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कनाडा में कोरोना वैक्सीन पर पीएम मोदी के विरोधियों-समर्थकों में ठनी

जब ट्रूडो अपना रुख बदल चुके हैं, तो मोदी विरोधी खेमा कोरोना वैक्सीन पर भ्रम फैलाने का काम कर रहा है. ऐसे में मोदी सरकार का पक्षधर खेमा आईना दिखाने में लगा है.

Updated on: 14 Feb 2021, 02:18 PM

highlights

  • मोदी विरोधी कोरोना वैक्सीन पर कनाडा में फैला रहे भ्रम
  • कनाडाई प्रवासियों ने उन्हें दिखाया सोशल मीडिया पर आईना
  • पीएम मोदी के पक्ष में सोशल मीडिया पर साफ हुई खेमेबंदी.

नई दिल्ली:

देश में कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन के पक्ष-विपक्ष में विदेशों तक में, खासकर कनाडा-अमेरिका में रह रहे अप्रवासी भारतीयों में भी खेमेबंदी हो चुकी है. अगर कोई किसान आंदोलन (Farmers Protest) के समर्थन में मोदी सरकार के विरोध में रैली निकालता है, तो दूसरा धड़ा पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के पक्ष में आ खड़ा होता है. आलम यह है कि भारत से जुड़े किसी भी मुद्दे पर खेमेबंदी साफ देखी जा सकती है. फिलहाल का घटनाक्रम कनाडा से जुड़ा है जहां के पीएम जस्टिन ट्रूडो (Justin Trudeau) ने खुद भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी से कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine)  की दरयाफ्त की. इसके पहले ट्रूडो की कोरोना लहर काबू नहीं कर पाने और वहां रह रहे सिख समुदाय के दबाव में किसान आंदोलन के पक्ष में बयान देने पर किरकिरी हो रही थी. अब जब ट्रूडो अपना रुख बदल चुके हैं, तो मोदी विरोधी खेमा कोरोना वैक्सीन पर भ्रम फैलाने का काम कर रहा है. ऐसे में मोदी सरकार का पक्षधर खेमा आईना दिखाने में लगा है. 

कनाडा सरकार का पीएम मोदी से बात कर बदला रुख
गौरतलब है कि कनाडाई सांसद ने खुद ट्रूडो सरकार के एक मंत्री का इंटरव्यू कर कोरोना वैक्सीन पर सरकार की छीछालेदर कर दी थी. इसके बाद तो पीएम ट्रूडो के खिलाफ कानाडा के विपक्ष को हमलावर होने का मौका मिल गया. इसके पहले ट्रूडो ने किसान आंदोलन के समर्थन में बयान दिया था. इससे वहां रह रहे मोदी सरकार के पक्षधर खासे आहत थे. ऐसे में दुनिया भर में कोविड-19 वैक्सीन मांगने और इस फेर में भारत को नजरअंदाज करने पर घरेलू मोर्चे पर ट्रूडो के खिलाफ माहौल बनना तय ही था. जमकर हो रही किरकिरी और दबाव में अंततः ट्रूडो ने पीएम मोदी को फोन किया और कोरोना वैक्सीन की मदद मांगी. जाहिर है कोरोना डिप्लेमोसी को नए अंजाम तक पहुंचाने में लगे नरेंद्र मोदी ने इसके लिए हामी भरने में देर नहीं लगाई. इससे ट्रूडो का भी हृदय परिवर्तन हुआ और उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन पर बातचीत के लिए मोदी सरकार के प्रयास सराहनीय है. 

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मोदी विरोधी फैला रहे भ्रम
हालांकि यह बात मोदी समर्थकों को नहीं हजम हुई और वह कोरोना वैक्सीन खासकर भारतीय रजामंदी के पक्ष में भ्रम फैलाने लगे. एक ट्विटर यूजर ने लिखा कि कनाडा पहले ही 362 मिलियन कोरोना वैक्सीन का ऑर्डर कर चुका है. यह मात्रा कनाडा की कुल आबादी के 8 बार टीकाकरण के लिए पर्याप्त है. संबंधित शख्स ने यह भी लिखा कि कनाडा विश्व स्वास्थ्य संगठन के कोवैक्स कार्यक्रम के तहत वैक्सीन ले रहा है. इसके बाद झूठ की हहें पार कर भ्रम फैलाते हुए यूजर ने लिखा कि कनाडा के पीएम ट्रूडो ने भारतीय पीएम से कतई बात नहीं की है. इस ट्वीट के बाद तो भारतीय खेमे में मानो उबाल सा आ गया.

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मोदी समर्थक ने दिखाया आईना
कनाडा में रहने वाली और फार्मेसी के क्षेत्र से जुड़ी कविता ने इसके बाद ऐसा ट्वीट करने वाले शख्स को आड़े हाथों ले लिया. उन्होंने लिखा- मैं कनाडा में रहती हूं. ऐसे में मैं कह सकती हूं कि हमारे पास कोई कोरोना वैक्सीन नहीं है. कतई नहीं. प्राप्त करने और ऑर्डर करने में जमीन-आसमान का अंतर होता है. खुद पीएम जस्टिन ट्रूडो ने औपचारिक घोषणा की है कि उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी से बात कर कोरोना वैक्सीन की मांग रखी है. ऐसे में भ्रम फैलाने वाले खुद को कठघरे में खड़ा कर शर्मिंदा होने से बचाएं. इसके बाद तो भारतीय कोरोना वैक्सीन को लेकर सोशल मीडिया पर भ्र्म फैलाने वालों के खिलाफ एक माहौल सा बन गया.