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भारत विरोधी लॉबी को एस जयशंकर का करारा जवाब, अमेरिकी कांग्रेस सदस्य संग बैठक रद्द की

उन्होंने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के मामले को अमेरिकी कांग्रेस में उठाने वाली अमेरिकी कांग्रेस सदस्य प्रमिला जयपाल से अपनी बैठक रद्द कर दी. हालांकि उन्होंने अमेरिकी कांग्रेस के अन्य सदस्यों के साथ विभिन्न मसलों पर चर्चा की.

Updated on: 20 Dec 2019, 11:43 AM

highlights

  • यूएस में भारत विरोधी लॉबी के हाथों खेल रही थीं अमेरिकी कांग्रेस सदस्य प्रमिला जयपाल.
  • ट्रंप ने भी जम्मू-कश्मीर को अंदरूनी मसला माना. इसके बावजूद अमेरिकी कांग्रेस में रखा प्रस्ताव.
  • इसके साथ ही मोदी सरकार पर लगाए थे बेबुनियाद आरोप, जिन्हें सरकार कर चुकी खारिज.

New Delhi:

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका में सक्रिय भारत विरोधी लॉबी को तगड़ा झटका दिया है. उन्होंने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के मामले को अमेरिकी कांग्रेस में उठाने वाली अमेरिकी कांग्रेस सदस्य प्रमिला जयपाल से अपनी बैठक रद्द कर दी. हालांकि उन्होंने अमेरिकी कांग्रेस के अन्य सदस्यों के साथ विभिन्न मसलों पर चर्चा की. इसमें नागरिकता संशोधन अधिनियम और उस पर भारतीय पक्ष की दलीलें भी शामिल थीं. इसके बाद जयशंकर ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात कर उन्हें टू प्लस टू मंत्रीस्तरीय वार्तालाप के दौरान उठे मसलों से भी अवगत कराया.

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मुलाकात में दिलचस्पी से किया इंकार
अमेरिकी कांग्रेस की सदस्य प्रमिला जयपाल ने कश्मीर मसला अमेरिकी कांग्रेस में उठाया था. इसको लेकर वह सुर्खियों में थीं. इसके पहले भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद ट्रंप को इस विषय पर जानकारी दे चुके थे, जिसके बाद अमेरिका ने इसे भारत का अंदरूनी मसला करार दे किसी किस्म की टिप्पणी या हस्तक्षेप से इंकार कर दिया था. इसके बावजूद प्रमिला जयपाल ने इस मसले को अमेरिकी कांग्रेस में उठाया. इसके बाद जयशंकर ने उनके साथ होने वाली बैठक रद्द कर दी. इस पर उन्होंने कहा कि ऐसा समझने के कई कारण हैं कि उन्हें जम्मू-कश्मीर मसले की निष्पक्ष समझ नहीं है. उन्हें यह भी सही से नहीं मालूम है कि भारत सरकार ने यह कदम क्यों उठाया. ऐसे में मुझे उनसे मिलने में कोई दिलचस्पी नहीं है.

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सीएए पर चर्चा कर भारत का अंदरूनी मसला बताया
हालांकि अमेरिकी कांग्रेस में विभिन्न विषयों पर हुई चर्चा में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने हिस्सा लिया. इसमें वीसा मसले समेत काटसा भी शामिल था. इसके अलावा अमेरिकी कांग्रेस ने CAA पर विदेश मंत्री का नजरिया जानना चाहा, तो उन्होंने भारतीय पक्ष को बखूबी प्रस्तुत कर साफ कर दिया कि यह भी जम्मू-कश्मीर की ही तरह भारत का अंदरूनी मसला है और इससे किसी भी तरह से अल्पसंख्यकों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ने वाला है. इसके बाद जयशंकर ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात कर वीसा संबंधी नियमों पर विस्तार से चर्चा की.

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प्रमिला जयपाल के आरोपों को बेबुनियाद करार दे चुकी है मोदी सरकार
गौरतलब है कि कश्मीर से प्रतिबंध हटाने के लिए अमेरिकी सांसद प्रमिला जयपाल ने संसद में प्रस्ताव पेश किया था. इस प्रस्ताव का पिछले काफी दिनों से अमेरिका में विरोध हो रहा है. यही नहीं, इस विरोध में भारतीय अमेरिकी का समूह प्रमिला के कार्यालय के बाहर शांतिपूर्ण प्रदर्शन भी कर चुका है. जयपाल चाहती हैं कि भारत सरकार जितना जल्दी संभव हो हिरासत में लिए गए लोगों को छोड़ दे और कश्‍मीर में संचार व्यवस्था शुरू की जाए. प्रमिला भारत विरोधी लॉबी के हाथों में खेल रही थीं. उन्होंने इस मसले पर भारत सरकार को कठघरे में खड़ा किया था. हालांकि मोदी सरकार ने उनके सभी आरोपों को निराधार बताया था.