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सलमान रुश्दी को कम्पेनियन ऑफ ऑनर सम्मान, महारानी देंगी प्रशस्ति पत्र

किसी भी समय यह पुरस्कार एक बार में 65 से अधिक लोगों को नहीं दिया जाता. महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के ब्रिटेन पर शासन के 70 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में यह सूची जारी की गई.

Updated on: 03 Jun 2022, 02:27 PM

highlights

महारानी के शासन के 70 साल पूरा होने पर जारी की गई सूची

यह पुरस्कार एक बार में 65 से अधिक लोगों को नहीं दिया जाता

मुंबई में जन्मे रुश्दी को 'मिडनाइट्स चिल्ड्रन' के लिए बुकर मिला

लंदन:

ब्रिटेन की महारानी के जन्मदिन के अवसर पर सम्मानित किये जाने वाले भारतीय मूल के 40 से ज्यादा पेशेवर तथा सामुदायिक कार्य करने वाले लोगों की सूची में प्रख्यात लेखक सलमान रुश्दी का नाम सबसे ऊपर हैं. रुश्दी का जन्म मुंबई में हुआ था और उन्हें 'मिडनाइट्स चिल्ड्रन' उपन्यास के लिए बुकर पुरस्कार मिला था. उन्हें साहित्य जगत में सेवा के लिए ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वारा ‘कम्पेनियन ऑफ ऑनर’ से नवाजा जाएगा. अतीत में यह पुरस्कार ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल, जॉन मेजर और विख्यात भौतिकशास्त्री स्टीफेन हॉकिंग को प्रदान किया जा चुका है.

एक बार में 65 लोगों से अधिक को यह सम्मान नहीं
किसी भी समय यह पुरस्कार एक बार में 65 से अधिक लोगों को नहीं दिया जाता. महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के ब्रिटेन पर शासन के 70 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में यह सूची जारी की गई. तीस साल से ज्यादा समय पहले अपने विवादास्पद उपन्यास 'द सैटनिक वर्सेज' के लिए ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खामनेई का फतवा झेलने वाले रुश्दी (74) ने कहा, 'इस सूची में शामिल होना सम्मान की बात है.' महारानी द्वारा दिया जाने वाला ‘कम्पेनियन ऑफ ऑनर’ एक विशेष पुरस्कार है जो कला, विज्ञान, चिकित्सा आदि क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान के लिए दिया जाता है. अतीत में यह पुरस्कार ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल, जॉन मेजर और विख्यात भौतिकशास्त्री स्टीफेन हॉकिंग को प्रदान किया जा चुका है.

प्रशस्ति पत्र में लिखा है यह
रुश्दी को दिए जाने वाले प्रशस्ति पत्र पर अंकित है, 'बंबई में जन्मे, बाद में उन्होंने रग्बी स्कूल और किंग्स कॉलेज से पढ़ाई की जहां उन्होंने इतिहास का अध्ययन किया.' पत्र पर लिखा गया, 'विज्ञापन की दुनिया से करियर की शुरुआत की और ‘मिडनाइट्स चिल्ड्रन’ को दो बार (1993 और 2008) जनता के बेस्ट ऑफ बुकर्स घोषित किया गया. उन्हें साहित्य में सेवा के लिए 2007 में नाइटहुड की उपाधि दी गई. उन्होंने कथेतर साहित्य की भी रचना की, निबंध लिखे, सह संपादक रहे और मानवीय कार्य भी किया.'