रूस ने भारत के लिए S-400 रक्षा प्रणाली का निर्माण किया शुरू
रूस (Russia) ने भारत (India) के लिए तैयार की जाने वाली एस-400 रक्षा प्रणाली (S-400 Defense System) का निर्माण शुरू कर दिया है.
highlights
- रूस ने भारत के लिए S-400 बनाने की शुरूआत की.
- 2025 तक भारत को मिलेगा S-400 रक्षा प्रणाली.
- इस रक्षा प्रणाली के लिए दोनों देशों के बीच 5.43 अरब डॉलर की डील हुई है.
नई दिल्ली:
रूस (Russia) ने भारत (India) के लिए तैयार की जाने वाली एस-400 रक्षा प्रणाली (S-400 Defense System) का निर्माण शुरू कर दिया है. रूस के उद्योग और व्यापार मंत्री डेनिस मांतुरोव ने खुद इस जानकारी की पुष्टि की है। भारत ने अपनी सैन्य शक्ति में इजाफा करने के लिए रूस से एस-400 रक्षा प्रणाली की खरीद के लिए डील किया था. भारत ने एस-400 प्रणाली की खरीद के लिए करीब चालीस हजार करोड़ रुपये का करार किया था। इस करार पर पांच अक्टूबर, 2018 को नई दिल्ली में आयोजित 19वें भारत-रूस वार्षिक द्विपक्षीय सम्मेलन में दस्तखत किए गए थे।
रूस अनुबंध की निर्धारित समय सीमा के अंदर एस-400 भारत को सौंप देगा. भारत को रूस से एस-400 रक्षा प्रणाली 2025 तक मिलनी है. अभी भुगतान सहित सभी प्रतिबद्धताएं पूरी की जा रही हैं।
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भारत ने दीर्घकालिक सुरक्षा जरूरतों के लिए 5 अक्तूबर, 2018 को नई दिल्ली में 19 वें भारत-रूस वार्षिक द्विपक्षीय सम्मेलन के दौरान पांच एस -400 प्रणालियों की खरीद के लिए रूस के साथ 5.43 अरब डॉलर के समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। पिछले माह रूसी राजनयिक रोमन बाबुशकिन ने जानकारी दी थी कि 2025 तक भारत को पांच एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली सौंप दिया जाएगा.
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भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच एस -400 को लेकर एक डील हुई थी जिसके तहत भारतीय वायु सेना को यह रक्षा प्रणाली सौंपी जाएगी। इस डील से पहले भी भारत और रूस के बीच इस मिसाइल को लेकर एक डील हुई थी जिसमें रूस ने भारत को एस-400 साल 2020 में देने की बात कही थी। जो भारत को समय पर नहीं मिल सका था।
S-400 की खासियत
- एस-400 ट्रायम्फ एयर डिफेंस सिस्टम वायु रक्षा प्रणाली एक बार में 36 निशाने भेद सकती है.
- इस सिस्टम के जरिए एक साथ 72 मिसाइलों को छोड़ा जा सकता है.
- एस-400 एस-300 पीएमयू-2 वायु रक्षा मिसाइल कांप्लेक्स पर आधारित है.
- इस मिसाइल सिस्टम में एक युद्धक नियंत्रण चौकी, हवाई लक्ष्यों का पता लगाने के लिए तीन कॉर्डिनेट जैम-रेजिस्टेंट फेज्ड एैरे रडार, छह-आठ वायु रक्षा मिसाइल कांप्लेक्स (12 तक ट्रांसपोर्टर लांचर के साथ) और साथ ही एक बहुपयोगी फोर-कॉर्डिनेट इल्यूमिनेशन एंड डिटेक्शन रडार), एक तकनीकी सहायक प्रणाली सहित अन्य लगे हैं.
- एस-400 प्रणाली में हर ऊंचाई पर काम करने वाला रडार (डिटेक्टर) और एंटेना पोस्ट के लिए मूवेबल टॉवर भी लगाए जा सकते हैं.
- यह मिसाइस सिस्टम 600 किलोमीटर तक की दूरी तक लक्ष्यों का पता लगा सकती है.
- इस सिस्टम की सामरिक बैलिस्टिक मिसाइल पांच से 60 किलोमीटर तक के लक्ष्यों को तबाह कर सकती है.
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