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नवाज शरीफ ने जिंदल से होने वाली मुलाकात के बारे में पाकिस्तान आर्मी को दी थी जानकारी, कहा- ये पर्दे के पीछे की कूटनीति का है हिस्सा

पीएम नवाज़ शरीफ़ ने इस बैठक का कहीं भी ज़िक्र नहीं किया है।

Updated on: 12 May 2017, 12:18 AM

highlights

  • शरीफ ने पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा को जिंदल के साथ मुलाकात को लेकर भरोसे में लिया।
  • 27 अप्रैल को शरीफ और जिंदल की मुलाकात हुई थी। 
  • सरकार ने सेना प्रमुख को सूचित किया कि जिंदल के साथ शरीफ की एक घंटे तक चली मुलाकात पर्दे के पीछे की कूटनीति का हिस्सा है।

नई दिल्ली:

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने पिछले महीने भारतीय इस्पात कारोबारी सज्जन जिंदल के साथ हुई उनकी मुलाकात के बारे में सेना को जानकारी दी थी। उन्होंने सेना से बताया था कि यह पर्दे के पीछे की कूटनीति का हिस्सा है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सरकार ने सेना के नेतृत्व को सूचित किया कि जिंदल के साथ शरीफ की एक घंटे तक चली मुलाकात पर्दे के पीछे की कूटनीति का हिस्सा है। बता दें कि 27 अप्रैल को शरीफ और जिंदल की मुलाकात हुई थी। 

पीटीआई ने बीबीसी उर्दु का हवाला देते हुए लिखा है कि पाकिस्तानी पीएम नवाज़ शरीफ ने सज्जन जिंदल से 27 अप्रैल को मुर्री हिल रिसोर्ट में हुई मीटिंग के बारे में आर्मी चीफ क़मर जावेद बाजवा को पहले ही जानकारी दे दी थी।

पीएम ने अपनी इस मीटिंग के बारे में जानकारी देते हुए बताया था कि वो भारतीय उद्योगपति सज्ज्न जिंदल से कूटनीति के तहत मुलाकात कर रहे हैं। उन्होंने बताया था कि जिंदल को सीमा पर जारी वर्तमान तनाव को कम करने के लिए भारतीय अधिकारियों का साथ मिल रहा है।

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बता दें कि भारत-पाक के बीच सीमा पर चल रही गोलीबारी और कुलभूषण जाधव को फांसी दिए जाने के मामले को लेकर तनाव की स्थिति बनी हुई है। भारत ने कुलभूषण जाधव पर लगाए गए आरोप को ख़ारिज़ किया है और अपनी बात को दुहराते हुए कहा है कि जाधव को पाकिस्तानी इंटेलिजेंस एजेंसी द्वारा अपहरण किया गया है।

पीएमएल-एन लीडर ने कहा, 'पीएम नवाज़ शरीफ़ ने इस बैठक का कहीं भी ज़िक्र नहीं किया है।' पीएम ने इस मुलाकात के बारे में बस इतनी जानकारी दी है कि इस मुलाकात में दोनो देशों के बीच चल रहे सीमा पर तनाव को कम करने की दिशा में बात की गई है।

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रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि इस बैठक से पहले पाकिस्तान सरकार ने मज़बूत आर्मी को भरोसे में ले लिया था। आर्मी चीफ बाजवा ने अपने अधिकारियों को भी इस मीटिंग के बारे में यही बताया था कि ये पर्दे के पीछे की राजनीति है।

गौरतलब है कि शरीफ-जिंदल के बीच मुलाकात के बाद पाकिस्तान में काफी बवाल मचा था। पाक मीडिया ने तो स्टील कारोबारी जिंदल और शरीफ की मीटिंग को 'गुप्त मीटिंग' करार दे दिया था।

इस मुलाकात पर नवाज शरीफ की बेटी मरियम शरीफ ने कहा था कि सज्जन जिंदल के साथ उनके पिता की मुलाकात गुप्त नहीं थी। मरियम ने एक ट्वीट में लिखा था कि जिंदल और शरीफ की दोस्ती काफी पुरानी है और उनकी मुलाकात भी दोस्ताना थी।

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पाकिस्तान के पीएम शरीफ के विदेशी मामलों के सलाहकार सरताज अजीज ने बुधवार को कहा था कि अगर भारत इच्छा जताता है तो पाकिस्तान कजाकिस्तान में 8-9 जून को होने वाले SEO सम्मेलन में शरीफ और पीएम नरेंद्र मोदी के मुलाकात पर विचार कर सकता है।

नवाज और जिंदल की मुलाकात पर क्रिकेटर से राजनेता बने इमरान खान की तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी ने पंजाब विधानसभा में एक प्रस्ताव पेश कर दिया था और इस 'गुप्त' बैठक पर चिंता जताई थी। 

खबरों के मुताबिक 25 दिसंबर 2015 को लाहौर में शरीफ के एक पारिवारिक समारोह में मोदी और शरीफ के मुलाकात के पीछे जिंदल की भूमिका मानी जाती है।

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