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Russia करेगा Anti-Satellite Missiles की तैनाती, अब स्पेस वॉर का बढ़ा खतरा

Anti-Satellite Missiles on MiG-31D Jet : यूक्रेन युद्ध में मनचाहे नतीजे न हासिल कर पाने वाला रूस अब एक कदम आगे बढ़ने की सोच रहा है. वो यूक्रेनी बलों की सबसे बड़ी ताकत साबित हुए कम्युनिकेशन सेटेलाइट्स को निशाना बनाने की सोच रहा है. इसके लिए वो अपने पुराने और एकदम ढांसू फाइटर जेस्ट को एंटी-सेटेलाइट मिसाइलों से लैस कर रहा है.

Updated on: 07 Apr 2023, 11:05 PM

highlights

  • रूस अब अंतरिक्ष युद्ध के लिए भी तैयार
  • अपने लिए खतरा बन रहे उपग्रहों को करेगा ढेर
  • एलन मस्क की स्पेस-एक्स जैसी कंपनियां होंगी निशाने पर

नई दिल्ली:

Anti-Satellite Missiles on MiG-31D Jet : यूक्रेन युद्ध में मनचाहे नतीजे न हासिल कर पाने वाला रूस अब एक कदम आगे बढ़ने की सोच रहा है. वो यूक्रेनी बलों की सबसे बड़ी ताकत साबित हुए कम्युनिकेशन सेटेलाइट्स को निशाना बनाने की सोच रहा है. इसके लिए वो अपने पुराने और एकदम ढांसू फाइटर जेस्ट को एंटी-सेटेलाइट मिसाइलों से लैस कर रहा है. यही नहीं, रूस अपने सबसे भारी भरकम लड़ाकू जहाजों में से एक को लेजर हथियारों से लैस कर रहा है, जो बिना धमाके के ही सेटेलाइट्स को तबाह करने की ताकत रखते हैं.

MiG-31D Jet पर तैनात हो रहे महाविनाशक

मीडिया रिपोर्ट्स की मांनें तो रूस अपने पुराने MiG-31D Jet पर एंटी सेटेलाइट मिसाइल्स की तैनाती कर रहा है. ऐसा करने के पीछे उन सेटेलाइट्स को निशाना बनाना उसका मकसद है, जो अवैध तरीके से उसके लक्ष्यों के आड़े आ रहे हैं. इसमें एलन मस्क की कंपनी के इंटरनेट सर्विस देने वाले सैकड़ों सेटेलाइट्स भी हो सकते हैं. क्योंकि रूस के हमले के बाद यूक्रेनी सैनिकों और सरकार को एलन मस्क की कंपनी स्टारलिंक ही इंटरनेट सेवा दे रही है. अगर रूस इन सेटेलाइट्स को गिरा देता है, तो फिर यूक्रेन के लिए रूस को रोकना मुश्किल हो जाएगा.

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कॉम्बैट लेजर क्या है?

अमेरिका, रूस, चीन, इजरायल इस तकनीकी में महारत हासिल कर चुके हैं, लेकिन अभी तक इसके इस्तेमाल की पुष्टि वाली खबरें आई नहीं हैं. अपुष्ट खबरों के मुताबिक, इनका जमकर इस्तेमाल हो रहा है. लेकिन घोषित तौर पर नहीं. अघोषित तौर पर भारत के पास भी कॉम्बैट लेजर की पॉवर है. ऐसे में अगर रूस ने अपने भीमकाय जहाज पर लैस करके इन कॉम्बैट लेजर्स का उपयोग कम्युनिकेशन सेटेलाइट्स पर किया, तो दुनिया में बड़ा संकट खड़ा हो सकता है. क्योंकि ऐसी ताकत अन्य देशों के पास भी है.