पाकिस्तानी सेना (Pakistan Army) के बाद अब वहां की सत्तारूढ़ इमरान खान की सरकार (Imran Khan Govt) भी पूर्व राष्ट्रपति और सैन्य प्रमुख परवेज मुशर्रफ (Parwez Musharraf) के बचाव में उतर आई है. मुशर्रफ को पाकिस्तान की एक विशेष अदालत (Special Court) ने मंगलवार को उच्च राजद्रोह के एक मामले में मौत की सजा सुनाई थी. पाकिस्तान के अटॉर्नी जनरल अनवर मंसूर (Anwar Mansoor) ने प्रधानमंत्री इमरान खान (PM Imran Khan) की विशेष सहायक फिरदौस आशिक अवान के साथ एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में मंगलवार देर रात घोषणा की कि अदालत का फैसला अनुचित है. पाकिस्तान के पूर्व तानाशाह, परवेज मुशर्रफ (76) फिलहाल दुबई में रहते हैं. सेवानिवृत्त जनरल का दुबई के अस्पताल में बढ़ती उम्र के साथ पनपी बीमारियों का इलाज चल रहा है.
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पाकिस्तानी मीडिया ने अटॉर्नी जनरल के हवाले से बताया कि फैसला सुनाए जाने में तत्परता दिखाए जाने पर सवाल उठाए गए हैं, जबकि मुशर्रफ दुबई में आईसीयू में गंभीर हालात में भर्ती हैं. मंसूर ने अदालत के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि अभियुक्त के बयान को रिकॉर्ड किए बिना उनकी अनुपस्थित में ही फैसला सुना दिया गया.
अटॉर्नी जनरल ने कहा कि इस मामले में एक बड़ी समस्या यह है कि जिन लोगों ने पाकिस्तान में आपातकाल लागू करने के लिए मुशर्रफ की सहायता की थी, उन्हें सह-अभियुक्त नहीं बनाया गया. विशेष अदालत ने मुशर्रफ को देश में आपातकाल लगाने के उच्च राजद्रोह के लिए मौत की सजा सुनाई है. उन्हें बेनजीर भुट्टो हत्याकांड मामले में भी भगोड़ा घोषित किया गया है.
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प्रधानमंत्री इमरान खान के प्रवक्ता ने भी अदालत के फैसले पर टिप्पणी कर सेना को बदनाम करने का आरोप लगाया और विपक्ष की आलोचना की. इमरान खान ने इस मुद्दे पर अपनी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) की एक जरूरी बैठक भी बुलाई है.
उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान सरकार से पहले वहां की सेना भी मुशर्रफ के समर्थन में खुलकर सामने आ चुकी है.
Source : आईएएनएस