logo-image

अरविंद केजरीवाल के बयान पर सिंगापुर ने लागू किया फेक न्यूज कानून

सिंगापुर ने गलत जानकारी को फैलने से रोकने के लिए घरेलू कानून प्रोटेक्शन फ्रॉम ऑनलाइन फॉल्सहुड एंड मैनिपुलेशन कानून लागू कर दिया है.

Updated on: 20 May 2021, 08:27 AM

highlights

  • कोरोना वेरिएंट पर केजरीवाल के बयान पर थमी नहीं रार
  • सिंगापुर ने लागू किया फेक न्यूज रोकने वाला कानून
  • साथ ही फिर दी कोरोना वेरिएंट पर सफाई 

सिंगापुर:

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को कोरोना संक्रमण के वेरिएंट को सिंगापुर से जोड़ने पर उठा विवाद अभी भी थमा नहीं. भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर की कड़ी प्रतिक्रिया के बाद भले ही सिंगापुर ने संतोष जाहिर किया है, लेकिन उसने गलत जानकारी को फैलने से रोकने के लिए घरेलू कानून प्रोटेक्शन फ्रॉम ऑनलाइन फॉल्सहुड एंड मैनिपुलेशन कानून लागू कर दिया है. इसके तहत सिंगापुर में सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से अरविंद केजरीवाल समेत मनीष सिसोदिया और सतेंद्र जैन के बयान हटा दिए जाएंगे. साथ ही कोरोना वेरिएंट से जुड़ी खबर पर सुधार नोटिस जारी करना होगा. एक तरह से इस कानून के तहत दिल्ली के सीएम के बयान की सफाई उन्हें सिंगापुर में अफवाह और भ्रम फैलाने वाले शख्स के तौर पर निरूपित कर रही है.

सिंगापुर स्वास्थ्य मंत्रालय ने दिए दिशा-निर्देश
सिंगापुर के स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी बयान में इस कानून को लागू करने की बात कही गई है. इसके तहत फेसबुक, टि्वटर समेत अन्य सोशल मीडिय़ा प्लेटफॉर्म से भ्रामक बयान को हटाने के दिशा-निर्देश दिए गए हैं. साथ ही एक बार फिर साफ किया गया है कि सिंगापुर में भी कोरोना वायरस का वही वेरिएंट सक्रिय है, जिसने भारत में कहर मचा रखा है. गौरतलब है कि सिंगापुर शुरुआत से कोरोना संक्रमण को लेकर सख्त रवैया अपनाता रहा है. ताजा मामले में भी कुछ बच्चों के संक्रमित पाए जाने के बाद उसने सभी स्कूल बंद करने के आदेश दे दिए थे.

भेजना होगा सुधार का नोटिस
इस कानून के लागू होने के बाद अब सोशल मीडिया कंपनियों को सिंगापुर में सभी एंड-यूजर्स को एक करेक्शन नोटिस भेजना होगा. जिसमें बताया गया है कि कोरोना का कोई सिंगापुर वैरिएंट नहीं है. न कि इसका कोई साक्ष्य है कि कोई कोविड-19 वैरिएंट बच्चों के लिए बेहद खतरनाक है. यानी एक तरह से सिंगापुर सरकार अपने देशवासियों को यह बताना चाहती है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री द्वारा दिया गया बयान पूरी तरह से निराधार है और उस पर विश्वास नहीं किया जाना चाहिए. 

यह भी पढ़ेंः अब घर पर ही करें कोरोना जांच, ICMR ने दी RAT किट को मंजूरी

पहले दी थी चेतावनी
गौरतलब है कि नए कोरोना स्ट्रेन को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बयान पर विवाद के बाद भारत सरकार की सफाई से सिंगापुर ने बुधवार को संतोष जाहिर किया था. हालांकि, इसने यह भी कहा है कि गलत जानकारी को फैलने से रोकने के लिए उसके पास घरेलू कानून लागू करने का अधिकार है. दिल्ली के सीएम ने मंगलवार को कहा था कि सिंगापुर में मिला नया स्ट्रेन भारत में तीसरी लहर का कारण बन सकता है, जो बच्चों को अधिक प्रभावित कर सकता है. 

भारत-सिंगापुर संबंधों में खिंचाव
सिंगापुर के उच्चायुक्त सिमोन वोन्ग ने एक वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सिंगापुर इस दुर्भाग्यपूर्ण चैप्टर को बंद करना चाहता है और महामारी के खिलाफ साझा जंग पर फोकस करना चाहता है. नए स्ट्रेन को सिंगापुर से जोड़ने वाले केजरीवाल के ट्वीट के बाद दक्षिण एशियाई देश के साथ कूटनीतिक संबंध प्रभावित होने की नौबत आ गई।. सिंगापुर में भारतीय उच्चायुक्त को बुधवार को तलब किया गया और आपत्ति जाहिर की गई. इसके बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने खुद मोर्चा संभाला और दिल्ली के मुख्यमंत्री के बयान को गैर जिम्मेदाराना बताते हुए कहा कि उन्होंने जो कहा वह भारत का पक्ष नहीं है.

यह भी पढ़ेंः टीकाकरण में नहीं आई तेजी तो 6-8 महीने में कोरोना की तीसरी लहर

फेक न्यूज कानून का सहारा
गौरतलब है कि POFMA को आमतौर पर फेक न्यूज कानून के तौर पर जाना जाता है. सिंगापुर की संसद की ओर यह कानून झूठी जानकारियों को फैलने से रोकने के लिए बनाया गया है. वोन्ग ने कहा कि अहम राजनीतिक पद संभालने वाले लोगों की जिम्मेदारी है कि वे झूठ को ना फैलाएं. उन्होंने दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के बयानों का जिक्र करते हुए कहा कि सिंगापुर में जांच से यह तय हो गया है कि यह बी.1.617.2 वेरिएंट ही है, जो पहली बार भारत में मिला था.