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वेंटिलेटर पर सलमान रश्दी, खोनी पड़ सकती है एक आंख; दशकों से मिल रही थी धमकियां

भारतीय मूल के अंग्रेजी भाषा के लेखक, साहित्यकार सलमान रुश्दी पर न्यूयॉर्क में हमला हुआ है. उनकी हालत बेहद खराब है. सूत्रों ने बताया है कि हमलावर ने उन्हें जब चाकु से गोदा, तो उनकी आंख को बड़ा नुकसान पहुंचा है. माना जा रहा है कि उन्हें...

Updated on: 13 Aug 2022, 07:47 AM

highlights

  • वेंटिलेटर सपोर्ट पर सलमान रुश्दी
  • न्यू जर्सी का रहने वाला हमलावर गिरफ्तार
  • 1988 से धमकियों के साए में जी रहे हैं रुश्दी

नई दिल्ली:

भारतीय मूल के अंग्रेजी भाषा के लेखक, साहित्यकार सलमान रुश्दी पर न्यूयॉर्क में हमला हुआ है. उनकी हालत बेहद खराब है. सूत्रों ने बताया है कि हमलावर ने उन्हें जब चाकु से गोदा, तो उनकी आंख को बड़ा नुकसान पहुंचा है. माना जा रहा है कि उन्हें इस हमले में एक आंख भी गंवानी पड़ सकती है. फिलहाल उनकी हालत गंभीर है और उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया है. सलमान रश्दी को हमले वाली जगह से एयरलिफ्ट करके अस्पताल ले जाया गया है. उन्हें तुरंत मंच पर ही मेडिकल सहायता दी गई थी. 

अस्पताल में सलमान रुश्दी का कई घंटों तक ऑपरेशन चला. इसके बाद से ही वो वेंटिलेटर पर हैं. उनती हालत गंभीर बताई जा रही है. सलमान रुश्दी की उम्र 75 वर्ष है और वो करीब 3 दशकों से धमकियों के साए में जी रहे हैं. इस बीच एफबीआई ने हमलावर की पहचान कर ली है. वो न्यू जर्सी का रहने वाला है. 

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अपनी किताब "द सैटेनिक वर्सेज" को लेकर निशाने पर थे रुश्दी

बता दें कि सलमान रुश्दी (Salman Rushdi) पर शुक्रवार को उस समय हमला किया गया जब वह पश्चिमी न्यूयॉर्क में व्याख्यान देने वाले थे. सलमान रुश्दी के लेखन से 1980 के दशक में ईरान से जान से मारने की धमकी मिली थी. एक एसोसिएटेड प्रेस रिपोर्टर ने देखा कि एक व्यक्ति ने चौटौक्वा इंस्टीट्यूट में मंच पर धावा बोल दिया और रुश्दी का परिचय कराते ही उन्हें चाकू मारना शुरू कर दिया. हमला करते ही लेखक फर्श पर गिर गए. घटना के तुरंत बाद संबंधित व्यक्ति को तुरंत दबोच लिया गया. रुश्दी की किताब "द सैटेनिक वर्सेज" को ईरान में 1988 से प्रतिबंधित कर दिया गया है, क्योंकि कई मुसलमान इसे ईशनिंदा मानते हैं. एक साल बाद ईरान के दिवंगत नेता अयातुल्ला रूहोल्लाह खुमैनी ने एक फतवा जारी किया था, जिसमें रुश्दी की मौत का आह्वान किया गया था.