Advertisment

SCO समिट में हिस्सा लेने पीएम मोदी चीन रवाना, शी जिनपिंग के साथ होगी द्विपक्षीय बैठक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को चीन के तटीय शहर किंगडाओ में होने वाले दो दिवसीय शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में शिरकत करने जा रहे हैं।

author-image
vineet kumar1
एडिट
New Update
SCO समिट में हिस्सा लेने पीएम मोदी चीन रवाना, शी जिनपिंग के साथ होगी द्विपक्षीय बैठक

पीएम मोदी (फोटो: @PMOIndia)

Advertisment

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को चीन के तटीय शहर किंगडाओ में होने वाले दो दिवसीय शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में शिरकत करने जा रहे हैं। यहां वह राष्ट्रपति शी जिनपिंग से भी मुलाकात करेंगे।

दोनों देशों के नेता हालांकि पहले भी एक दर्जन से ज्यादा बार मिल चुके हैं लेकिन किंगडाओ में शनिवार को होने वाली मुलाकात मध्य चीनी शहर वुहान में हुई 'ऐतिहासिक अनौपचारिक मुलाकात' के करीब दो महीने बाद हो रही है।

भारत और पाकिस्तान को पिछले साल आधिकारिक रूप से इस आठ सदस्य सुरक्षा ब्लॉक में शामिल किया गया था। इस संगठन में चीन, रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, तजाकिस्तान और उजबेकिस्तान शामिल हैं।

दोनों देशों के बीच एक साल पहले दो महीने चले सैन्य गतिरोध के बाद 2018 में भारत और चीन के रिश्ते में सुधार होता हुआ दिखाई दे रहा है।

चीन इंस्टीट्यूट ऑफ कंटेपरेरी इंटरनेशनल रिलेशंस के दक्षिण व दक्षिणपूर्व एशियाई एवं ओशियनियन संस्थान के निदेशक हु शीशेंग ने आईएएनएस को बताया, 'यह एक महत्वपूर्ण मुलाकात है लेकिन स्वरूप में अधिक प्रतीकात्मक है। इसकी तुलना वुहान से नहीं की जा सकती। किंगडाओ में होने वाली मुलाकात औपचारिक होगी।'

और पढ़ें: चीन ने वन चाइना पॉलिसी पर मांगा साथ, भारत ने कहा -CPEC समेत PoK के प्रोजेक्ट्स करो बंद

मोदी शनिवार को शी के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे। वह रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से भी मुलाकात करेंगे। मोदी और पुतिन के बीच पिछले महीने सोच्चि में अनौपचारिक मुलाकात हुई थी।

एससीओ शिखर सम्मेलन में क्षेत्रीय सुरक्षा और आतंकवाद के मुद्दे पर चर्चा की जाएगी। सम्मेलन में मोदी पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को बढ़ावा देने के मुद्दे को उठा सकते हैं।
पाकिस्तान के राष्ट्रपति ममनून हुसैन शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे।

शिखर सम्मेलन की प्रमुख विशेषताओं में से एक ईरानी राष्ट्रपति हसन रूहानी की उपस्थिति होगी। चीन ने उन्हें फोरम में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया है।

रूहानी की उपस्थिति का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि हाल ही में अमेरिका ने ईरान परमाणु समझौते से अपने हाथ वापस खींच लिए हैं। चीन ने इस परमाणु समझौते की रक्षा का संकल्प लिया हुआ है।

मंगोलिया, अफगानिस्तान और बेलारूस के साथ ईरान को शिखर सम्मेलन में पर्यवेक्षक का दर्जा दिया गया है।

और पढ़ें: US प्रतिबंध को भारत का ठेंगा, दोस्त रूस से मिसाइल डिफेंस डील से पीछे नहीं हटेगी मोदी सरकार

Source : IANS

sco-summit Sino-India relation Modi
Advertisment
Advertisment
Advertisment