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पाकिस्तान पीएम इमरान के खिलाफ कराची में विपक्षी महागठबंधन की दूसरी बड़ी रैली

विपक्षी गठबंधन की पहली रैली गुजरांवाला में हुई थी, जिसमें पीएमएल-एन सुप्रीमो नवाज शरीफ ने अपने भाषण में सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा पर अपनी सरकार को विदा करने और इमरान खान की सरकार के लिए जोड़तोड़ करने का आरोप लगाया था.

Updated on: 19 Oct 2020, 05:57 PM

नई दिल्‍ली:

पाकिस्तान में इमरान खान (Imran Khan) की सरकार के खिलाफ 11 विपक्षी दलों के महागठबंधन पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) ने रविवार को कराची (Karachi) के जिन्ना-बाग में अपनी दूसरी बड़ी सार्वजनिक रैली का मंचन किया. इस रैली में शामिल होने मरियम नवाज (Mariam Nawaz) , बिलावल भुट्टो (Bilawal Bhutto) समेत अन्य कई विरोधी दलों के नेताओं ने मंच साझा किया और लोगों से सरकार विरोधी आंदोलन को तेज करने के लिए कहा. रैली को पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) की उपाध्यक्ष मरियम नवाज, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो-जरदारी, जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-फजल प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान ने संबोधित किया.

आपको बता दें कि फजलुर रहमान को गठबंधन के पहले चरण के प्रमुख के तौर पर नियुक्त किया गया है. हालांकि पूर्व प्रधानमंत्री और पीएमएल-एन सुप्रीमो नवाज शरीफ को वीडियो लिंक के माध्यम से रैली को संबोधित करने का अवसर नहीं दिया गया, जैसे इससे पहले उनको 16 अक्टूबर को गुजरांवाला शहर में पीडीएम के पहले शक्ति प्रदर्शन के दौरान ऐसा मौका मिला था. विपक्षी गठबंधन की पहली रैली गुजरांवाला में हुई थी, जिसमें पीएमएल-एन सुप्रीमो नवाज शरीफ ने अपने भाषण में सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा पर अपनी सरकार को विदा करने और इमरान खान की सरकार के लिए जोड़तोड़ करने का आरोप लगाया था.

रैली में विपक्षी नेताओं ने इमरान सरकार की आलोचना की
यह रैली 18 अक्टूबर को आयोजित हुई, जिसमें एक संयोग भी देखने को मिला. दरअसल 18 अगस्त 2007 को कराची में दिवंगत प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो के एक जुलूस पर हमला हुआ था, जिसमें 200 से अधिक लोग मारे गए थे. रैली में शामिल विपक्षी दलों के नेताओं ने अपने संबोधन में प्रधानमंत्री खान की जमकर आलोचना की. उन्होंने खान के शासन को खराब बताते हुए उन पर अर्थव्यवस्था को बर्बाद करने का आरोप लगाया, जिसके बाद महंगाई और अन्य कई ऐसी समस्याएं पैदा हुईं, जिससे देशवासियों को गंभीर कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.

भुट्टो और जरदारी ने बोला खान सरकार पर हमला
भुट्टो-जरदारी ने कहा, "हम देश के अड़ियल कठपुतली शासकों द्वारा कारावास की धमकियों से डरने वाले नहीं हैं." उन्होंने कहा, "वर्तमान शासकों की भारी अक्षमता के कारण वर्तमान सरकार के दौरान देश की अर्थव्यवस्था बर्बाद हो गई है." पीपीपी अध्यक्ष ने कहा कि वर्तमान शासकों ने वोटों से नहीं बल्कि किसी अन्य के निर्देश पर सत्ता संभाली है. दरअसल वह पाकिस्तान में शक्तिशाली सैन्य प्रतिष्ठान की ओर इशारा कर रहे थे. उन्होंने कहा, "पीडीएम का आंदोलन संविधान के अनुसार देश में लोगों की संप्रभुता को बहाल करने के उद्देश्य से है."

भुट्टो और जरदारी के बाद मरियम ने साधा निशाना
मरियम नवाज ने अपने संबोधन में कहा कि गुजरांवाला की सार्वजनिक सभा में खान के संवेदनशील भाषण से पता चला कि वह काफी दबाव में हैं और मानसिक रूप से परेशान हो गए हैं. उन्होंने कहा कि इमरान खान के भाषण के हर शब्द और उनकी बॉडी लैंग्वेज से पता चलता है कि वह भयभीत हो गए हैं. उन्होंने कहा, "एक तरफ, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को वीडियो-लिंक के माध्यम से नवाज शरीफ के भाषण को कवर करने से प्रतिबंधित कर दिया गया, लेकिन दूसरी तरफ ऐसा लग रहा था कि इमरान खान ने पूर्व प्रधानमंत्री के भाषण को गुप्त रूप से सुना."

बलूचिस्तान नेशनल पार्टी के अध्यक्ष ने इमरान सरकार को घेरा
पीएमएल-एन की उपाध्यक्ष ने कहा कि सरकार ने लोगों को घर बनाने और लोगों को रोजगार देने के अपने वादे को पूरा करने के बजाय, लोगों को बेरोजगार कर दिया है और वे अपनी आजीविका से भी वंचित हो गए हैं. उन्होंने कहा, "जब तक मीडिया और न्यायपालिका की स्वतंत्रता के साथ संविधान और कानून का वर्चस्व पूरी तरह से बहाल नहीं होगा, तब तक पीडीएम का आंदोलन जारी रहेगा." बलूचिस्तान नेशनल पार्टी के अध्यक्ष अख्तर मेंगल ने अपने प्रांत के लापता व्यक्तियों के परिवारों को राहत देने में विफल रहने के लिए सरकार पर निशाना साधा.

इस बीच फजलुर रहमान ने कहा कि सरकार के खिलाफ गठबंधन का संघर्ष तब तक जारी रहेगा, जब तक देश में पूर्ण लोकतंत्र बहाल नहीं हो जाता. पीडीएम अब 25 अक्टूबर को क्वेटा में अपनी तीसरी रैली आयोजित करने वाला है, जिसके बाद 22 नवंबर को पेशावर में चौथी, 30 नवंबर को मुल्तान में पांचवीं और 13 दिसंबर को लाहौर में आखिरी रैली होगी.