नहीं थमा रोहिंग्या मुस्लिमों का पलायन, अब तक म्यांमार से बांग्लादेश पहुंचे 582,000 शरणार्थी

बांग्लादेश में पिछले दो दिनों में 10,000 से 15,000 के बीच रोहिंग्या शरणार्थी पहुंचे है, जिससे म्यांमार से भागकर आने वाले इन मुस्लिम अल्पसंख्यकों की कुल संख्या 582,000 हो गई है।

author-image
Jeevan Prakash
एडिट
New Update
नहीं थमा रोहिंग्या मुस्लिमों का पलायन, अब तक म्यांमार से बांग्लादेश पहुंचे 582,000 शरणार्थी

म्यांमार से बांग्लादेश पहुंचे 582,000 रोहिंग्या शरणार्थी (फाइल फोटो)

बांग्लादेश में पिछले दो दिनों में 10,000 से 15,000 के बीच रोहिंग्या शरणार्थी पहुंचे है, जिससे म्यांमार से भागकर आने वाले इन मुस्लिम अल्पसंख्यकों की कुल संख्या 582,000 हो गई है।

Advertisment

शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त (यूएनएचसीआर) ने मंगलवार को यह जानकारी दी। समाचार एजेंसी एफे न्यूज के अनुसार, शरणार्थियों के लिए बने शिविरों में जाने से पहले यह शरणार्थी बांग्लादेशी अधिकारियों द्वारा पंजीकृत होने का इंतजार कर रहे हैं।

जिनेवा में यूएनएचसीआर के प्रवक्ता एंड्रेज महेसिक ने कहा, 'यूएनएचसीआर बांग्लादेश के अधिकारियों से हिंसा से भागकर आने वाले इन शरणार्थियों को तत्काल शरण देने की वकालत कर रहा है।'

कई रोहिंग्या शरणार्थी रविवार को यहां पहुंचे। उन्होंने बताया कि उनके गांवों में आग लगने के बाद उन्हें वहां से जाने के लिए मजबूर किया गया। बांग्लादेश पार करने से पहले उनमें से कई हफ्ते भर चलते रहे।

और पढ़ें: बांग्लादेश के राजदूत ने कहा, हम रोहिंग्या को आतंकी नहीं कह सकते

यूनिसेफ के आंकड़ों के अनुसार, लगभग 60 प्रतिशत रोहिंग्या शरणार्थी बच्चे हैं। यूनिसेफ ने यह चेतावनी भी दी है कि अगर उसे इस संकट से निपटने के लिए ताजा सहायता नहीं मिलती है, तो उसे शरणार्थियों को दी जाने वाली मदद में कटौती करनी पड़ेगी।

यूनिसेफ की प्रवक्ता मैरिक्सी मर्काडो ने कहा कि अगले छह महीनों में रोहिंग्या शरणार्थी बच्चों की सहायता के लिए अभी तक संगठन ने 7.6 करोड़ डॉलर में से केवल सात प्रतिशत जुटाने में सफलता पाई है।

मर्काडो ने कहा, 'बच्चों ने क्रूरता देखी है। उन्हें आश्रय, पानी, टीकाकरण और सुरक्षा के रूप में सहायता की तत्काल आवश्यकता है।'

इस बीच, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अपने पहले चरण में बांग्लादेश के कॉक्स बाजार इलाके में 680,000 रोहिंग्या शरणार्थियों को हैजा से बचने के लिए टीकाकरण संपन्न किया।

दूसरा चरण अगले हफ्ते शुरू हो जाएगा, लेकिन इसमें केवल एक से पांच साल के 200,000 बच्चों का टीकाकरण किया जाएगा।

और पढ़ें: PoK में पावर प्रोजेक्ट पर काम तेज करेगा चीन, भारत करता रहा है विरोध

Source : IANS

Myanmar refugee Crisis UN Bangladesh Rohingya
      
Advertisment