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Russia-Ukraine War : रूस की सेना ने सबसे पहले मारियोपोल पर मिसाइल अटैक किए, जानें वजह

Russia-Ukraine War : दुनिया के किसी भी अखबार या टीवी चैनल को देख लीजिए आपको हर हेडलाइन में यूक्रेन के एक शहर का नाम जरूर सुनने को मिलेगा और ये शहर है मारियोपोल.

Updated on: 31 Mar 2022, 06:40 PM

नई दिल्ली:

Russia-Ukraine War : दुनिया के किसी भी अखबार या टीवी चैनल को देख लीजिए आपको हर हेडलाइन में यूक्रेन के एक शहर का नाम जरूर सुनने को मिलेगा और ये शहर है मारियोपोल. मारियोपोल पर रूस की सेना ने सबसे पहले मिसाइल अटैक किए, उसके बाद लड़ाकू विमानों से बमबारी की गई फिर टैंकों के जरिए मारियोपोल को धमाकों से गुंजा दिया गया और आखिर में रूस की स्पेशल फोर्सज ने मारियोपोल में बेगुनाहों को चुन चुनकर निशाना बनाना शुरू कर दिया.

जंग में हुई रमजान काद्रयोव की एंट्री

जब रूस की फौज के बड़े-बड़े जनरल मारियोपोल का मोर्चा नहीं जीत पाए तब रूस ने मारियोपोल में उतारा अपना कसाई कमांडर यानी रमजान काद्रयोव. रूस और यूक्रेन की लड़ाई में आपने कई बार चेचेन आतंकियों के इस कमांडर का नाम सुना होगा और सिर्फ ये युद्ध ही नहीं बल्कि इससे पहले भी रमजान काद्रयोव के जंगी जुनून ने इतनी तबाही मचाई है कि दुनिया इस उन्मादी कमांडर को वॉर डॉग कहने लगी.

आखिर रूस को काद्रयोव की जरूरत क्यों पड़ी

मारियोपोल में इस वक्त गली-गली लड़ाई चल रही है. शहर के बाहरी हिस्सों पर रूस का कंट्रोल है, लेकिन शहर और  बस्तियों के अंदर मारियोपोल की सिविल मिलिशिया यानी अजॉव बटालियन मौजूद है. जो रूस की सेना को लगातार टक्कर दे रही है. चूंकि, रूसी सेना को इस किस्म के वॉरफेयर का ज्यादा तजुर्बा नहीं है तो अजॉव बटालियन उनके दांत खट्टे करने में कामयाब हो रही है. इसीलिए रमजान काद्रयोव और उसकी काद्रयोव बटालियन को मारियोपोल जीतने का टारगेट सौंपा गया है.

रमजान काद्रयोव के चेचेन लड़ाके जिन्हें काद्रयोवाइट्स भी कहा जाता है, उन्हें अर्बन वॉरफेयर का बड़ा तजुर्बा है. ग्रोज्नी की लड़ाई में महीनों तक ये चेचेन लड़ाके रूस की सेना से टक्कर लेते रहे थे और काद्रयोव की बटालियन में आज भी अधिकतर कमांडर वही आतंकी हैं जिन्होंने ग्रोजनी की लड़ाई में हिस्सा लिया था. इसी वजह से रमजान काद्रयोव के लड़ाकों को मारियोपोल की कमान दी गई है ताकि शहरी मोर्चों पर अजॉव बटालियन के कदम उखाड़ सके और उन्हें मारियोपोल से बाहर धकेल सके.

ऐसा माना जाता है कि जब जब रमजान काद्रयोव जंग के मैदान में उतरते हैं तो गांव से लेकर शहर तक, कुछ भी नहीं बख्शते. यहीं तक की वो महिलाओं को अपना निशाना बनाते हैं, छोटे-छोटे बच्चों और बुजुर्गों पर जुल्म करते हैं.

क्या दौलत के भूखे हैं रमजान काद्रयोव?

रमजान काद्रयोव की शख्सियत को आप दो तरीके से समझ सकते हैं, पहला ये दौलत का भूखा है और दूसरा इसे ताकत की हवस है. चेचेन्या को रूस ने ही तबाह किया था और चेचेन आतंकियों को रूस ने ही कुचला था, बावजूद इसके रमजान काद्रयोव रूसी सत्ता के दरबार में एक प्यादा बन गया क्योंकि उसे अपने कंट्रोल में बड़े इलाके चाहिए थे और मारियोपोल में भी इस कसाई कमांडर का यही प्लान है.

अगर रूस ने मारियोपोल को जीत लिया तो वो उसे यूक्रेन के हाथ में नहीं रहने देगा, लेकिन अगर रूस ने मारियोपोल पर कब्जा किया तो दुनिया में पुतिन की छवि, एक विस्तारवादी नेता की बन जाएगी. ऐसे में हो सकता है कि मारियोपोल को यूक्रेन से छीनकर पुतिन इस शहर को काद्रयोव के हाथ में बतौर ईनाम सौंप सकता है. तो अब पुतिन और रमजान काद्रयोव के प्लान क्लियर कट नजर आते हैं. मारियोपोल में काद्रयोव के काले कदम पड़ भी चुके हैं तो अगर मारियोपोल में मौजूद यूक्रेनी सेना और अजॉव बटालियन कमजोर पड़े फिर ये तय मानिए कि ये कसाई कमांडर इस शहर को सिसकते खंडहर में तब्दील कर देगा.