों के उग्र प्रदर्शन को रोकने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे, लेकिन इसका असर नहीं हुआ और लोग राष्ट्रपति भवन को अपने कब्जे में ले लिया.
आज के श्रीलंका को ऐसी स्थिति में लाने में चीन की बड़ी भूमिका है और गोटाबाया राजपक्षे को चीन का हितैशी नेता के तौर पर देखा जाता रहा है. यही वजह है कि कई बार गोटाबाया राजपक्षे और उनकी कैबिनेट पर भ्रष्टाचार के आरोप भी लगे हैं.
चीन के कर्ज तले ऐसे दबा है श्रीलंका
- हम्मनटोटा पोर्ट को चीन के हाथों 99 साल की लीज पर सौंपा.
- पोर्ट सिटी कोलंबो में चीनी कंपनी को टेंडर और 1.4 बिलियन डॉलर का कर्ज लिया.
- चीन का 18 बिलियन डॉलर से ज्यादा का कर्ज श्रीलंका पर.
- कुल 45 बिलियन डॉलर के कर्ज के लते दबा है श्रीलंका.
- सरकारी कर्मचारियों को भी वेतन नहीं दे पा रही सरकार.
- श्रीलंका को हर साल 7 बिलियन डॉलर का कर्ज चुकाना है.
- ऐसी तमाम चुनौतियों का सामना श्रीलंका कर रहा है.
Source : Sayyed Aamir Husain