वॉशिंगटन पोस्ट से लेकर डॉन तक ने क्या लिखा अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले (Ayodhya Verdict) के बारे में, जानें यहां
Ayodhya Verdict: अयोध्या में मंदिर बनने का रास्ता सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है. हिन्दुओं (Hindu) के सबसे बड़े आराध्य श्रीराम (SriRam) का मंदिर उनके जन्मस्थान पर ही बनेगा.
नई दिल्ली:
अयोध्या में मंदिर बनने का रास्ता सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है. हिन्दुओं (Hindu) के सबसे बड़े आराध्य श्रीराम (SriRam) का मंदिर उनके जन्मस्थान पर ही बनेगा. अयोध्या विवाद पर शनिवार को सुप्रीम कोर्ट ने विवादित 2.77 एकड़ जमीन राम लला विराजमान को दे दी. इस फैसले (Ayodhya Verdict) पर विदेशी मीडिया ने भी कवर किया किया है. अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले (Ayodhya Verdict) के बारे में अमेरिकी अखबार वॉशिंगटन पोस्ट ने कहा कि दशकों पुराने विवाद में यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की बड़ी जीत है. भगवान राम के लिए विवादित स्थल पर मंदिर बनाना लंबे समय से बीजेपी (BJP) का उद्देश्य था.
वॉशिंगटन पोस्ट ने आगे लिखा, 'भारत की सुप्रीम कोर्ट ने देश के सबसे विवादित धार्मिक स्थल को ट्रस्ट को देने का आदेश दिया और जिस जगह कभी मस्जिद हुआ करती थी, उस जगह हिंदू मंदिर के निर्माण का रास्ता साफ कर दिया.'
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एक अन्य अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने कहा, 'सुप्रीम कोर्ट के फैसले (Ayodhya Verdict) से हिंदुओं को उस जगह मंदिर बनाने की अनुमति मिली, जहां पहले मस्जिद हुआ करती थी. हिंदुओं ने इसकी योजना 1992 के बाद तैयार कर ली थी, जब बाबरी मस्जिद गिराई गई थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और उनकी पार्टी बीजेपी (BJP) हिंदू राष्ट्रवाद और अयोध्या में मंदिर बनाने की लहर में ही सत्ता में आए. यह उनके प्लेटफॉर्म का प्रमुख मुद्दा था.'
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वहीं ब्रिटिश अखबार गार्जियन ने भी इसे प्रधानमंत्री मोदी (PM Narendra Modi) और भारतीय जनता पार्टी की बड़ी जीत बताते हुए लिखा कि अयोध्या में राम मंदिर बनाना उनके राष्ट्रवादी एजेंडे का हिस्सा रहा है. यह फैसला ऐसे समय में आया है जब देश के 20 करोड़ मुस्लिम सरकार से डर महसूस कर रहे हैं. अखबार ने कहा कि 1992 में मस्जिद ढहाया जाना भारत में धर्मनिरपेक्षता के नाकाम होने का बड़ा क्षण था.'
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संयुक्त अरब अमीरात की वेबसाइट गल्फ न्यूज लिखता है, '134 साल का विवाद 30 मिनट में सुलझा लिया गया. हिंदुओं को अयोध्या की जमीन मिलेगी. मुस्लिमों को मस्जिद के लिए वैकल्पिक जमीन दी जाएगी.'
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पाकिस्तानी अखबार ‘द डॉन’ ने लिखा, 'भारत की सुप्रीम कोर्ट ने उस विवादित स्थल पर, जहां हिंदुओं ने 1992 में मस्जिद गिराई थी हिंदुओं के पक्ष में फैसला सुना दिया और कहा कि अयोध्या की जमीन पर मंदिर बनाया जाएगा. हालांकि, कोर्ट ने यह मान लिया कि 460 साल पुरानी बाबरी मस्जिद को गिराना कानून का उल्लंघन था. कोर्ट के फैसले (Ayodhya Verdict) से भारत के हिंदू-मुस्लिमों के बीच भारी हुए संबंधों पर बड़ा असर पड़ सकता है.'
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