जम्‍मू-कश्‍मीर पर रूस ने भारत के साथ निभाई मित्रता, अलग-थलग पड़ा पाकिस्‍तान

पहले अमेरिका, फिर सुरक्षा परिषद और उसके बाद चीन ने इस मामले में पाकिस्‍तान का साथ देने से इनकार कर दिया. यहां तक कि अफगानिस्‍तान स्‍थित तालिबान ने भी पाकिस्‍तान से जम्‍मू-कश्‍मीर के मामले में शांत रहने की सलाह दी.

पहले अमेरिका, फिर सुरक्षा परिषद और उसके बाद चीन ने इस मामले में पाकिस्‍तान का साथ देने से इनकार कर दिया. यहां तक कि अफगानिस्‍तान स्‍थित तालिबान ने भी पाकिस्‍तान से जम्‍मू-कश्‍मीर के मामले में शांत रहने की सलाह दी.

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Sunil Mishra
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जम्‍मू-कश्‍मीर पर रूस ने भारत के साथ निभाई मित्रता, अलग-थलग पड़ा पाकिस्‍तान

जम्‍मू-कश्‍मीर पर रूस ने निभाई मित्रता, दिया भारत का साथ.

जम्‍मू-कश्‍मीर से अनुच्‍छेद 370 हटाए जाने को लेकर हायतौबा मचा रहे पाकिस्‍तान को हर तरफ से निराशा ही हाथ लग रही है. पहले अमेरिका, फिर सुरक्षा परिषद और उसके बाद चीन ने इस मामले में पाकिस्‍तान का साथ देने से इनकार कर दिया. यहां तक कि अफगानिस्‍तान स्‍थित तालिबान ने भी पाकिस्‍तान से जम्‍मू-कश्‍मीर के मामले में शांत रहने की सलाह दी. अब भारत के परम मित्र देश रूस ने भी इस मामले में अपनी मित्रता निभाते हुए इसे भारत के संविधान के अनूकूल करार दिया है.

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रूस के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा है कि मास्को को उम्मीद है कि जम्मू-कश्मीर राज्य के हालात में भारत द्वारा किए गए बदलाव से पाकिस्‍तान के साथ उसके संबंध प्रभावित नहीं होंगे. रूस ने कहा, हम इस तथ्य से अवगत हैं कि जम्मू-कश्मीर की स्थिति में परिवर्तन और दो केंद्र शासित प्रदेशों में इसके विभाजन का फैसला भारतीय गणराज्य के संविधान के अंतर्गत किए गए हैं.

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रूस के विदेश मंत्रालय ने यह भी कहा है कि रूस भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों के सामान्यीकरण का समर्थक रहा है. हमें उम्मीद है कि उनके बीच के मतभेदों को द्विपक्षीय आधार पर राजनीतिक और राजनयिक तरीकों से हल किया जाएगा और इसमें किसी तीसरे पक्ष की मध्‍यस्‍थता की गुंजाइश नहीं है. 

Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो

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