Russia-India Relation: रूस और भारत की दोस्ती पूरी दुनिया देख चुकी है. रूस पर कई प्रतिबंधों के बावजूद दोनों देशों में दूरियां कभी नहीं देखी गई. यूक्रेन से युद्ध के दौरान पूरे यूरोप ने उसे अलग-थलग करने की कोशिश की मगर भारत ने कभी उसका साथ नहीं छोड़ा. ऐसे में अमेरिकी प्रतिबंध भी भारत के कदम को रोक नहीं सके. वह भारत के लिए बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता बन गया है. वह देश की ऊर्जा सुरक्षा में अहम योगदान दे रहा है. भारत में रूसी राजदूत डेनिस अलीपोव ने वैश्विक मामलों में भारतीय परिषद और रूसी परिषद वार्ता में यह जानकारी साझा की है.
भारतीय परिषद-रूसी परिषद संवाद में बैठक की अगुवाई करते हुए अलीपोव ने कहा कि रूस भारत का सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता बन चुका है. यह ऊर्जा सुरक्षा में अहम योगदान देने में लगा है. उन्होंने कि इस मामले कई परियोजनाएं चलाई जा रही हैं. इस तरह से हम वैकल्पिक मार्ग भी तैयार करने में लगे हैं ताकि व्यापार को ताकत दी जा सके. विभिन्न क्षेत्रों में कई संभावनाएं बन रही हैं. इस्पात उत्पादन, पेट्रो-रसायन विज्ञान, स्टार्टअप, विमान और जहाज निर्माण आदि में आपार संभावनाएं नजर आ रही हैं.
मॉस्को और दिल्ली के संबंध हमेशा से तटस्थ रहे हैं: डेनिस अलीपोव
भारत में रूसी राजदूत ने कहा कि रूस के पास भारत को देने के लिए बहुत कुछ है. इसके विपरीत इन सभी क्षेत्रों में पश्चिमी कंपनिया अग्रणी रहती हैे. रूसी राजदूत ने कहा, मॉस्को और दिल्ली के संबंध हमेशा से तटस्थ रहे हैं. भारत बहुपक्षीय संस्थानों से रूस को बाहर करने के संबंध तटस्थ रुख अपनाता रहा है. इसमें यूनेस्को और अन्य शामिल है. उन्होंने कहा कि हमारी और भारत की प्राथमिकता रही है कि लोकतंत्र को वैश्चिक शासन के रूप में कायम करना है.
Source : News Nation Bureau