मशहूर भौतिक वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग का 76 साल की उम्र में निधन

दुनिया के मशहूर भौतिक वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग का 76 साल की उम्र में बुधवार को निधन हो गया। स्टीफन के परिवारवालों ने इसकी जानकारी दी।

दुनिया के मशहूर भौतिक वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग का 76 साल की उम्र में बुधवार को निधन हो गया। स्टीफन के परिवारवालों ने इसकी जानकारी दी।

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saketanand gyan
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मशहूर भौतिक वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग का 76 साल की उम्र में निधन

स्टीफन हॉकिंग (फाइल फोटो)

दुनिया के मशहूर भौतिक वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग का 76 साल की उम्र में बुधवार को निधन हो गया। स्टीफन के परिवारवालों ने इसकी जानकारी दी।

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व्हील चेयर पर बैठ कर दुनिया के लिए विज्ञान में महत्वपूर्ण योगदान के लिए उन्हें हमेशा याद रखा जाएगा।

स्टीफन के बच्चे लूसी, रॉबर्ट और टिम ने एक बयान में कहा, 'आज अपने प्यारे पिता के गुजर जाने के बाद हम सब बहुत दुखी हैं।'

बयान में यह भी कहा गया है, 'वह एक महान वैज्ञानिक और असाधारण व्यक्ति थे। उनके कामों को कई सालों तक याद रखा जाएगा। उनकी साहस क्षमता और दृढ़ संकल्प ने पूरे विश्व के लोगों को प्रभावित किया है।'

द गार्डियन की रिपोर्ट के अनुसार, 'विज्ञान के आकाश का उज्‍जवल सितारा जिसकी अंतरदृष्टि ने आधुनिक ब्रह्माण्ड विज्ञान और करोड़ों लोगों को प्रेरित किया, उनका कैंब्रिज में अपने घर में निधन हो गया।'

भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्वीट कर कहा, 'वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग्स के निधन के बारे में सुनकर दुख हुआ। उनके शानदार मस्तिष्क ने हमारी दुनिया और हमारे ब्रह्मांड के कई गूढ़ रहस्यों को सुलझाया। उनका साहस कई पीढ़ियों को प्रेरित करेगा।'

मोदी ने भी ट्वीट कर हॉकिंग्स को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने लिखा कि प्रोफेसर स्टीफन हॉकिंग्स एक उत्कृष्ट वैज्ञानिक व शिक्षक थे।

उन्होंने कहा, 'उनकी धैर्य और दृढ़ता ने दुनिया भर के लोगों को प्रेरित किया। उनका निधन दुखद है। प्रोफेसर हॉकिंग्स के शानदार कार्य ने हमारी दुनिया को एक बेहतर स्थान बनाया। उनकी आत्मा को शांति मिले।' 

प्रसिद्ध बिग-बैंग थ्योरी खोज करने वाले और ब्लैक होल की नई व्याख्या करने वाले स्टीफन हॉकिंग का जन्म इंग्लैंड के ऑक्सफोर्ड में 8 जनवरी 1942 में हुआ था।

1963 में हॉकिंग को मोटोर न्यूरॉन बीमारी ने उन्हें लकवाग्रस्त कर दिया था। इसके बावजूद वे अपने गाल से लगे आवाज पैदा करने वाली उपकरण के जरिये दूसरों से संवाद स्थापित कर पाते थे।

स्टीफन हॉकिंग का लकवा से पीड़ित होने के बावजूद उनका दिमाग काफी सक्रिय था। इस बीमारी से पीड़ित होते हुए भी उन्होंने भौतिकी के कई महत्वपूर्ण खोज किए।

90 के दशक के अंत में अपनी इस दुर्लभ बीमारी के बावजूद हॉकिंग ने ब्रह्मांड विज्ञान पर अपनी किताब 'अ ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ टाइम' के जरिये पूरी दुनिया में शोहरत बटोरा था। इसके अलावा स्टीफन यूनिवर्सिटी ऑफ कैम्ब्रिज में गणित और भौतिकी के प्रोफेसर भी रहे थे।

साल 2002 में ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (बीबीसी) के किए गए पोल में स्टीफन को '100 महानतम ब्रिटिशर्स' की सूची में 25वां स्थान मिला था। 

बता दें कि स्टीफन भगवान के अस्तित्व को सिरे से नकारते थे। इस पर उनकी पत्नी के साथ कई बार बहस होता था।

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Source : News Nation Bureau

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