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पाकिस्तान में श्रीलंका के नागरिक की मॉब लिंचिंग के लिए 6 लोगों को मौत की सजा

पाकिस्तान में श्रीलंका के नागरिक की मॉब लिंचिंग के लिए 6 लोगों को मौत की सजा

Updated on: 19 Apr 2022, 11:00 AM

लाहौर:

लाहौर की एक आतंकवाद विरोधी अदालत ने पिछले दिसंबर में सियालकोट में ईशनिंदा के झूठे आरोपों पर श्रीलंकाई नागरिक प्रियंता कुमारा की मॉब लिंचिंग के मामले में फैसला सुनाया, जिसमें सोमवार को 6 प्रमुख संदिग्धों को मौत की सजा सुनाई गई है।

सात अन्य संदिग्धों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई, जबकि 76 व्यक्तियों को दो साल के लिए जेल भेज दिया गया।

जानकारी के मुताबिक, 49 वर्षीय श्रीलंकाई नागरिक प्रियंता को 3 दिसंबर, 2021 को एक कारखाने में श्रमिकों की भीड़ ने मार डाला था, जहां वह एक प्रबंधक के रूप में काम कर रहा था।

फैक्ट्री के कर्मचारियों समेत सैकड़ों अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है।

विशेष आतंकवाद निरोधी अदालत ने 12 मार्च को आरोपियों को दोषी ठहराया था। आरोपी का ट्रायल लाहौर की कोट लखपत जेल में हुआ था।

पाकिस्तान पिछले साल दिसंबर में उस समय स्तब्ध रह गया था जब प्रियंता की बेरहमी से पीट-पीट कर हत्या कर दी गई थी और उसके शरीर को भीड़ ने आग के हवाले कर दिया था।

इस घटना की नागरिक और सैन्य नेताओं ने भयानक शर्मनाक और अतिरिक्त-न्यायिक सतर्कता के रूप में निंदा की।

यह दर्दनाक घटना सियालकोट के वजीराबाद रोड पर हुई, जहां निजी कारखानों के कर्मचारियों ने श्रीलंकाई नागरिक की बेरहमी से पीट-पीट कर हत्या कर दी।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.