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यूक्रेन से पलायन( Photo Credit : News Nation)
रूस और यूक्रेन के बीच आज युद्ध का 11वां दिन है. रूस की ओर से अभी भी ताबड़तोड़ हमले किए जा रहे हैं. रूसी सेना ने यूक्रेन के दो शहरों पर कब्जा करने के साथ ही रूस के आक्रमण ने यूक्रेन के 10 से ज्यादा शहरों को तबाह कर दिया है. और वहां के कई महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों को नष्ट कर दिया है. यूक्रेनी सेना भी उनका मुकाबला कर रही है. यूक्रेन में हवाई हमले का अलर्ट जारी किया गया है. दोनों पक्षों के हजारों सैनिकों और नागरिकों की जान चली गई है. रूस के हमले से यूक्रेन में भीषण तबाही मच गयी है. संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक सुरक्षा की तलाश में अब 1 मिलियन से अधिक लोग यूक्रेन से भाग गए हैं, और लाखों लोगों के उनके साथ जुड़ने की संभावना है.
More than 1 million people have now fled Ukraine to seek safety, and millions more are likely to join them: United Nations
— ANI (@ANI) March 6, 2022
यूक्रेन के कई रियासशी इलाकों को बहुत नुकसान पहुंचा है और कई इमारतें खंडहर में तब्दील हो गई हैं. सड़कें सूनीं और विरान पड़ी है. यहां तक कि कई यूक्रेनी अपने घरों को छोड़कर भाग गए हैं. मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक हर तरफ हताशा और भय का माहौल है. जो बच गए हैं उनके चेहरे से बेबसी झलक रही है. बमबारी से बचने के लिए हजारों लोगों ने बंकरों की शरण ली है.
संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि रूस के हमले के सातवें दिन तक दस लाख शरणार्थी यूक्रेन से पोलैंड और हंगरी जैसे पड़ोसी देशों में चले गए हैं. वहीं यूरोपीय संघ का अनुमान है कि रूसी हमले के कारण 40 लाख लोग देश छोड़ने की कोशिश कर सकते हैं. शरणार्थी मुख्य तौर पर पोलैंड और हंगरी के अलावा रोमानिया, स्लोवाकिया और मोल्दोवा ही नहीं बल्कि रूस और बेलारूस भी पहुंच रहे हैं.
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ब्रिटेन के प्रधान मंत्री बोरिस जॉनसन का कहना है कि हम 200,000 यूक्रेनी शरणार्थियों को ले सकते हैं. शरणार्थियों को गया है कि उन्हें पड़ोसी देशों में जाने के लिए दस्तावेजों की आवश्यकता नहीं है, लेकिन उनके पास पासपोर्ट, उनके साथ यात्रा करने वाले बच्चों के जन्म प्रमाण पत्र और चिकित्सा दस्तावेज होने चाहिए.
संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, पोलैंड ने अब तक 505,582 शरणार्थियों को शरण दी है. पोलैंड घायल यूक्रेनियन को ले जाने के लिए एक मेडिकल ट्रेन भी तैयार कर रहा है और उनके इलाज के लिए 1,230 अस्पतालों की सूची बना ली गई है.
यूक्रेनियों के लिए हाल के वर्षों में पोलैंड उनकी पहली पंसद है. अनुमान है कि 2014 में रूस के क्रीमिया पर कब्जा करने के बाद दस लाख से अधिक यूक्रेनी वहां बस गए हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बहुत से लोग 60 घंटों तक पोलैंड की सीमा पार करने के लिए ठंड के मौसम में 15 किमी तक की लंबी कतारों में प्रतीक्षा कर रहे हैं. रोमानिया में प्रवेश करने वाले 20 घंटे से ज्यादा इंतजार कर रहे हैं.
शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त, फिलिपो ग्रांडी ने ट्विटर पर लिखा ‘यूक्रेन के अंदर कई लाखों और लोगों के लिए अब बंदूकों के शांत होने का समय आ गया है, ताकि जीवन रक्षक मानवीय सहायता प्रदान की जा सके.’
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