पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी सिखों के अत्यंत महत्वपूर्ण दरबार साहिब गुरुद्वारे तक जाने वाले करतारपुर गलियारे के उद्घाटन समारोह में भी राजनीति करने से नहीं चूके और कश्मीर मुद्दा उठाने से बाज नहीं आए. कुरैशी ने शनिवार को करतारपुर गलियारे के उद्घाटन समारोह में कहा कि आज यह गलियारा प्रधानमंत्री इमरान खान और सरकार की टीम की वजह से इस रूप में सामने आया है.
उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व में पहुंचे भारतीय सिख जत्थे और दुनिया भर से आए सिख समुदाय के लोगों को संबोधित करते हुए कहा, "करतारपुर के दरवाजे आपके लिए खुल गए हैं." उन्होंने कहा कि सिख धर्म के संस्थापक बाबा गुरु नानक देव जी का संदेश प्रेम और शांति का था लेकिन क्षेत्र में 'नफरत के बीज बो दिए गए.'
कुरैशी ने कहा, "अगर बर्लिन दीवार गिर सकती है, अगर करतारपुर गलियारा खोला जा सकता है तो फिर नियंत्रण रेखा (एलओसी) रूपी अस्थायी सीमा को भी खत्म किया जा सकता है." इसी के साथ उन्होंने कहा कि 'कश्मीर के लोगों से किए गए आत्मनिर्णय के अधिकार के वादे को भी पूरा किया जा सकता है.' नियंत्रण रेखा कश्मीर को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से अलग करती है.
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान को करतारपुर गलियारे में सहयोग के लिए धन्यवाद दिया था. कुरैशी ने इसी संदर्भ में कहा कि क्या मोदी भी इमरान को ऐसा शुक्रिया अदा करने का मौका देंगे?. उन्होंने मोदी को संबोधित करते हुए कहा, "आप ऐसा कर सकते हैं. कश्मीर में कर्फ्यू हटाकर, पेलेट गन का इस्तेमाल बंद कर, मानवाधिकारों का उल्लंघन बंद कर और संचार ब्लैक आउट को खत्म कर ऐसा कर सकते हैं."
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो