अफगानिस्तान में गीत-संगीत पर पाबंदी, तालिबान ने नेशनल म्यूजिक इंस्टीट्यूट में वाद्य यंत्रों को किया नष्ट
तालिबान राज शरिया कानूनों से संचालित हो रहा है. जिसमें गीत-संगीत और महिलाओं की आजादी पर प्रतिबंध है.
highlights
- तालिबान ने काबुल में संगीत से जुड़े उपकरणों को किया नष्ट
- 2010 में नेशनल म्यूजिक इंस्टीट्यूट की हुई थी स्थापना
- तालिबान राज में गीत-संगीत और महिलाओं पर सख्त पाबंदी
नई दिल्ली:
तालिबान ने काबुल स्थित नेशनल म्यूजिक इंस्टीट्यूट से वाद्य यंत्रों को नष्ट कर दिया है. तालिबान का यह कदम अफगानिस्तान गीत- संगीत पर पाबंदी लगाने की घोषणा है. तालिबान राज शरिया कानूनों से संचालित हो रहा है. जिसमें गीत-संगीत और महिलाओं की आजादी पर प्रतिबंध है. काबुल के नेशनल मयूजिक इंस्टीट्यूट से बाद्य यंत्रों को नष्ट करने की घटना को अफगानिस्तान के बुद्धजीवी बेहद खफा हैं और इस घटना को "The day the music died in Afghanistan" "जिस दिन अफगानिस्तान में संगीत की मृत्यु हुई" के रूप में याद कर रहे हैं. अफगानिस्तान के जाने-माने पत्रकार हाफिज अहमद मियाखेल ने ट्वीट कर अपनी नाराजगी जताई है.
The day the music died in #Afghanistan#Taliban have destroyed instruments of the National #Music Institute. pic.twitter.com/3pqHksy0uV
— Hafiz Ahmad Miakhel (@HafizMiakhel) September 6, 2021
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ म्यूजिक (एएनआईएम) अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में स्थित है. इस संगीत स्कूल की स्थापना 2010 में अफ़ग़ान-ऑस्ट्रेलियाई नृवंशविज्ञानी डॉ. अहमद नासर सरमस्त ने की थी, और यह अफ़ग़ान और पश्चिमी संगीत दोनों की ट्रेनिंग देता है. यह एक सह-शिक्षा संस्थान है जहां लड़के और लड़कियां साथ-साथ गीत-संगीत सीख सकते हैं. सरमस्त और अफ़ग़ान शिक्षा मंत्रालय के बीच एक समझौते के अनुसार, स्कूल असाधारण रूप से प्रतिभाशाली छात्रों और वंचित बच्चों दोनों के लिए स्थापित किया गया था.
लेकिन अब अफगानिस्तान के नये निजाम में संगीत और महिलाओं के लिए कोई स्थान नहीं है. संगीत विद्यालयों और वाद्य यंत्रों को नष्ट किया जा रहा है तो अपने अधिकारों की मांग कर रही महिलाओं को पीटा जा रहा है. तालिबान के एक नेता ने घोषणा करते हुए पूरे अफगानिस्तान में म्यूजिक पर पाबंदी लगाने की घोषणा की है और महिलाओं के लिए भी तालिबान ने नये नियमों की घोषणा कर दी है. तालिबान ने कहा कि अगर महिलाएं तीन दिनों से ज्यादा के लिए घर से बाहर निकलती हैं, तो उनके साथ कोई ना कोई परिवार का पुरूष सदस्य होना अनिवार्य है.
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तालिबानी नेता बार-बार यह कहते रहे कि इस बार उनका शासन पिछली सरकार की तुलना में उदार होगा. लेकिन यह उदारता प्रेस कांफ्रेंस तक ही सीमित होकर रह गया. तालिबान के राज में न सिर्फ संगीत और महिलाएं बल्कि मीडिया के लिए भी सम्मानजनक स्थान नहीं है.
Taliban fighters brutally lashing women protesters in Kabul streets.#AfghanWomen
— Zahra Rahimi (@ZahraSRahimi) September 7, 2021
pic.twitter.com/xDE6fp7HWx
तालिबान काबुल में महिला प्रदर्शनकारियों से सख्ती से पेश आ रही है. अफगानिस्तान में एक महिला एक्टिविस्ट ने तालिबान पर उनकी बेरहमी से पिटाई करने का आरोप लगाया है. यह महिला एक्टिविस्ट काबुल में एक प्रदर्शन में शामिल हुई थीं. राजनीतिक अधिकारों की मांग को लेकर किये गये इस प्रदर्शन में शामिल इस महिला कार्यकर्ता का एक वीडियो भी सामने आया है. इस वीडियो में उनके सिर पर गहरी चोट नजर आ रही है और खून उनके चेहरे तक नजर आ रहा है.
#Afghanistan: Women protest against the #Taliban in Kabul: Today's slogan: "Freedom, liberty is our ultimate right”, “Women right is human rights."
— Fazila Baloch🌺☀️ (@IFazilaBaloch) September 6, 2021
More power to Afghan women💪. pic.twitter.com/IX814FRnjd
अपने अधिकारों की मांग करते हुए काबुल में प्रदर्शन करती महिलाओं को पिटाई करते हुए कई चित्र और वीडियो वायरल हुए हैं. जिसमें महिलाओं को बेरहमी से पीटा जा रहा है.
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