दक्षिण वजीरिस्तान में टीटीपी आतंकवादी के साथ मुठभेड़ में सात पाकिस्तानी सैनिक मारे गए
तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (पाकिस्तानी तालिबान) ने दावा किया कि उन्होंने सुरक्षा बलों पर हमला किया है. सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ के दौरान पांच आतंकियों को ढेर कर दिया.
नई दिल्ली:
पाकिस्तान के दक्षिण वजीरिस्तान कबायली जिले के आसमान मांजा इलाके में बुधवार को आतंकवादियों के साथ हुई भीषण गोलीबारी में कम से कम सात पाकिस्तानी सैनिक मारे जाने की खबर है. यह खबर स्थानीय मीडिया ने इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) का हवाला देते हुए प्रकाशित किया है. डॉन की गुरुवार की रिपोर्ट के मुताबिक तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (पाकिस्तानी तालिबान) ने दावा किया कि उन्होंने सुरक्षा बलों पर हमला किया है. सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ के दौरान पांच आतंकियों को ढेर कर दिया. डॉन ने एक बयान में आईएसपीआर के हवाले से बताया कि इलाके में पाए गए किसी भी अन्य आतंकवादी को खत्म करने के लिए घेरा और तलाशी अभियान अभी भी जारी है.
क्षेत्र में आतंकवादियों की उपस्थिति को देखते हुए पाकिस्तानी बलों ने असम मांजा इलाके में एक खुफिया अभियान चलाया. हाल के महीनों में सुरक्षा बलों पर हमलों में तेजी आई है. अफगानिस्तान में सीमा पार सरकारी बलों के खिलाफ तालिबान के हमले तेज करने के बाद से उत्तरी वजीरिस्तान और आसपास के दक्षिण वजीरिस्तान कबायली जिलों में सुरक्षा बलों पर हमले बढ़ गए हैं.
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अफगानिस्तान में तालिबान के काबुल पर कब्जे और फिर अंतरिम सरकार बनाने के बाद पाकिस्तान में टीटीपी की गतिविधि बढ़ती गयी है. पाकिस्तान में टीटीपी लंबे समय से सक्रिय है. कुछ वर्षों पहले अमेरिका द्वारा आतंकवाद निरोध के लिये जारी की गई राष्ट्रीय रणनीति में पाकिस्तान से संचालित दो आतंकवादी संगठनों लश्कर-ए-तय्यबा और तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के अतिरिक्त बोको हराम को अमेरिका के लिये संभावित खतरे के तौर पर की गई थी. व्हाइट हाउस द्वारा जारी आतंकवाद निरोध के लिये राष्ट्रीय रणनीति में कहा गया था कि आईएसआईएस और अल कायदा के अलावा कई अन्य कट्टरपंथी इस्लामी आतंकवादी संगठन स्थानीय रूप से केन्द्रित विद्रोहियों या आतंकवादी अभियानों को बढ़ावा देने के लिये काम कर रहे हैं, जबकि वे अमेरिकी नागरिकों और विदेश में उसके हितों के लिये संभावित खतरा बने हुए हैं.
इसके अनुसार, ‘‘इन संगठनों के अलावा बोको हराम, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान और लश्कर-ए-तय्यबा स्थानीय सरकारों को कमजोर करने तथा हमले करने के लिये राजनीतिक एवं आतंकवादी हथकंडा अपना रहे हैं. ’’ रणनीति के अनुसार सीमित संसाधन या राजनीतिक कारणों के चलते ये संगठन अमेरिकी सरजमीं या अमेरिकी हितों के खिलाफ हमले की जगह संभवत: क्षेत्रीय लक्ष्यों को प्राथमिकता देंगे.
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