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यूक्रेन के खिलाफ रूस का ऑपरेशन Z शुरू, जेलेंस्की ने दिया मुलाकात का प्रस्ताव

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार रूसी तोपों और सैन्य काफिले को यूक्रेन की सीमा से लगे कर्स्क के पास और बेलेगोरोद में देखा गया है.

Updated on: 21 Feb 2022, 06:53 AM

highlights

  • रूस की बख्तरबंद तोपें और भारी सैन्य काफिला यूक्रेन सीमा की ओर बढ़ा
  • सभी सैन्य वाहनों पर जल्दबाजी में पेंट किया गया है अंग्रेजी अक्षर 'जेड'
  • भारत समेत कई पश्चिमी देशों ने अपने नागरिकों को यूक्रेन छोड़ने को कहा

कीव:

रूस से बढ़ते तनाव के बीच यूक्रेन (Ukraine) के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) को बैठक कर संकट का हल निकालने का प्रस्ताव दिया है. यह अलग बात है कि इस प्रस्ताव पर रूस (Russia) की ओर से अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. इस बीच यूक्रेन पर किसी भी वक्त हमला किए जाने की पश्चिमी देशों की आशंका के बीच रूस की बख्तरबंद तोपों और भारी काफिले को यूक्रेन सीमा की ओर बढ़ने की खबरों ने चिंता और बढ़ा दी है. ब्रिटेन के समाचार पत्र डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, इन तोपों पर अंग्रेजी का 'जेड' अक्षर पेंट किया हुआ है. 'जेड' अक्षर सिर्फ तोपों पर ही नहीं, बल्कि बंदूकों, ईंधन ट्रकों और आपूर्ति वाहनों पर भी पेंट से लिखा गया है.

यूक्रेन ने शांति का जिक्र कर दिया मुलाकात का प्रस्ताव
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में कहा, ‘मैं नहीं जानता कि रूस के राष्ट्रपति क्या चाहते हैं. इसी लिए मैं उन्हें मुलाकात का प्रस्ताव देता हूं.’ जेलेंस्की ने कहा कि रूस बातचीत के लिए स्थान का चयन कर सकता है. जेलेंस्की ने सुरक्षा सम्मेलन के इतर अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस से भी मुलाकात की. यूक्रेन के राष्ट्रपति ने कहा, 'संकट के शांतिपूर्ण समाधान के लिये यूक्रेन केवल कूटनीति के रास्ते पर चलता रहेगा.' जेलेंस्की ने यह प्रस्ताव ऐसे समय में दिया है, जब पूर्वी यूक्रेन में अलगाववादी नेताओं ने क्षेत्र में हिंसा बढ़ने और इसकी आड़ में रूस के आक्रमण करने को लेकर पश्चिमी देशों की आशंका के बीच पूर्ण सैन्य लामबंदी का आदेश दिया है.

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'जेड' पेंट तोप और बख्तरबंद रूसी सैन्य वाहनों का सीमा की ओर कूच
इस बीच मीडिया रिपोर्ट के अनुसार रूसी तोपों और सैन्य काफिले को यूक्रेन की सीमा से लगे कर्स्क के पास और बेलेगोरोद में देखा गया है. रूस की सेना के करीब 200 वाहनों पर 'जेड' लिखा हुआ है, जो जल्दबाजी में पेंट किया हुआ लगता है. माना जा रहा है कि सेना के इस जत्थे को निकट भविष्य के लिए अपना काम और योजना दी गई है. यह खबर ऐसे समय में आ रही है, जब रूस बेलारूस में रणनीतिक अभ्यास कर रहा है और साथ ही उसने यूक्रेन की ओर से बमबारी का आरोप लगाते हुए उस पर आपराधिक मामला भी दर्ज किया है. रूस का कहना है कि यूक्रेन की ओर से उसके सीमावर्ती शहर पर एक घंटे तक बमबारी की गई. हालांकि यूक्रेन ने ऐसे किसी हमले से इनकार किया है.

ब्रिटेन ने कहा रूस अन्य पड़ोसी देशों पर भी हमला करेगा
रूस और यूक्रेन के बीच तनातनी को देखकर पश्चिमी देशों ने अपनी चिंता जाहिर की है. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने रूस पर युद्ध के लिए उत्सुक होने का आरोप लगाते हुए कहा है कि वह 1945 के बाद यूरोप के सबसे बड़े युद्ध की योजना बना रहा है. बीबीसी के साथ हुई बातचीत में ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने कहा कि जो संकेत दिख रहे हैं, उनसे तो यही पता चलता है कि रूस ने योजना पर अमल करना शुरू कर दिया है. बोरिस जॉनसन के अनुसार रूस किसी भी वक्त यूक्रेन पर हमला कर सकता है. डेली मेल में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक ब्रिटेन की विदेश सचिव लिज ट्रस ने भी चेतावनी दी है कि अगर पुतिन को यूक्रेन पर हमला करने दिया गया, तो वह अन्य पड़ोसी देशों पर भी हमला करेंगे.

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भारत ने यूक्रेन में रह रहे भारतीयों के लिए जारी की एडवाइजरी
सोवियत संघ के विघटन से पहले रूस के अलावा यूक्रेन, बेलारूस, उज्बेकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, तजाकिस्तान, मोलदोवा, लिथुआनिया, लातविया, किर्गिज्स्तान, कजाख्स्तान, जॉर्जिया, एस्तोनिया, अजरबेजान और आर्मेनिया उसका हिस्सा थे. यूक्रेन संकट को गहराता देखकर भारत पहले ही अपने नागरिकों को वहां से लौटने का परामर्श जारी कर चुका है. दक्षिण कोरिया, फ्रांस और जर्मनी ने भी अपने नागरिकों को यूक्रेन छोड़ने की सलाह दी है. यूक्रेन में भारतीय दूतावास की एडवाइजरी में कहा गया है कि यूक्रेन में जारी उच्च स्तर के तनाव और अनिश्चितता के मद्देनजर सभी भारतीय नागरिक जिनका प्रवास आवश्यक नहीं समझा जाता है और सभी भारतीय छात्रों को अस्थायी रूप से यूक्रेन छोड़ने की सलाह दी जाती है. गौरतलब है कि दो दिन पहले भारतीय दूतावास ने घोषणा की कि एयर इंडिया 22, 24 और 26 फरवरी को कीव और दिल्ली के बीच तीन उड़ानें संचालित करेगी.