S-400 Deployment: चीन-पाकिस्तान से है भारत को खतरा, अमेरिका का बड़ा बयान
फिलवक्त सबसे आधुनिक एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम करार दिया गया एस-400 लंबी दूरी का सतह से हवा में मार करने वाला डिफेंस सिस्टम है.
highlights
- डीआईए के निदेशक लेफ्टिनेंट जनरल स्कॉट बेरियर का सीनेट में बड़ा बयान
- भारत अपने दो पड़ोसी देशों चीन-पाकिस्तान के लिए तैनात कर रहा एस-400
- अमेरिकी एजेंसी निदेशक ने माना भारत रक्षा क्षेत्र में बन रहा है आत्मनिर्भर
वॉशिंगटन:
रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War) के बीच अमेरिका की डिफेंस इंटेलिजेंस एजेंसी ने रूस से प्राप्त एस-400 मिसाइल सिस्टम पर भारत के पक्ष में बड़ा बयान दिया है. अमेरिकी एजेंसी ने कहा है कि भारत (India) को हाल-फिलहाल दो मोर्चों पर सामरिक खतरा है. इसी संदर्भ में भारत ने अपने दो पड़ोसी देशों पाकिस्तान (Pakistan) और चीन (China) से खतरे के मद्देनजर एस-400 की तैनाती करने जा रहा है. डीआईए के निदेशक लेफ्टिनेंट जनरल स्कॉट बेरियर ने सीनेट की एक कमेटी से सुनवाई के दौरान यह बयान दिया. गौरतलब है कि भारत ने अमेरिकी दबाव को दरकिनार कर रूस से ये मिसाइल डिफेंस सिस्टम (S-400) का सौदा किया था. मोदी सरकार (Modi Government) को रूस ने बीते साल दिसंबर में ही इस अत्याधुनिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम की पहली खेप सौंपी है.
सबसे आधुनिक सिस्टम है एस-400
गौरतलब है कि फिलवक्त सबसे आधुनिक एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम करार दिया गया एस-400 लंबी दूरी का सतह से हवा में मार करने वाला डिफेंस सिस्टम है. ये ड्रोन, मिसाइल, रॉकेट और यहां तक कि लड़ाकू जेट सहित लगभग हर तरह के हवाई हमलों को खत्म कर सकता है. पेंटागन के मुताबिक अक्टूबर 2021 तक भारत की सेना अपनी ज़मीनी और समुद्री सीमाओं को मजबूत करने और अपनी आक्रामक और रक्षात्मक साइबर क्षमताओं को बढ़ावा देने के लिए बेहतर सर्विलेंस प्रणाली खरीदने की मांग कर रही थी. बेरियर ने कहा, ‘भारत ने अपनी हाइपरसोनिक, बैलिस्टिक, क्रूज और वायु रक्षा मिसाइल क्षमताओं को विकसित करना जारी रखा और 2021 में कई परीक्षण किए. भारत उपग्रहों की संख्या भी बढ़ रहा है और वो अंतरिक्ष में अपना विस्तार कर रहा है.’
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रक्षा क्षेत्र में भी मेक इन इंडिया पर जोर
बेरियर ने सीनेट में यह भी कहा कि भारत रक्षा उपकरणों के निर्माण के लिए मेक इन इंडिया कार्यक्रम पर जोर दे रहा है. मोदी सरकार का मकसद घरेलू रक्षा उत्पादन पर जोर दे हवाई, जमीनी, नौसैनिक और सामरिक परमाणु बलों को शामिल करते हुए व्यापक सैन्य आधुनिकीकरण करना है. इसके साथ ही भारत सेना के तीनों अंगों में बेहतर समन्वय स्थापित करने के लिए इंटीग्रेटेड थिएटर कमांड की स्थापना पर जोर दे रहा है. भारत के पहले सीडीएस जनरल विपिन रावत के हेलीकॉप्टर हादसे में आस्मिक निधन से इसमें थोड़ा विलंब हो रहा है. गौरतलब है कि बेरियन का यह बयान ऐसे समय आया है जब रूस-यूक्रेन युद्ध पर रूस के खिलाफ भारत ने अभी तक कोई पुरजोर बयान नहीं दिया है. सिर्फ शांति की वकालत कर युद्ध रोकने का ही आह्वान किया है.
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