BRICS Meeting: कोरोना संकट में भारत की मदद के लिए रूस प्रतिबद्ध
ब्रिक्स सम्मेलन में (BRICS Meeting) रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि रूस इस खतरनाक वायरस (COVID19) से लड़ने में हमारे भारतीय दोस्तों की मदद करने के लिए प्रतिबद्ध है.
highlights
- ब्रिक्स की मीटिंग में विदेश मंत्री ने संप्रभुता के सम्मान की वकालत की
- जयशंकर के इस बयान पर चीनी विदेश मंत्री वांग ई नोट लिखते नजर आये
- विदेश मंत्री ने आतंक के खतरे के प्रति भी आगाह किया
नई दिल्ली:
ब्रिक्स सम्मेलन में (BRICS Meeting) रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि रूस इस खतरनाक वायरस (COVID19) से लड़ने में हमारे भारतीय दोस्तों की मदद करने के लिए प्रतिबद्ध है. रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने आगे कहा कि आज हमने भारत को सहायता प्रदान करने के लिए किए गए बड़े कदमों के अनुसरण के रूप में स्पुतनिक वी वैक्सीन का एक और शिपमेंट भारत भेजा है. ब्रिक्स सदस्यों के बीच कोई विवाद नहीं है. रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने एएनआई को बताया कि ब्रिक्स के सभी सदस्य देशों ने एक संकीर्ण प्रारूप में नहीं, बल्कि संयुक्त राष्ट्र चार्टर पर आधारित सार्वभौमिक प्रारूप में बहुपक्षीय प्रणाली को मजबूत करने की आवश्यकता पर बल दिया.
दरअसल, भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर मंगलवार से शुरू हो रही ब्रिक्स बैठक में शामिल हुए. इस बैठक में चीन के विदेश मंत्री वांग यी शामिल हुए. ब्रिक्स की मीटिंग में विदेश मंत्री ने अंतराष्ट्रीय कानून, यूएन चार्टर और एक दूसरे के संप्रभुता के सम्मान की वकालत की. जयशंकर के इस बयान पर चीनी विदेश मंत्री वांग ई नोट लिखते नजर आये. विदेश मंत्री ने मल्टीपोलर वर्ल्ड की चुनौतियों के साथ साथ आतंक के खतरे के प्रति भी आगाह किया.
यह मीटिंग वर्चुअल तरीके से हो रही है. इनके अलावा इस बैठक में रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव, ब्राजील के विदेश मंत्री कार्लोस फ्रांको फ्रांका, दक्षिण अफ्रीका के विदेश मंत्री ग्रेस नालेदी पैंडोर ने भी भाग लिया. ब्रिक्स विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि भारत ने ब्रिक्स की 15वीं वर्षगांठ पर अध्यक्षता ग्रहण की है. 2006 में न्यूयॉर्क में पहली बार हमारे विदेश मंत्रियों की मुलाकात से हम बहुत आगे निकल गए हैं. हमारे समूह का मार्गदर्शन करने वाले सिद्धांत वर्षों से लगातार बने हुए हैं. दक्षिण अफ्रीका के विदेश मंत्री नलेदी पंडोर ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका और भारत ने टीआरआईपीएस के कुछ पहलुओं की अस्थायी छूट के लिए विश्व व्यापार संगठन को प्रस्ताव प्रस्तुत किया है ताकि टीकों और उपचारों के उत्पादन के लिए आवश्यक प्रौद्योगिकियों तक व्यापक पहुंच की सुविधा हो ताकि क्षमता वाले गरीब देश उत्पादन कर सकें.
ब्रिक्स विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि मैं COVID-19 की दूसरी लहर के गंभीर प्रभाव के लिए भारत के प्रति अपनी सहानुभूति व्यक्त करता हूं. इस कठिन समय में, चीन भारत और सभी ब्रिक्स देशों के साथ खड़ा है.
एसए विदेश मंत्री ने कहा कि समझौता बौद्धिक संपदा के उपयोग, तकनीक को साझा करने, इसके हस्तांतरण और टीकों के उत्पादन, चिकित्सीय और व्यापक वितरण की अनुमति देगा ताकि 'हम में से कोई भी सुरक्षित न हो जब तक कि हम सभी सुरक्षित न हों' की महत्वाकांक्षा प्राप्त करें. हमें वैक्सीन पहुंच के वैश्विक अंतर को दूर करना चाहिए. ब्रिक्स की बैठक में भाग लेने वाले सभी विदेश मंत्रियों (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) ने बैठक समाप्त होने के बाद सामूहिक 'नमस्ते' किया. ब्रिक्स बैठक की अध्यक्षता में भारत की अध्यक्षता में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने स्टैंड अलोन बैठक बुलाई.
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