सलमान रुश्दी हादी मटर के हमले बाद खो सकते हैं एक आंख, फिलहाल वेंटिलेटर पर हैं
रुश्दी के एजेंट एंड्र्यू वायली ने कहा, 'खबर अच्छी नहीं है. सलमान की एक आंख खोने की संभावना है. उनकी हाथ की नसें कट गई थीं, वहीं हमले के कारण उनका लिवर भी क्षतिग्रस्त हो गया है.'
highlights
- हमलावर ने रुश्दी की गर्दन और पेट पर चाकू से किए थे कई वार
- हमलावर की पहचान न्यू जर्सी में रहने वाले हादी मटर के रूप में हुई
- हमले में सलमान के हाथ के नसें कट गईं और लिवर भी क्षतिग्रस्त
न्यूयॉर्क:
अमेरिका के न्यूयॉर्क में तीन दशकों से फतवा झेल रहे मशहूर लेखक सलमान रुश्दी शुक्रवार को चाकू से किए गए हमले में गंभीर रूप से घायल हो वेंटीलेटर पर हैं. इस हमले में के परिणामस्वरूप वह अपनी एक आंख तक खो सकते हैं. पुलिस ने आरोपी की पहचान 24 वर्षीय हादी मटर के रूप में की है जो न्यू जर्सी का रहने वाला है. आधिकारियों का कहना है कि हमले के पीछे का कारण अभी भी अस्पष्ट है. हमलावर ने सलमान रुश्दी(Salman Rushdie) के गर्दन और पेट पर चाकू से वार किया. रुश्दी चौटाउक्वा संस्थान में 'लेखकों और निर्वासन में अन्य कलाकारों के लिए शरण के रूप में और रचनात्मक अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए एक घर के रूप में संयुक्त राज्य अमेरिका (America) की चर्चा' में भाग ले रहे थे.
हमले के बाद रुश्दी को हेलीकॉप्टर से अस्पताल ले जाए जाने से पहले दर्शकों में शामिल एक डॉक्टर ने उनका उपचार किया था. समाचार एजेंसी डीपीए ने बताया कि शुक्रवार देर रात एक बयान में रुश्दी के एजेंट एंड्र्यू वायली ने कहा, 'खबर अच्छी नहीं है. सलमान की एक आंख खोने की संभावना है. उनकी हाथ की नसें कट गई थीं, वहीं हमले के कारण उनका लिवर भी क्षतिग्रस्त हो गया है.' एक पुलिस प्रवक्ता के अनुसार घटना चौटाउक्वा इंस्टीट्यूशन में हुई. हमलावर तेजी से मंच पर आया और रुश्दी पर चाकू से हमला कर दिया. इस दौरान मंच पर मौजूद इंटरव्यूअर के सिर पर भी हल्की चोट आई है.
सलमान रुश्दी द्वारा मुस्लिम परंपराओं पर लिखे गए उपन्यास 'द सैटेनिक वर्सेस' को लेकर ईरान के धार्मिक नेता अयातुल्ला खामैनी ने 1988 में उनके खिलाफ फतवा जारी किया था. हमले को उसी से जोड़कर देखा जा रहा है. हालांकि ईरान के एक राजनयिक ने कहा, 'हमारा इस हमले से कोई लेना-देना नहीं है.' रुश्दी का जन्म भारतीय स्वतंत्रता के वर्ष 1947 में मुंबई में हुआ था. उन्होंने ब्रिटेन में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में इतिहास की पढ़ाई की है. उन्हें उपन्यास 'मिडनाइट्स चिल्ड्रन' के लिए 1981 में 'बुकर प्राइज' और 1983 में 'बेस्ट ऑफ द बुकर्स' पुरस्कार से सम्मानित किया गया. रुश्दी ने लेखक के तौर पर शुरुआत 1975 में अपने पहले उपन्यास 'ग्राइमस' के साथ की थी.
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