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ब्रिटेन की विदेश मंत्री एलिजाबेथ ट्रूस से मिले जयशंकर, कोरोना और अफगानिस्तान पर हुई चर्चा

नए नियमों के अनुसार, ब्रिटेन में यह माना जाएगा कि कोविशील्ड की दोनों खुराक ले चुके लोगों का टीकाकरण नहीं हुआ है और उन्हें 10 दिन आइसोलेशन में रहना होगा.

Updated on: 22 Oct 2021, 08:29 PM

नई दिल्ली:

S. Jaishankar Meets UK Foreign Minister Elizabeth Truss: भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर और  ब्रिटेन की विदेश सचिव एलिजाबेथ ट्रूस की आज यानि शुक्रवार को  मुलाकात हुई. दोनों मंत्रियों ने प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता भी की. दोनों मंत्रियों की आज की बैठक को विदेश मंत्रालय ने बहुत उपयोगी बताते हुए कहा कि यह हमें रोडमैप 2030 पर प्रगति की समीक्षा करने का मौका देती है जिस पर हमारे प्रधानमंत्रियों के बीच सहमति हुई थी. दोनों देशों के बीच कई स्तरों पर महत्वपूर्ण पहल हुए हैं, आपके क्षेत्र के करीब, हमारे क्षेत्र में कई भू-राजनीतिक और राजनीतिक विकास हुए हैं, कुछ हमारी गतिविधियों से संबंधित हैं, कुछ आपके साथ व्यवहार का है. एक बड़ा मुद्दा यह भी है कि हम कैसे COVID-19 से निपटते हैं. और कोविड का स्वास्थ्य, राजनीतिक और आर्थिक क्षेत्र में परिणाम क्या होगा.

ब्रिटेन की विदेश सचिव एलिजाबेथ ट्रूस ने कहा "मुझे विदेश सचिव के रूप में अपनी प्रारंभिक प्राथमिकताओं में से एक, भारत के साथ दूसरी बैठक को एक साथ करने में प्रसन्नता हो रही है. ऐसा इसलिए है क्योंकि हम भारत के साथ अपनी साझेदारी को अत्यंत महत्वपूर्ण मानते हैं. आप मुक्त उद्यम में विश्वास करते हैं और आप स्वतंत्रता में विश्वास करते हैं. 

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ब्रिटेन की नवनियुक्त विदेश मंत्री एलिजाबेथ ट्रूस के साथ अपनी बैठक के दौरान कोविड-19 संबंधी आइसोलेशन के मामले के ‘शीघ्र समाधान’ का आग्रह किया और अफगानिस्तान में हालात और हिंद प्रशांत में हालिया घटनाक्रम पर चर्चा की. जयशंकर संयुक्त राष्ट्र महासभा के उच्चस्तरीय 76वें सत्र में भाग लेने के लिए सोमवार को यहां पहुंचे थे. यहां आने के कुछ ही देर बात उन्होंने नॉर्वे के विदेश मंत्री इने एरिकसन सोरीदे, इराक के विदेश मंत्री फुआद हुसैन और ब्रिटेन की नई विदेश मंत्री के साथ द्विपक्षीय बैठक की.

जयशंकर ने ट्वीट किया, ‘ब्रिटेन की नई विदेश मंत्री ट्रूस से मिलकर बहुत खुशी हुई. हमने 2030 के रोडमैप की प्रगति पर चर्चा की. मैंने व्यापार के मामले में उनके योगदान की सराहना की. अफगानिस्तान और हिंद-प्रशांत में हालिया घटनाक्रम पर चर्चा की. मैंने आइसोलेशन मामले के साझा हित में शीघ्र समाधान की अपील की.’ जयशंकर और ट्रूस की बैठक ऐसे समय में हुई है, जब ब्रिटेन ने कोविड-19 संबंधी नए यात्रा प्रतिबंधों की घोषणा की है, जिसकी भारत ने तीखी आलोचना की है.

नए नियमों में क्या कहा गया है?

नए नियमों के अनुसार, ब्रिटेन में यह माना जाएगा कि कोविशील्ड की दोनों खुराक ले चुके लोगों का टीकाकरण नहीं हुआ है और उन्हें 10 दिन आइसोलेशन में रहना होगा. दरअसल ब्रिटेन की यात्रा के संबंध में फिलहाल लाल, एम्बर और हरे रंग की तीन अलग अलग सूचियां बनाई गई हैं (Elizabeth Truss S Jaishankar Meeting). खतरे के अनुसार अलग-अलग देशों को अलग-अलग सूची में रखा गया है. चार अक्टूबर से सभी सूचियों को मिला दिया जाएगा और केवल लाल सूची बाकी रहेगी. लाल सूची में शामिल देशों के यात्रियों को ब्रिटेन की यात्रा पर पाबंदियों का सामना करना पड़ेगा. भारत अब भी एम्बर सूची में है.

भारत को नहीं किया गया शामिल

ऐसे में एम्बर सूची को खत्म करने का मतलब है कि केवल कुछेक यात्रियों को ही पीसीआर जांच से छूट मिलेगी. जिन देशों की कोविड-19 वैक्सीन को ब्रिटेन में मंजूरी होगी, उसमें भारत शामिल नहीं है. इसका मतलब यह है कि जो भारतीय सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया का कोविशील्ड वैक्सीन लगवा चुके होंगे, उन्हें अनिवार्य रूप से पीसीआर जांच करानी होगी और तय पतों पर आइसोलेशन  में रहना होगा. जयशंकर ने हुसैन के साथ बैठक के बाद ट्वीट किया कि उनकी ‘इराक के विदेश मंत्री फुआद हुसैन के साथ सद्भावनापूर्ण बैठक हुई. हमने हमारे ऐतिहासिक संबंधों, आर्थिक, ऊर्जा और विकास में सहयोग पर चर्चा की. हमने क्षेत्रीय एवं वैश्विक मामलों पर वार्ता की.’

नए नियमों पर ब्रिटेन ने क्या कहा?

इससे पहले, जयशंकर ने बताया था कि उन्होंने सोरीदे के साथ महासभा में अपनी बैठकें आरंभ की. उन्होंने कहा, ‘हमने सुरक्षा परिषद में मिलकर काम करने की सराहना की. अफगानिस्तान पर गहन वार्ता हुई. अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए एकीकृत दृष्टिकोण महत्वपूर्ण है.’ ब्रिटेन ने सोमवार को कहा था कि वह भारतीय प्राधिकारियों द्वारा जारी कोविड-19 रोधी टीकाकरण प्रमाणपत्र की स्वीकार्यता को विस्तार देने पर भारत के साथ चर्चा कर रहा है. चार अक्टूबर से लागू होने वाले नियमों को लेकर भारत में चिंताओं के बारे में पूछे जाने पर ब्रिटिश उच्चायोग के प्रवक्ता ने कहा कि ब्रिटेन इस मुद्दे पर भारत से बातचीत कर रहा है और अंतरराष्ट्रीय यात्रा को फिर से जल्द से जल्द खोलने को लेकर प्रतिबद्ध है.

अमेरिका में हो रही UNGC की बैठक

जयशंकर और वरिष्ठ भारतीय अधिकारी सोमवार से शुरू हो रहे वार्षिक उच्च स्तरीय संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र के लिए न्यूयॉर्क पहुंचे हैं. पिछले साल कोरोना वायरस संक्रमण के कारण यह बैठक ऑनलाइन हुई थी. जयशंकर इस सप्ताह कई सदस्य देशों के अपने समकक्षों से मुलाकात करेंगे और जी-20 बैठक (G-20 Meeting) में भाग लेंगे, जिसमें अफगानिस्तान पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा. वह जी-4 विदेश मंत्रियों की बैठक में सुरक्षा परिषद सुधार पर भी चर्चा करेंगे.

ब्रिक्स की बैठक नहीं होगी आयोजित

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी एस तिरुमूर्ति ने बताया था कि परंपरागत रूप से संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र से इतर होने वाली ब्रिक्स की बैठक नहीं होगी, क्योंकि इस दौरान ब्रिक्स के सभी विदेश मंत्री मौजूद नहीं होंगे. भारत गुतारेस द्वारा जलवायु, ऊर्जा और खाद्य प्रणालियों पर आयोजित तीन उच्च स्तरीय बैठकों में भाग लेगा. यूएनजीए का 76वां सत्र अब्दुल्ला शाहिद की अध्यक्षता में 14 सितंबर से शुरू हुआ. उच्च स्तरीय सप्ताह -आम बहस- 21 सितंबर से शुरू होगा और इस दिन अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन मंगलवार को विश्व नेताओं को संबोधित करेंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 सितंबर को आम बहस को संबोधित करेंगे.