Advertisment

नया संसद भवन ध्यान भटकाने के लिए है, भाजपा वास्तविक मुद्दों पर चर्चा नहीं कर सकती: राहुल

नया संसद भवन ध्यान भटकाने के लिए है, भाजपा वास्तविक मुद्दों पर चर्चा नहीं कर सकती: राहुल

author-image
IANS
New Update
Rahul Gandhi

(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

Advertisment

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने नए संसद भवन में सांसदों के बैठने के लिए सीटों की संख्या बढ़ाने के बारे में बात करते हुए कहा कि यह ध्यान भटकाने के लिए है क्योंकि भाजपा बेरोजगारी जैसे वास्तविक मुद्दों पर चर्चा नहीं कर सकती।

यहां मंगलवार को प्रवासी भारतीयों से बात करते हुए उन्होंने कहा, मुझे यह देखना होगा कि वे इसे कैसे करने के बारे में सोच रहे हैं। देश के प्रतिनिधित्व ढांचे को बदलते समय बेहद सावधानी की जरूरत है। मैं यह समझना चाहूंगा कि वे 800 की संख्या पर कैसे पहुंचे और वे किस मापदंड का उपयोग कर रहे हैं।

केरल के वायनाड से पूर्व लोकसभा सांसद ने कहा, भारत एक संवाद है। यह अपनी भाषाओं, लोगों, इतिहास और संस्कृतियों संतुलन है, और यह संतुलन निष्पक्ष होना चाहिए। मतलब भारत के सभी हिस्सों, भारत के सभी राज्यों को महसूस होना चाहिए कि इस प्रक्रिया में निष्पक्षता है।

उन्होंने कहा, जब मैं देखूंगा कि वे वास्तव में 800 की संख्या पर कैसे पहुंच रहे हैं तो मैं जवाब दे सकूंगा कि मैं 800 की संख्या से सहमत हूं या नहीं। लेकिन मैंने यह नहीं देखा है कि उन्होंने इसकी गणना कैसे की है।

उन्होंने कहा, यह निर्भर करता है कि अनुपात कैसे बदलते हैं। यह वर्तमान में जनसंख्या पर आधारित है। मुझे लगता है कि संसद भवन ध्यान भटकाने का जरिया है। भारत में वास्तविक मुद्दे बेरोजगारी, मूल्य वृद्धि, क्रोध और घृणा का प्रसार, चरमराती शिक्षा प्रणाली, स्वास्थ्य सुविधाओं की ऊंची कीमत हैं। भाजपा वास्तव में इन मुद्दों पर चर्चा नहीं कर सकती, इसलिए उन्हें राजदंड जैसे काम करने पड़ते हैं, षष्टांग आदि करना पड़ता है।

सैंटा क्लैरा विश्वविद्यालय में भारतीय समुदाय के साथ बातचीत के दौरान वह नव उद्घाटित संसद भवन में 888 सीटों के प्रावधान के बारे में एक सवाल का जवाब दे रहे थे। साथ ही यह भी पूछा गया था कि क्या जनसंख्या के अनुपात में प्रतिनिधित्व उचित है।

राहुल गांधी अमेरिका के छह दिवसीय दौरे पर हैं और वह कैलिफोर्निया, न्यूयॉर्क और वाशिंगटन डीसी में कई कार्यक्रमों में शिरकत करेंगे।

राहुल गांधी ने यह भी कहा कि समझाने का सबसे अच्छा तरीका है - यह नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान है।

इस सवाल का जवाब देते हुए कि वह मुसलमानों को क्या उम्मीद देंगे, राहुल गांधी ने कहा, इसे मुस्लिम समुदाय सबसे अधिक ²ढ़ता से महसूस करता है क्योंकि यह सबसे सीधे उनके साथ किया जाता है, लेकिन वास्तव में यह सभी अल्पसंख्यकों के लिए किया जाता है और उसी तरह आपकी भावनाओं पर हमला किया जाता है। मैं गारंटी के साथ कह सकता हूं कि सिख, ईसाई, दलितों और गरीब भी ऐसा ही सोचते हैं।

उन्होंने कहा, आज भारत में जो भी गरीब है, वह ऐसा ही महसूस करता है। अगर वह चंद लोगों के पास बहुत सा धन देखता है, तो वह उसी तरह महसूस करता है जैसा आप महसूस करते हैं। यही चल रहा है। यह कैसे है कि इन पांच लोगों के पास लाखों करोड़ हैं, और मेरे पास खाने के लिए कुछ भी नहीं है। आप इसे सबसे अधिक महसूस करते हैं क्योंकि यह अधिक प्रत्यक्ष रूप से आप पर निर्देशित है लेकिन यह वास्तविकता है। और आप घृणा को घृणा से नहीं काट सकते, यह असंभव है। आप इसे केवल प्रेम से काट सकते हैं और और भारत में नफरत मिटाना कितना आसान था।

मैंने नहीं सोचा था कि यात्रा निकालने से इसका इतना असर होगा। लोग एक-दूसरे से नफरत करने में विश्वास नहीं करते, मारने में विश्वास नहीं करते। यह लोगों का एक छोटा समूह है, जिनके पास व्यवस्था, मीडिया का नियंत्रण है और जिन्हें बड़े पैसे वालों का पूरा समर्थन है।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

Advertisment
Advertisment
Advertisment